13.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

रात के 12 बजे तक मिलने की उम्मीद बांधे हुए थे उपेंद्र कुशवाहा, नहीं मिले पीएम मोदी, अल्टीमेटम की अवधि हुई समाप्त

पटना : रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की अवधि शुक्रवार को समाप्त हो गयी. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा समय नहीं दिये जाने के बाद उन्होंने ट्वीट कर प्रधानमंत्री से 27-30 नवंबर के बीच मिलने का समय मांगा था. प्रधानमंत्री विदेश में हैं. ऐसे में उनके मिलने की उम्मीदें क्षीण […]

पटना : रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की अवधि शुक्रवार को समाप्त हो गयी. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा समय नहीं दिये जाने के बाद उन्होंने ट्वीट कर प्रधानमंत्री से 27-30 नवंबर के बीच मिलने का समय मांगा था. प्रधानमंत्री विदेश में हैं. ऐसे में उनके मिलने की उम्मीदें क्षीण पड़ गयी. हालांकि, कुशवाहा रात के 12 बजे तक प्रधानमंत्री से मिलने की उम्मीद बांधे हुए थे. पर, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.
एनडीए के बीच रहकर अलग तरह की राजनीति करने वाले उपेंद्र कुशवाहा कभी खीर पकाते रहे तो कभी शिक्षा की अलख जगाते रहे. अब उनके अगले कदम का इंतजार दोनों गठबंधनों के नेताओं को है. अब तक उन्होंने अपना पत्ता साफ नहीं किया है. अगर वे अपना पत्ता साफ भी करते हैं तो उनके राजनीतिक सफर में ऑल इज वेल की स्थिति नहीं है.
उपेंद्र कुशवाहा के एनडीए में शामिल होने के कुछ समय बाद ही स्थिति विपरीत दिशा में जाने लगी. जहानाबाद के सांसद अरुण कुमार ने बीच में ही उनका साथ छोड़ दिया. इधर, बिहार में उनके दो विधायक ललन पासवान और सुधांशु शेखर भी मजबूती से उनके साथ खड़े नहीं दिख रहे हैं.
जदयू के एनडीए में शामिल होने के बाद तो कुशवाहा की तल्खी और बढ़ने लगी. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार द्वारा बिहार की लोकसभा की बराबर-बराबर सीटों के बंटवारे की घोषणा ने रालोसपा प्रमुख की बेचैनी और बढ़ी दी. राजनीति के इस घटनाक्रम ने एनडीए में रहने वाले उपेंद्र कुशवाहा की पहले से अधिक सीटों की मांग पूरी होती नहीं दिखती. उधर, किसी भी गठबंधन में अधिक सीटों को लेकर कोई पहल के संकेत भी नहीं हैं. राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने उनको महागठबंधन में आने का न्योता दिया, पर सीटों पर कुछ भी नहीं कहा.
कुशवाहा काराकाट संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित हैं. महागठबंधन में इस सीट पर राजद की कांति सिंह की पक्की दावेदारी है. वह इस सीट से लोकसभा भी पहुंच चुकी हैं.
ऐसे में कम उम्मीद है कि राजद वहां से कांति सिंह का टिकट को लेकर कोई विचार करेगा. इसी तरह से सीतामढ़ी की सीट रालोसपा के सांसद के खाते में है. यह सीट भी राजद की परंपरागत मानी जाती है. इसी तरह रालोसपा की नजर जहानाबाद सीट पर है, जहां राजद के सुरेंद्र यादव राजद के प्रबल दावेदार हैं. जहानाबाद से रालोसपा के नेता नागमणि भी उम्मीदवार हो सकते हैं. उजियारपुर संसदीय क्षेत्र पर राजद के आलोक मेहता की दावेदारी है. यहां पर नागमणि खुद या उनकी पत्नी के लिए टिकट की दावेदारी कर सकते हैं.
Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel