पटना : बिहार विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने कहा है कि विपक्षी महागठबंधन में शामिल सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के मद्देनजर अपने ‘अहंकार’ को छोड़े. बिहार प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सिंह ने प्रदेश में विपक्षी महागठबंधन के नेताओं की लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद पहली बैठक के एक दिन बाद इस आशय की टिप्पणी की है.
महागठबंधन में राष्ट्रीय जनता दल, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर), राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और विकासशील इंसान पार्टी शामिल है. सिंह ने कहा ‘हमें इस तथ्य को स्वीकार करना चाहिए कि बिहार में वर्तमान में केवल एक ही पार्टी वास्तव में मजबूत है, जो कि भारतीय जनता पार्टी है. हम सभी तुलना में बहुत कमजोर हैं.’ सिंह ने कहा कि महागठबंधन के किसी भी घटक के लिए बेहतर मतदाता आधार और विधानसभा में अधिक संख्या बल के अनुसार दावा करना उचित नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘उन्हें (आरजेडी को) विचार करने की जरूरत है कि राज्य में बड़ी पार्टी होने और अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद एक भी सीट पर जीत हासिल करने में कामयाब क्यों नहीं रही. राजनीति में अहंकार उचित नहीं है.’ सिंह ने कहा कि राजग की ‘बाजीगरी’ के बावजूद हम (कांग्रेस) एक सीट जीतने में सफल रहे थे. हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव में आरजेडी ने बिहार के 19 निर्वाचन क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार खड़े किये थे, पर एक भी सीट पर उसे जीत नहीं मिली.
आरबीआइ फंड पर हाथ डाल कर केंद्र सरकार खोज रही आर्थिक संकट का हल
बिहार कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह ने कहा है कि मोदी सरकार आर्थिक संकट का हल आरबीआइ के सरप्लस फंड पर हाथ डाल कर खोज रही है. रिजर्व बैंक के फंड को हाथ लगाने से नया तरह का आर्थिक संकट उत्पन्न होने का खतरा बढ़ गया है. सिंह ने कहा कि रिजर्व बैंक के 84 सालों के इतिहास में यह पहली बार हो रहा है कि केंद्र सरकार दबाव डाल कर सरप्लस फंड को हड़प रही है.