18.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पटना : एक करोड़ में 1.5 किमी का सौंदर्यीकरण अब खोदकर बनाने लगे वेंडिंग जोन

पटना : लगभग छह माह पहले जिस जगह पर पथ निर्माण विभाग की ओर से लगभग एक करोड़ की राशि खर्च कर सौंदर्यीकरण का काम किया गया था. करीब डेढ़ किमी से अधिक लंबे के रास्ते पर पेवर ब्लॉक लगाकर, बीच में डिवाइडर बनाकर एक बेहतर वाहन पार्किंग विकसित की गयी थी. अब उसी रास्ते […]

पटना : लगभग छह माह पहले जिस जगह पर पथ निर्माण विभाग की ओर से लगभग एक करोड़ की राशि खर्च कर सौंदर्यीकरण का काम किया गया था. करीब डेढ़ किमी से अधिक लंबे के रास्ते पर पेवर ब्लॉक लगाकर, बीच में डिवाइडर बनाकर एक बेहतर वाहन पार्किंग विकसित की गयी थी.
अब उसी रास्ते पर वेयर ब्लॉकों को उखाड़ कर, बीच-बीच में पूरे जगह को अस्थायी बैरिकेडिंग कर नगर निगम वेंडिंग जोन बनाने का काम करने लगा है. ऐसे में सवाल है कि अाखिर जब पहले से वेडिंग जोन बनाने के प्लान थे, तो पार्किंग बनाने में राशि क्यों खर्च की गयी? एेसे में अब दोनों विभागों में समन्वय का अभाव अब सरकारी राशि के दुरुपयोग का कारण बन गयी है. दोनों विभाग के अधिकारी विकास व सुविधा के नाम पर सरकारी पैसे को बेकार करने में लगे हैं.
दरअसल लगभग छह माह पहले हाइकोर्ट के निर्देश पर प्रमंडलीय आयुक्त की अगुआई में बोरिंग व बोरिंग कैनाल रोड से अतिक्रमण हटाने का काम किया गया था. इस दौरान
जिला प्रशासन, नगर निगम व पथ निर्माण के अधिकारियों की टीम साथ में थी. अतिक्रमण हटाने के बाद पथ निर्माण की ओर से हड़ताली मोड़ से लेकर राजापुर पुल तक बोरिंग कैनाल रोड के बीच में पार्किंग की जगह विकसित की गयी. कई जगहों पर कट कर निर्माण किया गया.
पेवर ब्लॉक व डिवाइडर बनाकर आम लोगों के लिए फ्री पार्किंग की व्यवस्था की गयी. ये लगभग एक करोड़ का प्रोजेक्ट बना था, जिसमें 80 लाख के करीब राशि खर्च भी की गयी. इस दौरान प्रशासन की ओर से मॉनीटरिंग की जाती थी और नगर निगम के अधिकारी भी अतिक्रमण हटाने में साथ थे. बावजूद इसके नगर निगम के अधिकारियों ने वेंडिंग जोन निर्माण की जानकारी पथ निर्माण को नहीं दी या पार्किंग निर्माण करने से नहीं रोका.
अब नगर निगम की ओर से शहर के फुटपाथी दुकानदारों को जगह देने के लिए बोरिंग कैनाल रोड पर बीच में कई जगहों पर वेंडिंग जोन का निर्माण किया जा रहा है. इसके लिए पहले से लगे पेवर ब्लॉक को हटाने व अन्य निर्माण कार्य किये जा रहे हैं. इस मद में निगम की ओर से लगभग 13 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जानी है. पार्किंग भी बनायी जानी है. जिसमें 564 दुकानदारों को दुकान लगाने की जगह मिलेगी. पार्किंग की भी व्यवस्था की गयी है. ऐसे में सवाल नये निर्माण पर नहीं है. अगर नये निर्माण के लिए नगर निगम के पास योजना थी, तो पथ निर्माण के पैसे को क्यों बर्बाद होने दिया गया.
विभागीय समन्वय समिति बनायी गयी है
पथ निर्माण ने नगर निगम की ओर से एनओसी नहीं ली थी और निगम की ओर से भी इस पर कोई आपत्ति नहीं दर्ज करायी गयी. आगे से इस पर ध्यान रखने के लिए स्मार्ट सिटी में विभागीय समन्वय समिति बनायी गयी है. इससे भविष्य में दो विभागों के भी किसी योजना को लेकर ऐसी समस्या नहीं आये.
– हर्षिता, जनसंपर्क पदाधिकारी, स्मार्ट सिटी नगर निगम

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें