पटना : स्कूल बस ड्राइवरों के पास कम-से-कम पांच साल का ड्राइविंग का अनुभव होना जरूरी होगा. वैन, बस, ऑटो या किसी अन्य वाहन में यदि लड़कियां होंगी, तो उसमें अनिवार्य रूप से महिला अटेंडेंट रहेंगी. परिवहन विभाग इसके लिए पॉलिसी बना रहा है. कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे प्रदेश भर में लागू कर दिया जायेगा.
बच्चों की पूरी जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधक व बस मालिक की होगी. जांच के लिए राज्य, जिला एवं प्रखंड स्तर तक कमेटी रहेगी, जो बच्चों की सुरक्षा को लेकर किये गये इंतजामों की मॉनीटरिंग करेगी. यह कमेटी जिला प्रशासन के साथ मिल कर जांच अभियान भी चलायेगा.
जरूरी हैं ये नियम, नहीं तो लगेगा जुर्माना, जब्त भी होगी गाड़ी :
– बस की संख्या और उनके नंबर, ड्राइवर का नाम व मोबाइल नंबर, महिला अटेंडेंट की संख्या और नाम व मोबाइल नंबर लिख कर रखें.
– स्कूल प्रबंधन स्कूल का रूट मैप भी अपने पास रखे और जीपीएस सिस्टम से मॉनीटरिंग करें.
– बसों में दो सीसीटीवी कैमरे लगाये जायेंगे, जो अच्छी गुणवत्ता के हों और उनमें डिजिटल वीडियो रिकॉर्डिंग व जूम आदि की क्षमता हो.
– कैमरों में 15 दिनों की पूरी रिकॉर्डिंग की क्षमता रहे और रिकॉर्डिंग का छह महीनों का बैकअप अनिवार्य रूप से रहे.
– गाड़ी में मेडिकल किट और पानी की व्यवस्था हो.