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पटना : 52 हजार भूमिहीनों को भूदान की जमीन मिलेगी
पटना : राज्य में चिह्नित लगभग 52 हजार भूमिहीनों को घर बनाने के लिए भूदान की जमीन मिलेगी.सरकार की ओर से भूदान की जमीन वितरण करने के बाद भूमिहीनों को कागजात सौंपे जायेंगे. जिसे पहले से कोई सरकारी जमीन नहीं मिली है, केवल ऐसे भूमिहीनों को ही जमीन मिलेगी. भूदान की जमीन पर कोई बहुत […]
पटना : राज्य में चिह्नित लगभग 52 हजार भूमिहीनों को घर बनाने के लिए भूदान की जमीन मिलेगी.सरकार की ओर से भूदान की जमीन वितरण करने के बाद भूमिहीनों को कागजात सौंपे जायेंगे. जिसे पहले से कोई सरकारी जमीन नहीं मिली है, केवल ऐसे भूमिहीनों को ही जमीन मिलेगी. भूदान की जमीन पर कोई बहुत पहले से काबिज है, तो उसे उक्त जमीन ट्रांसफर कर दी जायेगी. भूमिहीनों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा, अतिपिछड़ा व महादलित परिवार शामिल हैं.
इसके लिए लगभग 2600 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी. भूदान की जमीन उपलब्ध कराने से सरकार को कोई अतिरिक्त राशि भी खर्च नहीं होगी.
सरकार ने भूदान की वितरण योग्य जमीन की तलाश कर घर बनाने के लिए भूमिहीनों को जमीन देने का निर्णय लिया है. सरकारी घोषणा के मुताबिक सरकारी जमीन उपलब्ध नहीं होने पर खरीद कर जमीन देने की योजना है. सरकार बची हुई भूदान की लगभग तीन लाख एकड़ जमीन में वितरण योग्य जमीन की तलाश शुरू कर दी है. भूदान वितरण जांच आयोग को तीन जिलों सुपौल, समस्तीपुर व बक्सर में लगभग 1100 एकड़ जमीन मिली है.
राज्य में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा, अतिपिछड़ा व महादलित 52 हजार परिवारों को घर बनाने के लिए जमीन नहीं है.
इसमें पिछड़ी जाति के लगभग 7921, अति पिछड़ी जाति के लगभग 5322, अनुसूचित जाति के लगभग 7251, अनुसूचित जनजाति के लगभग 2839 व महादलित के लगभग 28 हजार 632 परिवार आज भी जहां-तहां बसे हैं. सरकार ऐसे परिवारों को बसने के लिए भूदान में मिली जमीन देगी. सरकार द्वारा भूदान की जमीन की जांच के लिए गठित आयोग की सूत्रों के अनुसार भूदान की वितरण योग्य जमीन पर सबसे पहले उनलोगों का हक होगा.
सरकार ने भूमिहीनों को पांच-पांच डिसमिल जमीन देने का निर्णय लिया है. ऐसे में भूदान की जमीन मिलने पर देने में सहूलियत होगी. इसके लिए सरकार को अतिरिक्त राशि खर्च नहीं करनी पड़ेगी. आयोग की मानें तो कहीं-कहीं भूदान में दी गयी जमीन पर दानदाता का ही कब्जा है. सरकार ऐसी जमीन की तलाश कर भूमिहीनों को देगी.
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