पटना : पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएमआरसीएल) की पहली बैठक सोमवार को हुई, जिसमें बोर्ड ऑफ डायरेक्टरों के बीच यह सहमति बनी कि करमलीचक-राजेंद्रनगर के बीच पहले संभावित रूट का निर्माण कराया जायेगा. नॉर्थ-साउथ कोरिडोर में पड़ने वाले साढ़े पांच किमी के इस रूट में किसी तरह की बाधा नहीं है.
यहां एलिवेटेड रूट का निर्माण कराया जायेगा. इस कोरिडोर में 9.9 किमी एलिवेटेड रूट तैयार किया जाना है. निदेशक मंडल ने कंपनी का कार्यालय इंदिरा भवन के पांचवें तल बनाने पर सहमति दी. पांचवें तल के निर्माण होने तक कंपनी का कार्यालय इंदिरा भवन के सातवें तल पर अस्थायी रूप से काम करेगा. पीएमआरसीएल की बैठक में मेट्रो को गति देने पर कई महत्वपूर्ण फैसले लिये गये. इसमें बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने मेट्रो रेल का अमली रूप देने के लिए अंतरिम परामर्शी की नियुक्ति पर सहमति दी.
अंतरिम परामर्शी की नियुक्ति स्थायी परामर्शी की नियुक्ति तक काम करेगा. बोर्ड ऑफ डायरेक्टरों ने मेट्रो रूट में पड़नेवाली जमीन के अधिग्रहण करने का सरकार से अनुरोध किया. इसमें कहा गया है कि मेट्रो की जमीन चिह्नित करने के लिए संबंधित सभी विभागों के पदाधिकारी भी उपस्थित हों. साथ ही निदेशक मंडल ने कंपनी के आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन के तहत कुछ पदों पर पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति करने का अनुरोध किया गया. इसमें कुल छह पदों पर प्रतिनियुक्ति की जानी है.
इनमें चीफ जनरल मैनेजर (तकनीकी), जनरल मैनेज (प्रोक्योरमेंट), जनरल मैनेजर (वर्क्स), प्रोजेक्ट डायरेक्टर, मुख्य वित्तीय पदाधिकारी और कंपनी सचिव के पद शामिल हैं. निदेशक मंडल ने इस बात पर भी सहमति दी कि जब तक पूर्णकालिक कंपनी सचिव की नियुक्ति नहीं हो जाती है, तब तक रिटेनरशिप पर कंपनी सचिव व एकाउंटेंट की बहाली मासिक आधार पर किया जाये. इसके अलावा कंपनी में मानव संसाधन नीति व नियुक्ति नियमावली के साथ आवश्यक पदों के सृजन पर सहमति बनी.
मेट्रो रेल के शुरुआती दौर में 150-200 पदों के कर्मियों की आवश्यकता होती है. निदेशक मंडल ने कंपनी के प्रबंध निदेशक को पूर्ण रूप से वित्तीय अधिकार सौंप दिया. साथ ही आज की बैठक में कंपनी के शेयर जारी करने पर भी निर्णय लिया गया.
