पटना : राष्ट्रीय जनता दल में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से मिल कर लौटे उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव राजनीति में एक बार फिर सक्रिय हो गये हैं. वह 24 दिसंबर सोमवार से पार्टी कार्यालय में जनता दरबार लगा कर पार्टी कार्यकर्ताओं समेत आम जनता की पीड़ा ना सिर्फ सुन रहे हैं, बल्कि उसके समाधान के लिए संबंधित अधिकारी से संपर्क कर निराकरण भी कर रहे हैं. पत्रकारों से बातचीत में सोमवार को आयोजित जनता दरबार के दौरान उन्होंने कहा था कि अगर पार्टी की कमान उन्हें मिलती है, तो वह पार्टी को संभालने के लिए तैयार हैं. तेज प्रताप यादव के बयान के बाद सियासत में उबाल आ गया है. एक ओर उनकी ही पार्टी के नेता उन्हें अपना नेता ना मानते हुए उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव में अपनी आस्था व्यक्त कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर विपक्षी पार्टियों ने भी चुटकी लेना शुरू कर दिया है.
राजद नेता व प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने तेज प्रताप यादव को पार्टी की कमान सौंपे जाने के सवाल पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि हमारे नेता लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव हैं. साथ ही उन्होंने तेज प्रताप को नयी जिम्मेदारी दिये जाने पर कहा कि अगर पार्टी में कोई सहयोग करता है, तो उसका स्वागत हैं. अभी ऐसी कोई बात मेरे सामने नहीं आयी है. अगर ऐसी कोई बात सामने आती है, तो आगे की रणनीति आगे देखेंगे.
भाई वीरेंद्र के बयान आने के बाद जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने चुटकी लेते हुए कहा है कि तेज प्रताप यादव को आखिर राजद की कमान क्यों नहीं मिल सकती है? तेज प्रताप यादव राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे हैं. शैक्षणिक योग्यता में भी तेजस्वी यादव से ज्यादा पढ़े-लिखे हैं. चुनाव में भी वह अधिक वोटों के अंतर से जीते हैं. अगर वह पूजा-पाठ करते हैं, बांसूरी बजाते हैं, तो गलत क्या है? साथ ही उन्होंने पार्टी नेताओं को चुनौती देते हुए कहा है कि अगर राजद नेताओं में हिम्मत है, तो तेज प्रताप यादव का विरोध करके दिखाएं.