पटना : सफेद दाग (विटिलिगो) बीमारी को हमारे समाज में छुआछूत से जोड़ कर देखा जाता है. अज्ञानता की वजह से कुछ लोग इसे कुष्ठ रोग (लेप्रोसी) भी समझ लेते हैं. कई बार सफेद दाग की वजह से मरीज और उसके परिवार को भी सामाजिक भ्रांतियों में पड़ कर नौकरी, शादी-विवाद आदि में परेशानी उठानी पड़ती है.
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डॉक्टर व मेडिकल छात्रों ने निकाली रैली
पटना : सफेद दाग (विटिलिगो) बीमारी को हमारे समाज में छुआछूत से जोड़ कर देखा जाता है. अज्ञानता की वजह से कुछ लोग इसे कुष्ठ रोग (लेप्रोसी) भी समझ लेते हैं. कई बार सफेद दाग की वजह से मरीज और उसके परिवार को भी सामाजिक भ्रांतियों में पड़ कर नौकरी, शादी-विवाद आदि में परेशानी उठानी […]
हालांकि पिछले कुछ सालों से इस बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता देखने को मिली है. यह कहना है एनएमसीएच स्किन रोग विभाग के डॉ विकास शंकर का. दरअसल विश्व विटिलिगो दिवस के मौके पर आइबडीएल बिहार शाखा की ओर से जागरूकता कार्यक्रम व शिविर का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम पीएमसीएच, एनएमसीएच व आइजीआइएमएस संस्थान में किया गया.
वहीं स्कीन रोग विशेषज्ञ डॉ सुधांशु कुमार सिंह व डॉ अभिषेक कुमार झा ने कहा कि दिवस के मौके पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें रंग बिरंगे टोपी व कलर वाले टी-शर्ट पहन डॉक्टर व मेडिकल छात्रों ने रैली निकाली व सफेद दाग को लेकर जागरूक किया. वहीं दूसरी ओर राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में भी विटिलिगो दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
इसमें कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ दिनेश्वर प्रसाद व आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ सुनील कुमार दूबे ने कहा कि आयुर्वेद में सफेद रोग का इलाज संभव है. उन्होंने कहा कि आयुर्वेद में बिना दर्द इस रोग का इलाज संभव है. इस मौके पर काफी संख्या में आयुर्वेद छात्र उपस्थित थे.
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