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बोले सीएम नीतीश कुमार- विरोधी कार्रवाई में ईमानदारी बरते पुलिस, आम लोगों की सुरक्षा की भी चिंता करे पुलिस
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुलिस के आला अधिकारियों को आईना दिखाते हुए नसीहत दी है कि वह आम आदमी के लिए भी सोचें. उसकी सुरक्षा की चिंता करें. अपने अंदर झांकें और शराब विरोधी कार्रवाई में ईमानदारी व पारदर्शिता बरते. हालांकि बिहार पुलिस की अच्छी बात यह है कि उस पर सांप्रदायिकता का […]
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुलिस के आला अधिकारियों को आईना दिखाते हुए नसीहत दी है कि वह आम आदमी के लिए भी सोचें. उसकी सुरक्षा की चिंता करें. अपने अंदर झांकें और शराब विरोधी कार्रवाई में ईमानदारी व पारदर्शिता बरते. हालांकि बिहार पुलिस की अच्छी बात यह है कि उस पर सांप्रदायिकता का दाग नहीं है.
वे शुक्रवार को नवनिर्मित पुलिस मुख्यालय के आडिटोरियम में सरदार पटेल भवन (पुलिस मुख्यालय) सहित 109 पुलिस भवनों का उद्घाटन करने के बाद पुलिस के आला अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे. सीएम ने कहा है कि हम लोग तो पुलिस की सुरक्षा की भी सोचते हैं.
60 साइबर क्राइम यूनिट : जनता के बारे में सोचिए. जनता की सुरक्षा का काम तो पुलिस का है. कानून बनाकर पुलिस काे शक्तियां दी गयी हैं. कानूनी अधिकार दिया गया है. जब हम सरकार की तरफ से इतनी आपकी चिंता करते हैं तो मेरी भी तो अपेक्षा है कि आप भी तो कुछ करिये या ऐसे ही छोड़ दीजियेगा लोगों को भगवान के भरोसे. कुछ क्रिमिनल्स के भरोसे. जो मन में आये सो करे. सीएम ने कहा कि लोकतांत्रिक सरकार सभी की चिंता करती है, लेकिन क्यों चिंता करती है. क्योंकि जिसकी जो जिम्मेदारी है वह भी जनता की चिंता करे.
पुलिस मुख्यालय भवन काे नाम सरदार भवन पटेल क्यों दिया गया इसका जिक्र करते हुए सीएम ने कहा कि इसलिए हम कहेंगे कि सरदार पटेल के नाम पर ऐसा सुरक्षित मुख्यालय दिया है तो आप लोग जनता को भी सुरक्षित करिये. इस दाैरान उन्होंने शहर की उस घटना का जिक्र किया जिसमें एक महिला अपनी रक्षा के लिए सड़क पर दौड़ रही थी और पेट्रोलिंग टीम पान की दुकान पर खड़ी थी. बापू के सात सामाजिक पाप कर्म से सीख लेने और सोशल मीडिया को लेकर आगाह करते हुए कहा कि हमको नहीं लगता कि पृथ्वी 200 साल भी बचेगी.
समाज में 19 साल पहले ऐसी कटुता नहीं थी. कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव, भवन निर्माण मंत्री महेश्वर हजारी, मुख्य सचिव दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक केएस द्विवेदी, बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक सुनील कुमार, प्रधान सचिव गृह आमिर सुबहानी एवं भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव चंचल कुमार ने भी विचार रखे. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य पीएन राय, डीजी बीएमपी गुप्तेश्वर पांडेय, प्रधान सचिव आपदा प्रबंधन प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा आदि उपस्थित थे.
भवन 320 करोड़ में बनकर तैयार
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल भवन निर्धारित बजट 337 करोड़ की जगह 320 करोड़ में बनकर तैयार हुआ है. पुलिस महकमे के सभी अधिकारी जल्दी ही नये भवन में शिफ्ट हो जाये. सभी लोग समय से आएं यह सुनिश्चित करें. इस इमारत पर जो हैलीपेड है वह लोगों के आने- जाने के लिए नहीं है, इमरजेंसी आपरेशन के लिए रहेगा. आपदा विभाग और पुलिस हर समय किसी भी आपातकालीन स्थिति से निबटने के लिए तैयार रहेंगे. आपदा विभाग यहीं से पूरा फंक्शन करेगा.
डीजीपी को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि सोचिये विचारिये कि किस तरह कानून का पालन हो. अपराध रुके. भ्रष्टाचार से कैसे निकला जाये. पुलिस सामाजिक सरोकार निभाये तो जल्दी परिवर्तन आयेगा. डीजीपी साहब ऐसा मत करियेगा कि यहां भी आ जाएं और वहां भी खाली न करें. यहां (सरदार पटेल भवन) आपकी विदाई के लिए खूब जगह है. यहां से आपकी गाड़ी को ज्यादा लोग खींचकर विदा कर सकेंगे. त्योहार पर विशेषकर प्रतिमा विसर्जन वाले दिन अलर्ट रहिये.
जल्दी भर्ती और अन्य निर्माण योजनाएं पूरी कीजिए. आपलोगों की जिम्मेवारी है कि इस भवन से थाने की डायरेक्ट मानीटरिंग की व्यवस्था कीजिए. लोगों को भी यहां आने का अवसर दीजिए ताकि वे अपनी शिकायतें आप तक रख सकें. मैं भी सप्ताह में एक दिन यहां आऊंगा. सीएम ने यह भी कहा कि हम पुलिस को हेलीकॉप्टर देना चाहते हैं लेकिन डीजीपी निर्णय ही नहीं ले रहे हैं.
भूकंप आया तो पटना में मर जायेंगे पांच लाख लोग
सीएम ने भुज के भूकंप और उससे हुई तबाही को याद करते हुए कहा कि हमको विशेषज्ञों ने बताया था कि अगर इसी रिक्टर पैमाने का भूकंप पटना में आया तो 5 लाख से ज्यादा लोगों की मौत होगी. बिहार में वर्ष 2005 में कार्यभार संभालने के बाद आपदा प्रबंधन विभाग को मजबूत बनाया गया, जिसकी हालत पहले काफी खराब थी.
उस समय आपदा पीड़ितों को सिर्फ बाढ़ राहत के नाम पर 25 किलो अनाज वो भी तीन महीने बाद मिला करता था. मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस मुख्यालय पुराना सचिवालय में रहा है, जहां काफी असुविधा हो रही थी. हमने निर्णय किया कि इस मुख्य मार्ग पर पुलिस मुख्यालय स्थापित किया जाये. जहां आपदा प्रबंधन की भी व्यवस्था हो. हम लोगों से कहेंगे कि वह अपने घर भूकंपरोधी बनाएं.
भवन निर्माण विभाग को आदेश दिया है कि वह सरकारी इमारतों को भूकंपरोधी बनाए . राज्य की ऐसी इमारतें जिनको वह ऐतिहासिक मानती है उनकी रेट्रोफिटिंग की जाये. इन इमारतों में स्टेट गेस्ट हाउस, राजभवन, पुराना सचिवालय, हाई कोर्ट की पुरानी बिल्डिंग आदि प्रमुख हैं. वहां जिन इमारतों में रेट्रोफिटिंग और नवनिर्माण के खर्च में 15 फीसदी तक का अंतर है तो उन इमारतों को नये सिरे से बनाया जाये.
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