पटना : मकर संक्रांति के अवसर पर सियासी दही-चूड़ा भोज का कार्यक्रम जोरों पर है. इसी क्रम में कांग्रेस की ओर से भी दही-चूड़ा के भोज का आयोजन किया गया. मंगलवार को सदाकत आश्रम में भोज का आयोजन किया गया है. इस भोज में महागठबंधन में शामिल सभी पार्टियों के बड़े नेताओं ने शिरकत की. सदाकत आश्रम में दही-चूड़ा के भोज में पहुंचनेवाले महागठबंधन के दिग्गज नेताओं का स्वागत कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने किया. हालांकि, इस दौरान हम पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी नदारद रहे. उनके बारे में कहा गया है कि वे व्यक्तिगत कारणों से इसमें शामिल नहीं हो पाये हैं. मांझी के प्रतिनिधि के रूप में हम की ओर से वृष्णि पटेल पहुंचे. इसके साथ ही शरद यादव भी भोज में शामिल नहीं हुए.
भोज में पहुंचे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में सीट शेयरिंग की जानकारी जल्द दी जायेगी. इस दौरान पहली बार कन्हैया के पक्ष में बोलते हुए तेजस्वी ने कहा कि जो बीजेपी के खिलाफ बोलता है उसपर मुकदमा होता है. हमारे फील्ड के लोगों के साथ ऐसा ही हो रहा है. इससे पहले कुशवाहा ने कहा कि खरमास खत्म हुआ अब टिकट बंटवारे पर बात होगी. यूपी में BJP का खाता नहीं खुलेगा, हम एकजुट हैं.
सपा और बसपा गठबंधन के बाद यूपी जाने को लेकर तेजस्वी ने कहा कि यूपी में हमने शिष्टाचार मुलाकात थी. हमने वहां नये गठबंधन की बधाई दी. हमारा मकसद बीजेपी को हराना है. बीजेपी प्रयास में थी कि गठबंधन न हो. हम चाहते हैं देश भर में महागठबंधन हो. हम सबसे छोटे हैं, किसी पर दबाव बनाने नहीं गये. यूपी में बड़ी पार्टी सपा है. वहां उन्होंने अपने हिसाब से गठबंधन बनाया. बिहार में हमारा अलग गठबंधन है. हमारा मकसद देश बचाना है.
दही-चूड़ा के इस भोज में कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा, रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा, बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और वीआईपी पार्टी सुप्रीमो व निषाद नेता मुकेश सहनी ने एक साथ भोज का आनंद लिया. खास बात ये रही कि उपेंद्र कुशवाहा और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने अपने हाथों से तेजस्वी को खिलाया. भोज के बाद महागठबंधन के नेताओं की बैठक बंद कमरे में चली. विदित हो कि मकर संक्रांति के मौके पर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष की ओर से दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया गया था. इस भोज में राजग के सारे नेता शामिल हुए थे. इसके साथ ही लोजपा के भी दही-चूड़ा भोज में एनडीए की एकजुटता देखने को मिली थी.