पटना : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के खिलाफ बिहार की राजधानी पटना और बेगूसराय जिले में प्रदेश में सत्तासीन भाजपा के इशारे पर ”झूठा” आरोप लगाकर प्राथमिकी दर्ज कराने का आरोप लगाते हुए बुधवार को कहा कि उन्हें निशाना बनाया जाना उन्हें मिल रहे अपार जन समर्थन पर भाजपा-आरएसएस की बौखलाहट है.
भाकपा राष्ट्रीय कार्यकारणी एवं बिहार राज्य सचिव मंडल सदस्य रामनरेश पांडेय और सचिव मंडल के एक अन्य सदस्य जब्बार आलम ने आज यहां संयुक्त रूप से पत्रकारों को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि कन्हैया कुमार के खिलाफ पटना और बेगूसराय जिला में प्रदेश में सत्तासीन भाजपा के इशारे पर ”झूठे” आरोप लगाकर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है और उन्हें निशाना बनाया जाना कन्हैया को मिल रहे अपार जन समर्थन पर भाजपा-आरएसएस की बौखलाहट है.
उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं कन्हैया के जीवन पर खतरा पैदा करती है, इसलिए हम केंद्र एवं राज्य सरकार से अविलंब उन्हें कड़ी सुरक्षा प्रदान करने की मांग करते हैं. पांडेय ने आरोप लगाया कि 16 अक्टूबर को बेगूसराय जिले के मंसूरचक में भाकपा की 25 अक्टूबर को प्रस्तावित ‘‘भाजपा हराओ देश बचाओ” रैली की तैयारी सभा को संबोधित कर वे लौट रहे थे. उसी क्रम में भगवानपुर में एक शिक्षक मधुसूदन कुशवाहा से मिलने गये तभी भाजपा युवा मोर्चा एवं बजरंग दल के गुंडों ने लोहे के रड, लाठी, डंडों से उसके काफिले पर जानलेवा हमला किया जिसमें भाकपा के दो कार्यकर्ता शंभू देवा एवं राकेश कुमार घायल हो गये एवं छह गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गयीं.
उन्होंने आरोप लगाया कि दो दिनों पूर्व पटना स्थित एम्स में उन्हें देशद्रोही कह कर अपने एक मरीज साथी से मिलने में रोका गया और भाजपा समर्थित डाॅक्टरों ने उनपर झूठा मुकदमा दर्ज किया. पांडेय ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता एवं बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने उन्हें उपद्रवी बताते हुए कहा था कि ‘‘बिहार जेएनयू नहीं है”. उन्होंने आरोप लगाया कि कन्हैया पर हमले ऐसी ही सोच एवं उकसावे का परिणाम है.
पांडेय ने आरोप लगाया कि जबसे कन्हैया भाकपा की प्रस्तावित ‘‘भाजपा हराओ देश बचाओ” रैली की तैयारी में विभिन्न स्थानों में जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं, तब से उन्हें धमकियां दिये जाने के साथ उनपर हमले भी किये जा रहे हैं. उन्होंने राज्य एवं केंद्र सरकार से कन्हैया को कड़ी सुरक्षा प्रदान किये जाने और उनपर दर्ज झूठे मुकदमों को वापस लिए जाने की मांग की.