पटना: सरकार अब सौ की आबादीवाले टोलों को भी चापाकल उपलब्ध करायेगी. ढाई सौ की आबादी की अनिवार्यता खत्म होगी. मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को पीएचइडी की समीक्षा के दौरान चापाकल योजना को प्रभावकारी बनाने के लिए मुख्य सचिव को अपने स्तर से बैठक करने और इसके लिए नीति व रणनीति तैयार कर इसे सफल बनाने का निर्देश दिया.
खाली पदों को भरें : मुख्यमंत्री ने बारी-बारी से सभी ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजनाओं व मिनी जलापूर्ति योजना की समीक्षा की और उनकी अद्यतन स्थिति की जानकारी ली. उन्होंने खाली पड़े पदों को शीघ्र भरने का भी निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि गांव का संपूर्ण विकास बिना शुद्ध पेयजल, सफाई और स्वच्छता के संभव नहीं है. अधिकारियों को क्षेत्र का भ्रमण करने और आम लोगों की शिकायतों से रू-ब-रू होने को कहा. उन्होंने कहा कि अधिकारियों या कर्मियों की शिथिलता सहन नहीं की जायेगी. सीएम को बताया गया कि विभाग में सहायक अभियंता के 330 व कनीय अभियंता के 54 पद रिक्त हैं. उन्होंने निर्देश दिया कि इन रिक्तियों को अनुबंध के आधार पर समय सीमा के अंदर भरें. सभी लंबित योजनाओं को दिसंबर तक पूरा किया जाए. बैठक में पीएचइडी मंत्री महाचंद्र प्रसाद सिंह, मुख्य सचिव अशोक कुमार सिन्हा, विकास आयुक्त आलोक कुमार सिन्हा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह, प्रधान सचिव स्वास्थ्य दीपक कुमार, प्रधान सचिव नगर विकास संदीप पौंड्रिक, प्रधान सचिव पीएचइडी अंशुली आर्य, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, मुख्य अभियंता अरविंद कुमार सहित कई अधिकारी मौजूद थे.
शौचालय निर्माण को मिशन के रूप में लें
प्रधान सचिव अंशुली आर्य ने बताया कि पाइप जलापूर्ति योजना व मिनी जलापूर्ति योजना का भौतिक सत्यापन यूनिसेफ के माध्यम से कराये जाने का प्रस्ताव है. बैठक में बिजली बिलों के भुगतान की भी चर्चा की गयी. मुख्यमंत्री ने बिजली बिलों के भुगतान के लिए केंद्रीयकृत योजना बनाने को कहा, ताकि बिल के जमा कराने व सुधार में अधिकारियों का समय बरबाद न हो. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन योजनाओं के लिए अब तक जमीन नहीं मिल सकी है, उनके लिए मुख्य सचिव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से डीएम के साथ समीक्षा करें.
शौचालय निर्माण की प्रगति पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने इसे मिशन के रूप में लेने को कहा. उन्होंने कहा कि शौचालय नहीं रहना सामाजिक अभिशाप है, इसका कुप्रभाव विशेष रूप से महिलाओं पर पड़ता है. प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत चयनित गांवों में शत-प्रतिशत घरों में शौचालय का निर्माण कराएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि सुलभ इंटरनेशनल एक प्रतिष्ठित संस्था है. सुलभ इंटरनेशनल या उसकी जैसी अन्य संस्थाओं से अनुरोध किया जाये कि वे ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय निर्माण में अपनी भागीदारी दें.