पटना : जीएसटी कौंसिल की 32 वीं बैठक में लिए गये निर्णयों के बाबत उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि जीएसटी के अंतर्मत अनिवार्य निबंधन की सीमा सालाना 20 लाख के टर्नओवर को बढ़ा कर 40 लाख करने और कम्पोजिशन स्कीम जिसके अंतर्गत करदाताओं को केवल 1 प्रतिशत कर देना होता है, की सीमा सालाना एक करोड़ टर्नओवर से बढ़ा कर डेढ़ करोड़ करने से बिहार के छोटे करदाताओं को बड़ी राहत मिली है.
सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में नियमित व कम्पोजिशन स्कीम के अंतर्गत 3 लाख 87 हजार (2.88 लाख नियमित और 99 हजार कम्पोजिशन स्कीम) करदाता निबंधित है. नियमित करदाताओं के लिए अनिवार्य निबंधन की सीमा 20 से बढ़ा कर 40 लाख सालाना टर्नओवर करने से बिहार में 50,395 करदाता ऐसे होंगे जिनके पास विकल्प होगा कि वे जीएसटी में रहे या निकल जाएं, इससे मात्र 80 करोड़ का राजस्व प्रभावित होगा.
जीएसटी लागू होने से पहले डेढ़ करोड़ तक टर्नओवर वाले उत्पादकों को उत्पाद कर से छूट मिली हुई थी, मगर जीएसटी के तहत सालाना 20 लाख से अधिक टर्न ओवर वालों के लिए निबंधन अनिवार्य होने से सूक्ष्म व लघु उद्योगों की परेशानियां बढ़ गयी थी जबकि उनसे नाममात्र का राजस्व प्राप्त होता है. डेढ़ करोड़ तक सालाना टर्नओवर वाले कम्पोजिशन डीलरों को अब त्रैमासिक की जगह वार्षिक व्यय विवरणी दाखिल करने की सुविधा होगी. इसके अलावा अब तक कम्पोजिशन स्कीम से बाहर रहे 50 लाख सालाना टर्नओवर वाले सेवा प्रदाता मात्र 6 प्रतिशत कर का भुगतान कर कम्पोजिशन स्कीम का लाभ ले सकेंगे.