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पटना : पशु संसाधनों के सुदृढ़ीकरण से समेकित कृषि होगी सुदृढ़ : राज्यपाल
बीआईटी कैंपस में एनीमल न्यूट्रीशन एसोसिएशन एक्शन-2018 पटना : बिहार की समृद्धि का आधार कृषि-व्यवस्था है. राज्य में कृषि का विकास तभी संभव होगा, जब कृषि के सभी अनुषंगी क्षेत्र का भी समुचित विकास हो. कृषि के विकास का अर्थ है पशु-संसाधन का पर्याप्त विकास हो, मत्स्य-पालन की आधारभूत संरचना विकसित की जाये, कुक्कुट-पालन, अंडा […]
बीआईटी कैंपस में एनीमल न्यूट्रीशन एसोसिएशन एक्शन-2018
पटना : बिहार की समृद्धि का आधार कृषि-व्यवस्था है. राज्य में कृषि का विकास तभी संभव होगा, जब कृषि के सभी अनुषंगी क्षेत्र का भी समुचित विकास हो. कृषि के विकास का अर्थ है पशु-संसाधन का पर्याप्त विकास हो, मत्स्य-पालन की आधारभूत संरचना विकसित की जाये, कुक्कुट-पालन, अंडा उत्पादन, साग-सब्जी एवं फलों के उत्पादन को भी पर्याप्त बढ़ावा मिले.
ये बातें राज्यपाल, लालजी टंडन ने स्थानीय बीआईटी कैंपस सभागार में आयोजित एनीमल न्यूट्रीशन एसोसिएशन एक्शन-2018 का उद्घाटन करते हुए कही. राज्यपाल ने कहा कि बिहार में भूमि उपजाऊ है, किसान परिश्रमी हैं, प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता है. आदान-प्रदान की व्यवस्था सुदृढ़ हो जाये तो निश्चय ही बिहार में कृषि आर्थिक समृद्धि का एक प्रमुख कारक बन जायेगी.
अल्प व्यय पर उपयोगी पशुधन का विकास भी आवश्यक
राज्यपाल टंडन ने कहा कि कृषि में जैसे हम जैविक खेती की ओर तेजी से उन्मुख हो रहे हैं, उसी तरह देशी नस्ल की गायों को पालने वाले किसानों को भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. श्री टंडन ने कहा कि विदेशी नस्ल की गायों की स्वास्थ्य-रक्षा तथा पालन पर काफी खर्च करने पड़ते हैं.
ठीक इसके विपरीत देशी नस्ल की गायों को पालने में काफी कम राशि व्यय होती है तथा ये भारतीय जलवायु और प्रकृति के अनुकूल भी हैं. ये कम लागत वाली होने के साथ-साथ भारत में काफी उपयोगी और स्वास्थ्यप्रद भी हैं. राज्यपाल ने कहा कि ‘जीरो बजट’ पर आधारित कृषि-विकास की तरह अल्प व्यय पर उपयोगी पशुधन का विकास भी अत्यंत आवश्यक है.
फरवरी-मार्च महीने में कृषि प्रदर्शनी
राज्यपाल ने बताया कि कृषि-विकास के प्रति सजगता एवं अभिरूचि पैदा करने के उद्देश्य से राजभवन परिसर में अगले साल फरवरी-मार्च महीने में कृषि प्रदर्शनी आयोजित कराने का निर्णय लिया गया है.
राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत बिहार के बक्सर के डुमरांव में देश का 18वां एवं राज्य का पहला ‘गोकुल ग्राम’ बनेगा. इस योजना के तहत वैज्ञानिक ढंग से स्वदेशी नस्लों के संरक्षण एवं संवर्द्धन में सहायता मिलेगी. राज्य के पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री पशुपति कुमार ‘पारस ने कहा कि राज्य में गुणवत्तापूर्ण पशु-चिकित्सालयों की स्थापना, नयी पशु-प्रजनन नीति आदि के कार्यान्वयन आदि विशेष पहल हो रही है.
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