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पटना : पूर्व सीएम का भूखंड आवंटन रद्द करने पर लगी रोक
निगम की कार्रवाई पर कोर्ट नाराज पटना : पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद के एसकेपुरी स्थित भूखंड का लीज आवंटन रद्द करने के मामले में पटना हाइकोर्ट ने पटना नगर निगम के कार्यकलापों पर नाराजगी जतायी है. कोर्ट ने कहा कि निगम तुगलकी फरमान जारी करना बंद करे. कोर्ट ने निगम के लीज आवंटन रद्द […]
निगम की कार्रवाई पर कोर्ट नाराज
पटना : पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद के एसकेपुरी स्थित भूखंड का लीज आवंटन रद्द करने के मामले में पटना हाइकोर्ट ने पटना नगर निगम के कार्यकलापों पर नाराजगी जतायी है. कोर्ट ने कहा कि निगम तुगलकी फरमान जारी करना बंद करे. कोर्ट ने निगम के लीज आवंटन रद्द करने के आदेश पर रोक लगाते हुए अगले आदेश तक किसी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का आदेश निगम को दिया है.
साथ ही निगम को तीन सप्ताह के भीतर जवाब दायर करने का आदेश दिया है. न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद की एकलपीठ ने भूखंड आवंटी कीर्ति वर्धन आजाद तथा रेणुका शर्मा की ओर से दायर रिट याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया. आवेदकों की ओर से अधिवक्ता अशोक कुमार चौधरी ने कोर्ट को बताया कि 1966 में आवासीय भूखंड का आवंटन किया गया था. 1993 से ही इस भूखंड का व्यावसायिक टैक्स दिया जा रहा है. निगम ने इन भूखंडों का 2016-17 तक का व्यावसायिक टैक्स लिया है.
निचली अदालत में सूट दायर करना होगा
कोर्ट को बताया गया कि लीज आवंटन रद्द कर प्रशासनिक आदेश से भूखंड वापस लेने का अधिकार निगम को नहीं है. जमीन वापस लेने के लिए निगम को निचली अदालत में सूट दायर करना होगा. कोर्ट को बताया गया कि निगम में उनकी ओर से दायर जवाब पर विचार किये बगैर उसे रद्द कर दिया गया.
एक ओर निगम व्यावसायिक टैक्स की वसूली कर रहा है और दूसरी ओर भूखंड लीज आवंटन को रद्द किया जा रहा है. अदालत ने फिलहाल निगम के आदेश पर रोक लगाते हुए अगले आदेश तक किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का आदेश निगम को दिया है.
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