पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि विश्वविद्यालय के बजाय विभाग को इकाई मानकर आरक्षण देने से दलितों-पिछड़ों को आरक्षण का पूरा लाभ नहीं मिलेगा. इसलिए एनडीए सरकार ने इलाहाबाद हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति (एसएलपी) याचिका दायर कर मजबूती के साथ वंचित वर्गों की दलील पेश की है.
इसके बाद भी फैसला अनुकूल नहीं आया, तो सरकार चैन से नहीं बैठेगी. आरक्षण का लाभ जरूरतमंद वर्गों तक पहुंचाने के लिए हर संभव कानूनी और प्रशासनिक उपाय खोजे जा रहे हैं. कोर्ट से जुड़े मुद्दे को दिल्ली या पटना की सड़क पर उछालना कुछ लोगों के लिए वंचित वर्गों की हमदर्दी पाने का शॉर्टकट हो सकता है, लेकिन यह समस्या का समाधान नहीं है. न्यायपालिका पर भरोसा करने की कसमें खाने वालों काे हंगामा करने के बजाय सरकार की मंशा पर भरोसा करना चाहिए.
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि बिहार के विश्वविद्यालयों में तीन हजार से अधिक पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है और राज्य सरकार इसमें विश्वविद्यालय को ही इकाई मानकर रिजर्वेशन लागू कर रही है, जिससे दलितों-पिछड़ों और अति पिछड़ा समुदाय को पूरा लाभ मिलेगा. लालू प्रसाद ने ट्वीट करके इसके लिए बिहार सरकार को बधाई क्यों नहीं दी.
