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पटना : महिलाओं के खिलाफ साइबर क्राइम पर कसेगा शिकंजा

कवायद : सीसीपीडब्ल्यूसी के तहत गृह मंत्रालय की है योजना, दो करोड़ 47 लाख रुपये की स्वीकृति साइबर फोरेंसिंक साइंस लैबोरेटरी व ट्रेनिंग सेंटर के लिए मिली राशि, अत्याधुनिक मशीनें भी खरीदी जायेंगी राजेश कुमार सिंह पटना : महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले साइबर क्राइम पर शिकंजा कसने के लिए राज्य स्तर पर […]

कवायद : सीसीपीडब्ल्यूसी के तहत गृह मंत्रालय की है योजना, दो करोड़ 47 लाख रुपये की स्वीकृति
साइबर फोरेंसिंक साइंस लैबोरेटरी व ट्रेनिंग सेंटर के लिए मिली राशि, अत्याधुनिक मशीनें भी खरीदी जायेंगी
राजेश कुमार सिंह
पटना : महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले साइबर क्राइम पर शिकंजा कसने के लिए राज्य स्तर पर भी काम शुरू हो चुका है. साइबर क्राइम प्रीवेंशन अगेंस्ट वुमेन एंड चिल्ड्रेन (सीसीपीडब्ल्यूसी) योजना के तहत दो करोड़ 47 लाख रुपये की स्वीकृति दी गयी है.
यह राशि साइबर क्राइम से बनने वाले लैब, प्रशिक्षण व अत्याधुनिक मशीनें खरीदने पर खर्च होंगी. गृह विभाग ने आकस्मिकता निधि से अग्रिम राशि विमुक्ति की अनुमति दे दी है. इस बाबत महालेखाकार कार्यालय को भी गृह विभाग के अवर सचिव गिरीश मोहन ठाकुर ने पत्र लिख दिया है.
यौन अपराधियों का आंकड़ा हुआ ऑनलाइन
यौन अपराधियों का भी डाटा ऑनलाइन कर दिया गया है. पुलिस या कोई और जांच एजेंसी किसी भी यौन अपराधी की कुंडली ऑनलाइन खंगाल सकती है. आम व्यक्ति भी अपराधियों का ब्योरा पोर्टल के माध्यम से जान सकेंगे.
बिहार से ऐसे 55 हजार अपराधियों का डाटा अपलोड किया गया है. नेशनल डाटाबेस ऑफ सेक्सुअल ऑफेंडर्स (NDSO) के डाटाबेस में बिहार से 55 हजार अपराधियों का ब्योरा शामिल है. खास बात यह है कि पुलिस को शिकायत गंभीरता से लेनी होगी और केस की निगरानी के लिए वरिष्ठ अफसर तैनात करना होगा.
खुद गृह मंत्रालय भी केस पर नजर रखेगा और प्रगति की रिपोर्ट लेगा. गृह मंत्रालय की सुपरविजन में जहां केस की जांच तेजी से हो सकेगी, वहीं पुलिस भी जांच में लापरवाही नहीं बरत सकेगी. साइबर अपराध मुख्य रूप से ई-मेल, सोशल साइट, एप डाउनलोड, नेट बैंकिंग और एटीएम कार्ड की जानकारी लेकर किये जाते हैं.
साइबर अपराध के मामले में बिहार 26वें नंबर पर
साइबर अपराध में बिहार की रैंक देश में 26वीं है. पहले स्थान पर असम है. दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र, तीसरे स्थान पर कर्नाटक है. देश की राजधानी दिल्ली 19वें स्थान पर है. साइबर अपराध के जरिये यौन शोषण से जुड़े छह मामले वर्ष 2016 में बिहार में दर्ज किये गये थे. असम में 41, गुजरात में 28, कर्नाटक में 41, महाराष्ट्र में 144 और उत्तर प्रदेश में 138 मामले सामने आये थे. इस तरह के बढ़ते अपराधों को देखते हुए भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने गंभीरता दिखायी है. कुछ माह पहले ही क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल नाम से एक वेबसाइट लांच की गयी थी.
इस पर पीड़ित सीधे ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकता है. महिला व बच्चों से संबंधित साइबर क्राइम की शिकायत हो तो आपको भटकने की जरूरत नहीं. cybercrime.gov.in वेबसाइट पर साइबर अपराध, ठगी, चाइल्ड पोर्नोग्राफी और रेप जैसी घटनाओं की शिकायतें दर्ज करायी जा सकती हैं. इसके बाद जांच होगी और वह मामला संबंधित राज्य को भेज दिया जायेगा.

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