मोकामा : मोकामा में बंद पड़ी भारत वैगन कंपनी की जमीन पर भूमिहीनों के लिए आवास बनेगा. आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) दिल्ली ने शहरी विकास एवं आवास विभाग, पटना, बिहार से इस मामले में रिपोर्ट मांगी है.
प्लॉट के वेरिफिकेशन के बाद फ्लैट निर्माण के लिए डीपीआर तैयार होगा. भूमिहीनों के लिए आवास निर्माण की जिम्मेदारी केंद्रीय भवन निर्माण निगम (एनबीसीसीएल) को मिली है. विभागीय सूत्रों के अनुसार केंद्रीय लैंड मैनेजमेंट एजेंसी व डिपार्टमेंट आफ पब्लिक इंटरप्राइजेज की गाइडलाइन पर आवास निर्माण की सहमति बनी है. इस मामले में केंद्रीय भवन निर्माण निगम ने शहरी मामलों के मंत्रालय से जमीन की मांग की है. मोकामा स्थित मालगाड़ी डब्बा बनाने की इस इकाई में 49 एकड़ जमीन अधिगृहीत है. इसमें तकरीबन 39 एकड़ जमीन पर कारखाना और 10 एकड़ जमीन पर क्वार्टर का निर्माण है. भारत वैगन कर्मियों की छंटनी के बाद क्वार्टर खाली पड़ा है.
क्वार्टरों की मरम्मत करवाकर भूमिहीनों को सौंपने की तैयारी : बताया जा रहा है कि फिलहाल क्वार्टरों की मरम्मत करवाकर भूमिहीनों को सौंपने की तैयारी चल रही है. इधर, कारखाने की मशीनों को हरनौत स्थित रेल कारखाने में स्थानांतरित कर दिया जाएगा. मालूम हो कि नीति आयोग की रिपोर्ट पर रेल मंत्रालय ने मोकामा स्थित मालगाड़ी निर्माण कारखाना को बंद करने का निर्णय लिया था.
बाद में रेल अधिकारियों के ताबड़तोड़ दौरे से इस कारखाने में मेमू के डब्बे की रिपयेरिंग शुरू करने की अटकलें लगायी जा रही थीं, लेकिन हाल ही में इकाई के अंदर पड़ी स्क्रैप व बंद मशीनों को तकरीबन पांच करोड़ में नीलाम कर दिया गया. महज चालू हालत की चार–पांच बड़ी मशीनें कारखाने में पड़ी हैं.
इसे दूसरी जगह भेजने की तैयारी चल रही है. बाद में कंपनी के अंदर की शेड व अन्य कंस्ट्रक्शन का डिस्पोजल की जायेगी. दूसरी ओर, मुजफ्फरपुर स्थित भारत वैगन कारखाने में भी भूमिहीनों के लिए आवास तैयार करने की योजना है. केंद्र ने दोनों कारखाने की लैंड वेरिफिकेशन रिपोर्ट मांगी है.