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पटना से गिरफ्तार आतंकी की निशानदेही पर मिली सफलता, पुणे में पकड़ा गया एक और आतंकी

पटना : पटना जंक्शन के पास से गिरफ्तार दो बांग्लादेशी आतंकियों की निशानदेही पर इसके तीसरे साथी को गिरफ्तार करने में सुरक्षा एजेंसियों को बड़ी सफलता मिली है. इस पूरे ऑपरेशन में एनआइए का भी खासा सहयोग रहा. महाराष्ट्र एटीएस और राज्य एटीएस की टीम ने पुणे से आतंकी शरियत मंडल को गिरफ्तार कर लिया. […]

पटना : पटना जंक्शन के पास से गिरफ्तार दो बांग्लादेशी आतंकियों की निशानदेही पर इसके तीसरे साथी को गिरफ्तार करने में सुरक्षा एजेंसियों को बड़ी सफलता मिली है.

इस पूरे ऑपरेशन में एनआइए का भी खासा सहयोग रहा. महाराष्ट्र एटीएस और राज्य एटीएस की टीम ने पुणे से आतंकी शरियत मंडल को गिरफ्तार कर लिया. इसे पुणे के चाकन थाना क्षेत्र के वसुली तालुका रोड से गुरुवार की देर शाम को गिरफ्तार कर लिया गया. यह मूल रूप से पश्चिम बंगाल के नादिया जिला के हासखली थाना क्षेत्र के वाजिदपुर का रहने वाला है. इसे गिरफ्तार करने के बाद महाराष्ट्र कोर्ट में पेश किया गया. इसके बाद इसे भी पूछताछ करने के लिए पटना लाया जा रहा है. यहां तीनों आतंकियों से एक साथ पूछताछ होगी.

गिरफ्तार शरीयत के पास से दो मोबाइल के अलावा एक माइक्रो एसडी कार्ड बरामद किया गया है. यह भी आतंकी संगठन आइएसबीडी (इस्लामिक स्टेट बांग्लादेश) का एक सक्रिय सदस्य है. यह भी अपने पटना से गिरफ्तार दोनों आतंकी साथियों अबु सुल्तान और खैरूल मंडल के साथ भागकर आइएसआइएस ज्वाइन करना चाहता था.

ये तीनों मूल रूप से बांग्लादेशी आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिद्दीन से जुड़े हुए हैं. अबु और खैरूल के भारत आने के कुछ समय बाद यह उनसे मिला और फिर इनके इशारे पर इधर-उधर जाने लगा. पश्चिम बंगाल स्थित अपने पैतृक आवास से यह करीब दो महीने से गायब चल रहा था. यह मुख्य रूप से अबु और खैरूल का फॉलोअर था और इनके इशारे पर किसी घटना को अंजाम देने वाला या कहीं बम रखने वाला एक मुख्य एजेंट था. अबु और खैरूल ने अपने

भ्रमण के दौरान इससे कई बार मुलाकात की. अब तक की जांच में यह बात भी सामने आयी है कि इसने कई

बार इन दोनों आतंकियों को पैसे और कई जरूरत के सामान लाकर मुहैया कराये थे.शरियत इन दोनों के पीछे कई शहरों में भी गया था. हालांकि शरीयत से पूछताछ होने के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो पायेगी कि इसने अपने संबंध के बारे में क्या-क्या बताया है.

इसने दोनों बांग्लादेशी आतंकी की क्या-क्या और कहां-कहां मदद की है. साथ ही शरियत जैसे कितने स्लीपर सेल या इनके एजेंट किन-किन शहरों में मौजूद हैं. इसकी विस्तृत जानकारी भी इससे मिलने की संभावना है. इससे पटना और गया में मौजूद इनके स्लीपर सेल के साथ ही इनकी मदद करने वाले लोगों के बारे में काफी जानकारी मिल सकती है. फिलहाल पूछताछ होने के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो पायेगी.

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