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दशरथ मांझी के बहाने नीतीश ने जीतन राम मांझी पर ली चुटकी, कहा- बैठाया था कुर्सी पर जिसे लोगों ने देखा

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री सह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने आज पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी का नाम लिये बिना उनपरचुटकीली. नीतीश कुमार ने दशरथ मांझी के बहाने जीतन राम मांझी परतंजसकते हुए कहा, हमने दशरथ मांझी को अपनी कुर्सी पर बैठाया था, दशरथ मांझी […]

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री सह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने आज पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी का नाम लिये बिना उनपरचुटकीली. नीतीश कुमार ने दशरथ मांझी के बहाने जीतन राम मांझी परतंजसकते हुए कहा, हमने दशरथ मांझी को अपनी कुर्सी पर बैठाया था, दशरथ मांझी को सम्मान दिया था. हमने एक और को अपनी कुर्सी पर बैठाया था, खैर वो अलग बात है.

असाध्य श्रम के माध्यम से अपनी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाने वाले दशरथ मांझी के नाम पर पटना में स्थापित संस्थान का गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उद्घाटनकरतेहुए अपने संबोधन में उक्त बातें कही. माउंटेनमैन कहलाने वाले दशरथ मांझी के कठिन परिश्रम और संकल्प को याद करते हुए नीतीश कुमार ने कहा मुख्यमंत्री रहने के दौरान दशरथ मांझी उनके जनता दरबार में पहुंचे थे. जब जनता दरबार खत्म हो गया तो दशरथ मांझी को सम्मान देने के भाव से अपनी कुर्सी पर बैठा दिया था. इसकी खबर अगले दिन के अखबारों में आठ लाइन की हेडलाइन बनी. दशरथ मांझी के बहाने उन्होंने बिना नाम लिये पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की ओर इशारा करते हुए कहा कि एक दूसरे मांझी को भी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया था. इसे लोगों ने देखा है. दूसरे तो अलग ही चीज निकले.

मजबूत इरादे के पक्के थे मांझी : सीएम
नीतीश कुमार ने कहा कि दशरथ मांझी मजबूत इरादे के थे. उन्होंने 22 साल की मेहनत से पहाड़ काटकर रास्ता बना दिया. वहीं इंदिरा गांधी से मिलने के लिए दिल्ली जाने के पैसे नहीं थे, लेकिन पैदल ही दिल्ली पहुंच कर इंदिरा गांधी से मिले. ये युवाओं के प्रेरणास्रोत हैं. इस समारोह के अवसर पर उन्होंने दशरथ मांझी के पुत्र भगीरथ मांझी को सम्मानित किया.

श्रमिकों के लिए राशि की नहीं है कमी : नीतीश
मुख्यमंत्रीनीतीश कुमार ने कहा, प्रदेश में निर्माण कार्य से जुड़े श्रमिकों के निबंधन में तेजी लाएं जिससे कि उन सभी को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके. श्रमिकों के लिए राशि की कमी नहीं है, इसलिए तय करें कि इन्हें किन सुविधाओं और योजनाओं का लाभ दिया जा सकता है. फिलहाल राज्य में 11 लाख श्रमिकों का निबंधन हो चुका है. सीएम ने कहा कि दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान की स्थापना श्रम और नियोजन से संबंधित विषयों पर शोध, प्रशिक्षण, क्षमता विकास, मूल्यांकन आदि कार्यों के लिए की गयी है. इस संस्थान को वीवी गिरी राष्ट्रीय श्रम संस्थान की तर्ज पर विकसित किया जायेगा.

दशरथ मांझी के नाम पर चल रही कई योजनाएं
नीतीश कुमार ने कहा कि बड़े लोगों के नाम पर योजना चलायी जाती है, लेकिन 20-22 साल तक पहाड़ काट कर रास्ता बनाने वाले दशरथ मांझी के नाम पर योजना चल रही है. इस अवसर पर दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान और अन्य कई संस्थानों के बीच समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किये गये. इसमें वीवी गिरी राष्ट्रीय श्रम संस्थान, एएसएमएसीएस शामिल हैं. इस अवसर पर कौशल प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन करने वाले युवाओं को सम्मानित किया गया.

Prabhat Khabar Digital Desk
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