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पटना : सड़क पर उतरे हजारों अधिवक्ता
शिष्टमंडल ने वकीलों की मांग से संबंधित ज्ञापन राज्यपाल को सौंपा पटना : बार काउंसिल ऑफ इंडिया के आह्वान पर प्रदेश के हजारों अधिवक्ता मंगलवार को सड़क पर उतर पड़े. अपनी मांगों के समर्थन में अधिवक्ताओं ने सिविल कोर्ट के जुबली पार्क से कारगिल चौक होते हुए जेपी गोलंबर तक मार्च निकाला. जेपी गोलंबर के […]
शिष्टमंडल ने वकीलों की मांग से संबंधित ज्ञापन राज्यपाल को सौंपा
पटना : बार काउंसिल ऑफ इंडिया के आह्वान पर प्रदेश के हजारों अधिवक्ता मंगलवार को सड़क पर उतर पड़े. अपनी मांगों के समर्थन में अधिवक्ताओं ने सिविल कोर्ट के जुबली पार्क से कारगिल चौक होते हुए जेपी गोलंबर तक मार्च निकाला.
जेपी गोलंबर के पास पुलिस-प्रशासन द्वारा रोके जाने पर बिहार बार काउंसिल के एक शिष्टमंडल ने राजभवन जाकर राज्यपाल को अधिवक्ताओं की मांग से संबंधित ज्ञापन सौंपा.
इस ज्ञापन के माध्यम से अधिवक्ताओं ने मुख्य रूप से राज्य बजट में वकीलों के कल्याणार्थ बजटीय प्रावधान लागू करने, एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लाने, जीवन बीमा समेत मेडिकल की सुविधा उपलब्ध कराने, दूरदराज के क्षेत्रों में काम करने वाले वकीलों को उनके कोर्ट परिसर में बैठने के लिए समुचित व्यवस्था करने आदि मांग रखी. नये वकीलों को पांच साल तक दस हजार स्टाइपेंड देनेतथा हर बार एसोसिएशन में लाइब्रेरी की समुचित व्यवस्था किये जाने की मांग भी की गयी.
इस आंदोलन का प्रतिनिधित्व बिहार बार काउंसिल के उपाध्यक्ष धर्मनाथ प्रसाद यादव, सह-चेयरमैन राजीव कुमार द्विवेदी उर्फ पप्पू दुबे, सदस्य सुदामा राय, रामाकांत शर्मा, जय प्रकाश सिंह, प्रेमनाथ ओझा, डॉ शशि एस किशोर, प्रेम कुमार झा, शाहनाज फातिमा, पंकज कुमार आदि ने किया. सफल आंदोलन पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन और सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता मनन कुमार मिश्र ने बिहार के सभी अधिवक्ताओं को बधाई दी है.
चेयरमैन ने नहीं लिया भाग : इस प्रदर्शन में बिहार बार काउंसिल के चेयरमैन सह महाधिवक्ता ललित किशोर शामिल नहीं हुए.
इस संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि पहले मैं बिहार सरकार का महाधिवक्ता हूं, उसके बाद ही बार काउंसिल का चेयरमैन. राज्य और केंद्र सरकार के विरोध में होने की वजह से वकीलों के इस आंदोलन में शामिल नहीं हो सकता.
अधिवक्ताओं के एकत्रित होने की जगह में परिवर्तन होने से बिहार के कोने-कोने से आये अधिवक्ता हाइकोर्ट तथा आंबेडकर मूर्ति के पास घूमते नजर आये.
पहले अधिवक्ताओं को मिलर स्कूल मैदान में इकट्ठा होना था, लेकिन प्रशासन की मंजूरी नहीं मिलने से स्थल परिवर्तित कर पटना सिविल कोर्ट कर दिया गया. इस परिवर्तन की जानकारी नहीं होने से सैकड़ों की संख्या में वकील पटना सिविल कोर्ट के जुबली पार्क की जगह हाइकोर्ट व आंबेडकर चौक के पास इकट्ठे हो गये.
आंबेडकर चौक के पास हजारों की संख्या में इकट्ठे होकर वकीलों द्वारा अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन किया जाने लगा. आंबेडकर मूर्ति के पास करीब दो घंटे तक चले इस कार्यक्रम के बाद सभी वकील बार काउंसिल भवन आये और वहां से अपने अपने घर वापस लौट गये.
हाइकोर्ट समेत किसी कोर्ट में नहीं हुआ न्यायिक कार्य: आंदोलन की वजह से हाइकोर्ट समेत राज्य के किसी भी कोर्ट में अधिवक्ताओं ने अपना न्यायिक कार्य नहीं किया. हालांकि, इससे संबंधित जानकारी बार काउंसिल और संबंधित एसोसिएशन की ओर से दे दी गयी थी.
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