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बाढ़ : अंगीठी जलाकर सोया परिवार, दम घुटने से सात बेहोश, बच्चे की मौत, सोने से पहले हर हाल में बंद करें हीटर, रखें ध्यान
जहरीले धुएं की चपेट में आया बाढ़ के गोसाईं मठ का एक परिवार बाढ़ : गोसांईं मठ वार्ड नंबर 16 में लिट्टी बनाने के दौरान लगायी गयी अंगीठी से निकले जहरीले धुएं की चपेट में आकर बंद कमरे में सो रहे एक ही परिवार के सात लोग बेहोश हो गये. इलाज के दौरान एक बच्चे […]
जहरीले धुएं की चपेट में आया बाढ़ के गोसाईं मठ का एक परिवार
बाढ़ : गोसांईं मठ वार्ड नंबर 16 में लिट्टी बनाने के दौरान लगायी गयी अंगीठी से निकले जहरीले धुएं की चपेट में आकर बंद कमरे में सो रहे एक ही परिवार के सात लोग बेहोश हो गये. इलाज के दौरान एक बच्चे की मौत हो गयी, जबकि बेहोशी की हालत में छह लोगों को बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच रेफर कर दिया गया है.
अंगीठी जला कर बनायी गयी थी लिट्टी : जानकारी के अनुसार गोसांईं मठ वार्ड नंबर 16 के निवासी मुन्ना सिंह के परिवार में बुधवार की रात को अंगीठी जला कर लिट्टी बनायी गयी थी. सभी लोग लिट्टी खाकर कमरे का दरवाजा बंद कर अंगीठी को बिना बुझाये सो गये थे. रात में अंगीठी से निकले जहरीले धुएं की चपेट में आकर परिवार के सात सदस्य बेहोश हो गये.
गुरुवार की सुबह दस बजे पड़ोसियों को जानकारी मिलने के बाद सभी लोगों को बेहोशी की हालत में अनुमंडल अस्पताल पहुंचाया गया जहां अस्पताल में इलाज के दौरान मुन्ना सिंह के पांच वर्षीय पुत्र आशीष कुमार की मौत हो गयी. वहीं, दूसरी तरफ मुन्ना सिंह, पूजा देवी, गुड़िया देवी, मोनी, अभिषेक व शिबू को बेहोशी की हालत में चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद पीएमसीएच रेफर कर दिया गया. इलाज के लिए मेडिकल टीम बनायी गयी थी.
कमरा बंद रहने से ऑक्सीजन की कमी हो गयी
चिकित्सकों के अनुसार विषाक्त धुएं के कारण बंद कमरे में सो रहे लोगों को ऑक्सीजन की कमी हो गयी और सभी बेहोश हो गये. इलाज में देरी होने के कारण आशीष ने दम तोड़ दिया. थानाध्यक्ष कामाख्या नारायण सिंह ने बताया कि खाना बनाने के दौरान अंगीठी जलाने के कारण उससे निकले धुएं की चपेट में आने से सभी बीमार हुए हैं. बच्चे की मौत को लेकर थाने में यूडी केस दर्ज किया गया है.
धुएं से हो गयी घुटन
बेहोश हुए लोगों में एक के परिजन गुड्डू ने बताया कि बोरसीनुमा तसले में आग तापने के लिए हरी लकड़ी जलाने के बाद जैसे ही धुआं भरा तो लोगों को खांसी आयी. एक दरवाजा खोल दिया तो कुछ राहत मिली, लेकिन इसके बाद फिर ये लोग बतियाते सो गये.बाद में इनमें एक महिला ने जगाने की कोशिश की तो पता चला कि सभी बेहोश हैं.
गुड्डू ने बताया कि रात में इनका कमरा बंद था. चूंकि मौसम खराब था तो सभी तापते हुए वहीं सो गये थे. उनमें एक होश में था, उसी ने सभी काे बाहर निकलकर सूचित किया. इसके बाद इन्हें किसी तरह यहां लाया गया. परिजनों के साथ मौजूद एक रमावती नाम की महिला ने बताया कि ये लोग हिल-डुल भी नहीं रहे थे.
रखें ध्यान
सोने से पहले हर हाल में बंद करें हीटर, अंगीठी
पीएमसीएच के डॉक्टर व इमरजेंसी इंचार्ज डॉक्टर अभिजीत ने बताया कि सर्दी ने दिनों में इस तरह की समस्या होती है. लोग अलाव या रूम हीटर जला कर बंद कमरे में सो जाते हैं. इस कारण कमरे में आक्सीजन की मात्रा कम होने से सांस लेने में पीने परेशानी होती है.
कमरे में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा भर जाती है, जो व्यक्ति के शरीर को पूरी तरह से प्रभावित करता है. शरीर में सीओटू भरने से व्यक्ति की हालत गंभीर हो जाती है. कई बार व्यक्ति की मौत भी हो जाती है.
ऐसे में गांव हो या शहर, बंद कमरे में हीटर या आग जला कर कभी नहीं सोना चाहिए. अगर कमरे में इस तरह का कोई संसाधन आपने जुटा रखा है, तो कमरे के दरवाजे व खिड़कियां अवश्य खुले रखें और सोने से पहले हर हाल में हीटर या आग को बुझा कर ही सोएं.
तीन पीएमसीएच के आइसीयू व दो जेनरल वार्ड में भर्ती
पटना : चिकित्सकों के अनुसार कमरे में आग सेंकने और फिर कमरा को बंद कर सोने होने के बाद पांचों को हालत खराब हो गयी थी. इसमें पहले स्थानीय इलाज और बाद में मामला गंभीर होने पर दिन के दो बजे पीएमसीएच में भर्ती कराया गया है.
पीएमसीएच अधीक्षक डॉक्टर राजीव रंजन ने बताया कि पीड़ित तीन को आइसीयू में भर्ती कराया गया है. इसमें मोनी (उम्र 16), मुन्ना (उम्र 30) और अभिषेक (उम्र 30) है. इसके अलावा दो जनरल वार्ड में भर्ती है. सभी की हालत गंभीर हैं. कोई भी बात करने की स्थिति में नहीं है.
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