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पटना : प्लास्टिक की थैली पर प्रतिबंध की तैयारी पूरी, टास्क फोर्स से लेकर निगरानी समिति का गठन, जुर्माना तय
पटना : जिले में प्लास्टिक की थैली पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी चल रही है. इसको लेकर शनिवार को जिलाधिकारी कुमार रवि नगर निगम से लेकर अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये. 14 दिसंबर से पूर्ण प्रतिबंध लगाने को लेकर नगर निगम, स्पेशल टास्क फोर्स, प्रशासनिक अधिकारियों को जिम्मेदारी तय […]
पटना : जिले में प्लास्टिक की थैली पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी चल रही है. इसको लेकर शनिवार को जिलाधिकारी कुमार रवि नगर निगम से लेकर अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये. 14 दिसंबर से पूर्ण प्रतिबंध लगाने को लेकर नगर निगम, स्पेशल टास्क फोर्स, प्रशासनिक अधिकारियों को जिम्मेदारी तय कर दी गयी है. बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि प्रतिबंध में बिहार राज्य के सभी नगर निगमों, नगरपालिकाओं एवं नगर पंचायतों के अधिकारिता में कोई भी व्यक्ति, जिसमें दुकानदार, विक्रेता, थोक विक्रेता, फुटकर विक्रेता, व्यापारी, फेरी वाला अथवा सब्जी वाला आदि सम्मिलित हैं. उन्होंने कहा कि बिहार नगरपालिका प्लास्टिक अपशिष्ठ प्रबंधन उपविधि-2018 के तहत स्टिक थैली पर 14 दिसंबर से पूर्ण प्रतिबंध है.
छापेमारी व जागरण के लिए अभियान : जिलाधिकारी ने कहा कि 14 दिसंबर से लगातार छापेमारी, जब्ती, जुर्माना तथा निगरानी की कार्रवाई करते हुए प्रतिदिन समीक्षा होगी. नगर विकास आवास विभाग द्वारा चलाये जा रहे जन-जागरण अभियान को सघन बनाकर प्रतिबंध को शत-प्रतिशत सफल बनाने में भूमिका निभायी जायेगी. जिलाधिकारी ने नगर आयुक्त को निर्देश दिया कि नगर निकाय के स्तर से चलाये जा रहे प्रचार-प्रसार अभियान के तहत प्रचार गाड़ी पूरे नगर निगम क्षेत्र निकाला जाये. जिला जनसंपर्क पदाधिकारी फ्लैक्स के माध्यम से प्रचार-प्रसार करेंगे. जिलाधिकारी ने कहा कि जिला एवं अनुमंडल स्तर पर सभी कार्यालयों को प्लास्टिक थैली मुक्त घोषित किया जाना एवं प्लास्टिक के अन्य विकल्प को अपनाने तथा प्रतिबंध के उल्लंघन पर दंड को प्रदर्शित करना होगा.
स्टॉल लगाकर बेचा जायेगा जूट व कपड़ा का थैला
जिलाधिकारी ने कहा कि विभाग द्वारा जीविका को प्लास्टिक थैली के विकल्प के रूप में जूट,कपड़े के थैले एवं कागज के ठोंगा इत्यादि विकल्प को शहरी क्षेत्रों में इस्तेमाल के लिए उपलब्ध कराने के लिए आग्रह किया गया है. इस कार्य में जिला पदाधिकारी जीविका को कियोस्क लगाने के लिए आवश्यक जगह उपलब्ध कराते हुए अन्य जरूरी सहयोग उपलब्ध करायेंगे.
जिला स्तरीय समीक्षा व मॉनिटरिंग समिति का गठन
जिलाधिकारी ने कहा कि जिला स्तरीय समीक्षा एवं मॉनिटरिंग समिति का गठन किया गया है.जिसमें जिला मजिस्ट्रेट, जिले के सभी शहरी स्थानीय निकाय के मेयर एवं सभापति, जिले के सभी शहरी स्थानीय निकाय के नगर आयुक्त, कार्यपालक पदाधिकारी, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के जिले में वरिष्ठतम प्रभारी पदाधिकारी, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पदाधिकारी (क्षेत्रीय अधिकारी, एईई,वैज्ञानिक) मनोनीत सदस्य शहरी विकास के क्षेत्र में विशेष जानकारी एवं अनुभव रखने वाले सामाजिक या सार्वजनिक क्षेत्र से जिले का कोई प्रख्यात व्यक्ति (जिला मजिस्ट्रेट द्वारा मनोनित), शहरी विकास के क्षेत्र में जिले में सिविल सोसाइटी संगठन कार्य का कोई प्रख्यात व्यक्ति, पदाधिकारी (जिला मजिस्ट्रेट द्वारा मनोनीत), वरिष्ठ नागरिक कोटि में कोई प्रख्यात व्यक्ति (जिला मजिस्ट्रेट द्वारा मनोनीत) रहेंगे. समिति जिले में प्लास्टिक की थैली के प्रतिबंध को लेकर रिपोर्ट तैयार करेगी.
