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Friday, March 29, 2024

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बिना इलाज कराहते रहे मरीज, नहीं पसीजे डॉक्टर, आज से भूख हड़ताल पर रहेंगे मेडिकल छात्र

शहर के अस्पतालों में डॉक्टरों की हड़ताल का दिखा असर पटना : राष्ट्रीय मेडिकल आयोग बिल (एनएमसी) के खिलाफ बिहार सहित पूरे देश के डॉक्टर बुधवार को एक दिवसीय हड़ताल पर रहे. आइएमए के बैनर तले डॉक्टरों की इस हड़ताल का असर शहर के पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, एम्स और एनएमसीएच में देखने को मिला. यहां मरीजों […]

शहर के अस्पतालों में डॉक्टरों की हड़ताल का दिखा असर
पटना : राष्ट्रीय मेडिकल आयोग बिल (एनएमसी) के खिलाफ बिहार सहित पूरे देश के डॉक्टर बुधवार को एक दिवसीय हड़ताल पर रहे. आइएमए के बैनर तले डॉक्टरों की इस हड़ताल का असर शहर के पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, एम्स और एनएमसीएच में देखने को मिला. यहां मरीजों और परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. पीएमसीएच में 20 और एनएमसीएच में 24 ऑपरेशन टाल दिये गये.
पीएमसीएच में 30% और आइजीआइएमएस में 35% मरीज बिना इलाज के लौट गये. पूरी रात मरीज कराहते रहे और वार्ड में मरीज नर्सों के सहारे रहे. वार्ड में सीनियर डॉक्टर राउंड लगाने नहीं आये. हड़ताल का असर शहर के प्राइवेट अस्पतालों में भी देखने को मिला. कई क्लिनिकल पैथोलॉजी व डायग्नोस्टिक सेंटर बंद मिले.
– पीएमसीएच

20 गंभीर मरीजों का टला ऑपरेशन
हड़ताल का असर सबसे अधिक पीएमसीएच में दिखा. हड़ताल के दिन यहां छोटे-बड़े कुल 51 ऑपरेशन होने थे. 31 ऑपरेशन हुए, लेकिन 20 गंभीर मरीजों के ऑपरेशन टालने पड़े. ऑपरेशन को सीनियर डॉक्टरों ने यह कह कर टाल दिया कि सहयोग करने के लिए जूनियर डॉक्टर नहीं थे. पीएमसीएच ओपीडी में प्रतिदिन 2500 से अधिक मरीज उपचार के लिए आते हैं. हड़ताल से 1560 मरीजों का उपचार हुआ. सुबह 11:45 के बाद डॉक्टर अपने चेंबर में उठ कर चले गये.
– आइजीआइएमएस

ओपीडी का गेट कराया बंद इलाज बाधित
आइजीआइएमएस के ओपीडी में मरीजों के इलाज की खबर सुन आइएमए के सदस्य आइजीआइएमएस पहुंच गये और वहां हंगामा करने लगे. आइएमए के समर्थन में जूनियर डॉक्टर भी थे, जिन्होंने मिल कर ओपीडी का गेट बंद कर दिया. ऐसे में कुछ मरीज अंदर रह गये और अधिकांश मरीज ओपीडी के बाहर गेट खुलने का इंतजार करने लगे. आइजीआइएमएस में कुल दो घंटे तक ओपीडी में सेवा बाधित रही. ऐसे में करीब 35% मरीज बिना इलाज के लौट गये. अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे व पैथोलॉजी सेवाएं भी बाधित रहीं.

क्या है एनएमसी बिल
अब तक मेडिकल शिक्षा, मेडिकल संस्थानों और डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन से संबंधित काम मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की जिम्मेदारी थी. लेकिन बिल पास होने के बाद एनएमसी विधेयक मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की जगह लेगा. बिल के तहत 3.5 लाख नॉन मेडिकल लोगों को लाइसेंस देकर सभी प्रकार की दवाइयां लिखने और इलाज करने का कानूनी अधिकार दिया जा रहा है, जिसका डॉक्टर विरोध कर रहे हैं.
आज से भूख हड़ताल पर रहेंगे मेडिकल छात्र
आइएमए के वरीय उपाध्यक्ष डॉ अजय कुमार व सचिव डॉ ब्रजनंदन कुमार ने कहा कि बिहार सहित देशभर के अलग- अलग मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र गुरुवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर रहेंगे. उन्होंने कहा कि देर रात या फिर सुबह छह बजे के बाद अगर राष्ट्रीय आइएमए हड़ताल बढ़ाने की बात कहती है तो हम भी हड़ताल जारी रखेंगे वरना तय समय के अनुसार गुरुवार सुबह छह बजे हड़ताल तोड़ देंगे.
क्या कहते हैं अधीक्षक
हड़ताल से पहले ही हमने सभी सीनियर व जूनियर डॉक्टरों को अलर्ट कर दिया था. वहीं जो मरीज इलाज से वंचित रह गये हैं, प्राथमिकता के आधार पर गुरुवार को उनका उपचार करने को कहा गया है.
– डॉ राजीव रंजन प्रसाद, अधीक्षक, पीएमसीएच

सभी अस्पतालों में मरीज व परिजन दिखे परेशान

– एम्स

500 मरीज आये, पर उनका इलाज नहीं हुआ
फुलवारीशरीफ. सीनियर और जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल से मरीज अधिक परेशान रहे. दूर दराज से आये मरीजों को लौटना पड़ा. सामान्य दिनों में करीब 2500 मरीज इलाज के लिए आते हैं. हड़ताल के कारण 500 मरीज ही पहुंचे, लेकिन उनका भी इलाज नहीं हो सका. वार्ड में भर्ती रोगी को भी किसी तरह की परेशानी नहीं हुई. पटना एम्स के प्रशासनिक भवन के बाहर डॉक्टरों ने प्रदर्शन किया. डाॅक्टरों ने इस बिल के विरोध में नाटक का मंचन भी किया. अस्पताल अधीक्षक डाॅ सीएम सिंह ने बताया कि नये रोगी नहीं देखे गये. इमरजेंसी एंड ट्राॅमा में मरीजों का इलाज हुआ. इमरजेंसी और ट्राॅमा में सामान्य तौर पर काम चला. ओटी में ऑपरेशन हुए और जो भी इमरजेंसी इलाज थे वो सामान्य दिनों की तरह किये गये.
– एनएमसीएच

पटना सिटी : बंद कराया ओपीडी, 24 ऑपरेशन टले
पटना सिटी : हड़ताल की वजह से नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक घंटे की ओपीडी में महज 100 मरीजों का ही उपचार हो पाया. हालांकि 1500 से अधिक नये-पुराने मरीजों ने पंजीयन कराया था. दस मरीजों को भर्ती किया गया. दो दर्जन से अधिक मरीजों का ऑपरेशन भी टालना पड़ा. डॉक्टरों की मानें तो सर्जरी ओटी में 14, गायनी में तीन, इएनटी विभाग में तीन व हड्डी रोग विभाग में चार मेजर ऑपरेशन होने थे. अस्पताल के अधीक्षक डॉ चंद्रशेखर का कहना है कि सुबह में ओपीडी सेवा चली है, ऑपरेशन बाधित हुआ है.
हड़ताली जूनियर डॉक्टरों ने विभागों में घूम-घूम कर सीनियर की ओर से चलाये जा रहे ओपीडी सेवा को बंद कराया. इमरजेंसी के गेट पर हड़ताली चिकित्सकों ने सभा की. इधर, मरीजों में भी उपचार नहीं होने से आक्रोश था.
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