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पुणे हादसा : मौत आयी दबे पांव, सूना हो गया घर, रो रहा गांव
महाराष्ट्र के पुणे शहर के समीप कोधवा में दीवार ढहने से कटिहार जिले के एक दर्जन मजदूरों की मौत ने सभी को झकझोर दिया है. मरने वाले अधिकतर मजदूर कटिहार के बलरामपुर थाना क्षेत्र के बघार गांव के हैं. बघार गांव से दो परिवारों के आठ सदस्य की मौत इस हादसे में हो गयी है, […]
महाराष्ट्र के पुणे शहर के समीप कोधवा में दीवार ढहने से कटिहार जिले के एक दर्जन मजदूरों की मौत ने सभी को झकझोर दिया है. मरने वाले अधिकतर मजदूर कटिहार के बलरामपुर थाना क्षेत्र के बघार गांव के हैं. बघार गांव से दो परिवारों के आठ सदस्य की मौत इस हादसे में हो गयी है, जबकि इसी थाना क्षेत्र के आसपास के गांव के भी चार मजदूरों की मौत इस हादसे में हुई है.
घटना की जानकारी मिलते ही डीएम के निर्देश पर बारसोई अनुमंडल पदाधिकारी संबंधित अन्य अधिकारियों के साथ बघार गांव पहुंचे व मृतक के परिजनों से मुलाकात की तथा उन्हें सरकार की ओर से हरसंभव मदद का भरोसा दिया. बघार गांव के कनेज कुमार शर्मा को रात करीब 2:30 बजे पुणे से उनके रिश्तेदार ने मोबाइल पर फोन कर यह पूरी घटना की जानकारी दी. घटना की जानकारी मिलते ही पूरे गांव में कोहराम मच गया.
हर तरफ चीख-पुकार सुनायी पड़ने लगी. मृतक के परिजन सदमे में है. इसी गांव के रवि शर्मा की मौत पुणे के कोधवा हादसे में हो गयी है. सत्यपाल शर्मा व शकुंतला देवी का पुत्र रवि की परवरिश उनके नाना उपेन शर्मा व नानी दुखनी देवी ने किया है. गांव में अभी नाना नानी ही है. रवि के माता पिता अलीगढ़ में है. रवि की मौत की सूचना मिलते ही वह अलीगढ़ से अपने गांव की ओर चल दिए है.
परिजनों ने बताया कि उपेन शर्मा एवं दुखनी देवी को बेटा नहीं रहने की वजह से नाती को ही गोद ले लिया था. सातवीं कक्षा पढ़ने के बाद ही रवि शर्मा बाहर मजदूरी करने के लिए चला गया. 19 वर्षीय रवि शर्मा पिछले कई वर्षों से बाहर ही मजदूरी करता था. अपने नाना नानी का एकमात्र सहारा रवि की मौत से पूरा परिवार हिल गया है. नाना नानी सहित अन्य सदस्यों का रो रो कर बुरा हाल है. इसी हादसे में उपेन शर्मा की बेटी व रवि की मौसी बुलौली देवी भी गंभीर रूप से घायल हो गयी है.
… तो अब कौन बनेगा चेत नारायण का सहारा
बलरामपुर थाना क्षेत्र के बघार गांव में ही 62 वर्षीय चेत नारायण शर्मा का पूरा परिवार भी इस हादसे की भेंट चढ़ गया है. हादसे में चेत नारायण का बेटा सहित चार सदस्य की मौत हो गयी. घटना की खबर सुनते ही चेत नारायण शर्मा व उसकी पत्नी भुरिया देवी सुध बुध खो बैठी है.
गांव के लोग चारों ओर से घेर कर उन्हें समझा बुझा रहा है. पर चेत नारायण व भुरिया देवी शून्य को निहारते है. बहुत कुरेदने पर चेत नारायण कहते है कि दीप रंजन ही उनके बुढ़ापे का सहारा था. अब उनकी देखभाल कौन करेगा. बातचीत में वह कहते हैं कि पहले ही एक बेटा को खो चुके थे. अब दूसरा बेटा भी उन्हें छोड़ चला गया. अब उनकी देखभाल कौन करेगा. चेत नारायण व उनकी पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है. गांव के लोगों ने संभाले हुए है.
पत्नी लक्ष्मी व डेढ़ वर्ष के अनूप की परवरिश की चिंता: बलरामपुर थाना क्षेत्र के बायसबिघी महिसाल निवासी भुवनेश्वर शर्मा के 33 वर्षीय पुत्र आलोक शर्मा की मौत भी इस हादसे में हो गयी है. आलोक भी इसी मंगलवार को पुणे के लिए रवाना हुआ था तथा गुरुवार को वह पुणे पहुंचकर अपने परिजनों को सही सलामत होने की सूचना दी थी.
पर शुक्रवार की देर रात उनकी मौत की सूचना से पूरा परिवार ही मिल गया है. करीब नौ साल से वह पुणे में काम करता था. अभी हाल ही में गांव लौटा और मंगलवार को फिर काम करने के लिए चले गया. पत्नी लक्ष्मी कुमारी ने बताया कि उन्हें डेढ़ वर्ष का पुत्र अनूप कुमार शर्मा है. अब उनकी तथा उनके पुत्र का परवरिश कौन करेगा. उनके लिए यही एक बड़ा सवाल है.
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