पटना : बिहार सरकार ने जमीनों में दरार उत्पन्न होने, फसलों में मुरझाने का प्रभाव, उपज में 33 प्रतिशत या उससे अधिक उत्पादन में कमी की संभावना को देखते हुए राज्य के 23 प्रभावित जिलों के 206 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया है. आपदा प्रबंधन विभाग से सोमवार को प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के 23 प्रभावित जिलों के 206 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है.
बिहार सरकार ने इन सूखाग्रस्त किसानों से सहकारिता ऋण, राजस्व लगान एवं सेस, पटवन शुल्क एवं विद्युत शुल्क जो सीधे कृषि से संबंधित हो, की वसूली वर्ष 2018-19 के लिए स्थगित रहेगी. साथ ही धान की रोपनी को बचाने के लिए कृषि विभाग द्वारा पांच पटवन के लिए डीजल अनुदान दिया जा रहा है. इसी प्रकार नहरों से भी अंतिम छोर तक सिंचाई उपलब्ध कराते हुए जलाशयों में सुलभ संचित जल से भी सिंचाई का प्रबंध कराया गया है. इस क्रम में राजकीय एवं निजी नलकूपों के द्वारा भी सिंचाई करायी जा रही है तथा कृषि उपयोग हेतु बिजली की भी निर्बाध आपूर्ति की जा रही है.