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पटना : पीएम रोजगार सृजन : दो सौ दिनों में आवेदन निबटारा

दीपक कुमार मिश्रा पटना : केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना का राज्य में बैंकों ने बंटाधार कर दिया है. बैंक इस योजना के प्रति कितने गंभीर हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक आवेदन के निबटारे में दो सौ दिन लग रहे हैं. पिछले वित्तीय वर्ष […]

दीपक कुमार मिश्रा
पटना : केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना का राज्य में बैंकों ने बंटाधार कर दिया है. बैंक इस योजना के प्रति कितने गंभीर हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक आवेदन के निबटारे में दो सौ दिन लग रहे हैं. पिछले वित्तीय वर्ष में बिहार ग्रामीण बैंक ने 303 दिन में आवेदन का निबटारा किया. पिछले वित्तीय वर्ष 2018-19 में लक्ष्य 4338 की जगह 3238 लोगों को ऋण मिला था. लक्ष्य का 89 फीसदी रहा.
योजना के प्रति बैंक हैं उदासीन
पिछले दिनों प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम पर राज्यस्तरीय कार्यशाला हुई थी. इस कार्यशाला में यह बात सामने आया कि पीएमइजीपी के प्रति बैंकों का रवैया काफी उदासीन है. पिछले वित्तीय वर्ष में औसतन बैंक आवेदन को निबटारे में औसतन 200 दिन से अधिक का समय लगाया.
जबकि 45 दिन के भीतर आवेदन का निबटारा हो जाना है. वित्तीय वर्ष 2018-19 में बिहार ग्रामीण बैंक ने 303 दिन , मध्य क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक ने 262 और उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक ने 172 दिनों में आवेदन का निबटारा किया. इसी प्रकार एसबीआइ ने 208, पीएनबी ने 212, सेंट्रल बैंक ने 208, बैंक ऑफ इंडिया ने 216 और बैंक आॅफ बड़ौदा ने 228 दिनों में आवेदन का निबटारा किया.
केनरा बैंक ने 183, यूको बैंक ने 204, इलाहाबाद बैंक ने 257, यूनियन बैंक ने 235, इंडियन बैंक ने 193 और आइडीबीआइ ने 184 दिन में आवेदन का निबटारा किया. इंडियन ओवरसीज बैंक ने 178, यूनाइटेड बैंक ने 218, सिंडिकेट बैंक ने 190, विजया बैंक ने 273, आंध्रा बैंक ने 223 और देना बैंक ने 297 दिन में आवेदन का निबटारा किया.
कार्यशाला में राज्य के उद्योग मंत्री श्याम रजक और उद्योग सचिव लोकेश कुमार सिंह भी मौजूद थे. इन्होंने इस स्थिति पर चिंता जतायी और बैंकों से स्थिति में सुधार लाने को कहा. इसी कार्यशाला में इस बात पर सहमति बनी कि चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 में तय समय सीमा के भीतर आवेदन का निबटारा करना है. इसके लिए वन बैंक वन एप्लीकेशन की योजना भी बनी.

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