सिटी-स्क्वाड टास्क फोर्स
जिलाधिकारी ने कहा कि सिटी-स्क्वाड टास्क फोर्स का गठन किया जायेगा जिसकी मुख्य जिम्मेदारी प्लास्टिक स्टॉक की औचक छापेमारी कर जब्त करना, जुर्माना वसूलना होगा. इसमें जिला प्रशासन के पदाधिकारी, शहरी स्थानीय निकाय के पदाधिकारी (नगरपालिका आयुक्त, कार्यपालक पदाधिकारी, सिटी प्रबंधक/सहायक अभियंता), पुलिस विभाग के पदाधिकारी (निरीक्षक-अवर निरीक्षक), जिला प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पदाधिकारी (क्षेत्रीय अधिकारी,एईई, वैज्ञानिक), स्थानीय एनजीओ से सदस्य, स्वयं सहायता समूह के सद
स्य रहेंगे.
कई वर्गों में बांटा गया है दंड
प्लास्टिक के कैरी बैग बैन का उल्लंघन करने वालों पर दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी. इसमें मोटाई और आकार का विचार किये बिना प्लास्टिक कैरी बैगों के उत्पादन, वितरण, व्यवसाय, भंडारण विक्रय करने पर पहली बार में दो हजार रुपये, द्वितीय बार में तीन हजार रुपये तथा प्रत्येक बार दुहराये जाने पर पांच हजार रुपये का जुर्माना किया जायेगा. वहीं व्यापारिक उपयोगकर्ता अगर पहली बार बंदी का उल्लंघन करते हैं तो 1500 रुपये, द्वितीय बार में 2500 रुपये तथा प्रत्येक बार दोहराये जाने पर 3500 रुपये जुर्माना किया जायेगा. वहीं घरेलू उपयोगकर्ता मामले में पहली बार में 100 रुपये, द्वितीय बार में 200 रुपये तथा प्रत्येक बार दोहराये जाने पर 500 रुपये जुर्माना किया जायेगा.
इसके अलावा प्लास्टिक अपशिष्ट को खुले में जलाने पर प्रथम बार में 2000 रुपये, द्वितीय बार में 3000 रुपये तथा प्रत्येक बार दोहराये जाने पर 5000 रुपये जुर्माना किया जायेगा. सार्वजनिक स्थानों, पार्क, नाला पुरातात्विक स्थलों तथा अन्य प्रतिबंधित स्थानों में प्लास्टिक अपशिष्ट को फैलाने पर प्रथम बार में 1000 रुपये, द्वितीय बार में 1500 रुपये तथा प्रत्येक बार दोहराये जाने पर 2000 रुपये जुर्माना किया जायेगा. वहीं शहरी स्थानीय निकाय को सूचना दिये बिना और इस उपविधि के अनुसार व्यवस्था किये बिना कोई सभा या समारोह में एक सौ से अधिक व्यक्तियों को जमा करने के जिम्मेदार प्रत्येक व्यक्ति को प्रथम बार में 1500 रुपये, द्वितीय बार में 2000 रुपये तथा प्रत्येक बार दोहराये जाने पर 2500 रुपये जुर्माना किया जायेगा.
14 दिसंबर से पहले समाप्त करना होगा स्टॉक
बैठक में जानकारी दी गयी कि प्रतिबंध में कुछ छूट दी गयी है. इसमें जैव चिकित्सा अपशिष्ट का संग्रहण, भंडारण में उपयोग किये जाने वाले प्लास्टिक कैरी बैग शामिल है, लेकिन इसकी मोटाई 50 माईक्रोन से अधिक होना चाहिए.
खाद्य पदार्थों, दूध एवं दूध उत्पादों की पैकेजिंग के प्रयोग होने वाले प्लास्टिक कंटेनर. पौधशालाओं में पौधा उगाने के लिए प्रयुक्त होने वाले प्लास्टिक बैग (मोटाई 50 माइक्रोन से अधिक) लेकिन, इसका पुन: संग्रहण एवं उनके सुरक्षित निबटारे को भी संबंधित नर्सरी द्वारा सुनिश्चित किया जाना चाहिए, इनको छूट दी गयी है. जिलाधिकारी ने कहा कि जिला प्रशासन के स्तर से प्लास्टिक थैली के सभी आयात कर्ता, विनिर्माण कर्ता , वितरण, भंडार कर्ता, व्यापारी एवं थोक विक्रेताओं को चिह्नित कर उन्हें प्रतिबंध के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराते हुए 14 दिसंबर से पूर्व स्टॉक समाप्ति के लिए नोटिस दिया जाये.
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