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पटना : नाबालिग के अपहरण में रिश्तेदार शिक्षक ने ही निभायी खलनायक की भूमिका, चार गिरफ्तार
पटना : दीदारगंज इलाके से अपहरण किये गये रंजीत कुमार के बेटे रजत कुमार (13) को बाइक ड्राइव करने का काफी शौक था. इसकी जानकारी उसके शिक्षक रिश्तेदार को भी थी और रंजीत के मकान बनाने वाले दोनों सहोदर राजमिस्त्री भाइयों को भी. रजत के इस शौक का फायदा उठाकर शिक्षक रिश्तेदार ने राजमिस्त्री भाइयों […]
पटना : दीदारगंज इलाके से अपहरण किये गये रंजीत कुमार के बेटे रजत कुमार (13) को बाइक ड्राइव करने का काफी शौक था. इसकी जानकारी उसके शिक्षक रिश्तेदार को भी थी और रंजीत के मकान बनाने वाले दोनों सहोदर राजमिस्त्री भाइयों को भी. रजत के इस शौक का फायदा उठाकर शिक्षक रिश्तेदार ने राजमिस्त्री भाइयों से अपहरण कराया था.
मासूम बच्चे को किडनैप करने के लिए खास साजिश रची गयी थी. फिर 30 मई को अपराधियों ने इसे अंजाम दिया. दरअसल, मंगलवार को पटना की एसएसपी गरिमा मलिक ने रजत के किडनैपिंग केस का पूरा खुलासा किया. पुलिस ने अमरनाथ, जयप्रकाश, रौशन कुमार और कैलाश को गिरफ्तार किया है. पुलिस को अब भी दो अपराधियों की तलाश है, जो फरार चल रहे हैं. इसमें रजत का पुराना टीचर भी शामिल था, जो रिश्तेदार भी है. पुलिस ने एक कार्बाइन, तीन गोली, मोबाइल और बाइक को भी जब्त किया है.
घर से बाहर निकला रजत, हो गया विश्वासघात
एसएसपी के अनुसार 30 मई को रजत सामान लाने के लिए घर से बाहर निकला था. बाजार में ही उसकी मुलाकात अमरनाथ और उसके भाई जयप्रकाश से हुई थी. दोनों भाई राज मिस्त्री का काम करते हैं.
रजत इन दोनों को पहचानता था. क्योंकि हाल में ही दीदारगंज इलाके में रजत के पिता रंजीत कुमार ने एक नया घर बनवाया था. अमरनाथ और जयप्रकाश घर बनाने के काम में शामिल थे. उस दिन मुलाकात के दरम्यान रजत को बाइक ड्राइव करने का ऑफर दे दिया. कुछ दूर तक रजत ने खुद बाइक ड्राइव की. इसके बाद अपहरणकर्ताओं ने बाइक अपने हाथ में ले लिया. जब तक रजत को अपने अपहरण का एहसास हुआ तब तक वह लोग उसे लेकर काफी दूर निकल चुके थे.
नवगछिया में था रजक, वैशाली से मांगी फिरौती
एसएसपी के अनुसार अपराधी सबसे पहले वैशाली जिला गये. वहां अपनी गाड़ी बदली, फिर रजत को नवगछिया ले गये. वहां के खरीक गोट गांव में कैलाश शर्मा के घर छिपाकर रखा. लेकिन फिरौती के रूप में 60 लाख रुपये की रकम की डिमांड वैशाली से ही अपराधियों ने की थी.
फिरौती के लिए पहला कॉल 31 मई को किया गया था. बच्चे को सही सलामत बरामद करने के लिए एक एसआइटी बनायी गयी थी. पुलिस ने सबसे पहले अमरनाथ को पकड़ा और फिर जयप्रकाश को पकड़ा गया. फिर पुलिस रौनश तक पहुंची. फिरतौ की रकम रौशन के मोबाइल से ही मांगी गयी थी. इधर, रजत के अपहरणकर्ताओं के चंगुल से वापस लौटने के बाद उसे लेने के लिए पिता रंजीत कुमार एसएसपी कार्यालय पहुंचे. जहां बेटे को सामने देख कर फूट-फूट कर रोने लगे. हालांकि यह उनकी खुशी के आंसू थे.
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