नयी दिल्ली : बिहार के विधायक औसतन सालाना 9.71 लाख रुपये कमाते हैं. औसतन सालाना कमाने में सबसे ऊपर कर्नाटक और सबसे नीचे छत्तीसगढ़ के विधायक हैं. कर्नाटक के विधायकों की औसत सालाना आय 111.4 लाख रुपये और छत्तीसगढ़ के विधायकों की औसत सालाना आय 5.4 लाख रुपये है.अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेश के विधायक (12.85), उत्तराखंड (11.6), दिल्ली (9.39), बिहार (9.71) और झारखंड के 7.38 लाख रुपये सालाना कमाते हैं.‘एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफॉर्म एंड दि नेशनल इलेक्टशन वाच’ के ताजा सर्वेक्षण में यह जानकारी सामने आयी है.
महिला विधायकों के मुकाबले पुरुष विधायक दोगुने से भी ज्यादा कमाते हैं
अध्ययन रिपोर्ट के मुताबिक, विधायकों में महिला और पुरुषों की आय में भारी अंतर दिखाई देता है. पुरुष विधायकों की औसत आय महिला विधायकों के मुकाबले दोगुने से भी अधिक है. अध्ययन में यह भी पाया गया कि जिन विधायकों ने अपनेआप को अशिक्षित बताया है, उनकी अपनी औसत सालाना आय 9.31 लाख रुपये है. कुल विधायकों में से करीब आधे विधायकों ने अपना व्यवसाय कृषि या फिर कारोबार बताया है.
देश भर के 4086 विधायकों में से 3145 विधायकों के शपथपत्र का किया गया विश्लेषण
चुनाव सुधारों की वकालत करनेवाले इस समूह ने कहा है कि उन्होंने देशभर के मौजूदा 4,086 विधायकों में से 3,145 विधायकों द्वारा दिये गये शपथपत्र का विश्लेषण किया है. इनमें 941 विधायकों ने अपनी आय की घोषणा नहीं की है, इसलिए उन्हें इस रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया है. इस अध्ययन में वर्तमान विधायकों की खुद की सालाना आय पर ही गौर किया गया है. अध्ययन के मुताबिक, मौजूदा 3,145 विधायकों की औसत सालाना आय 24.59 लाख रुपये है, जबकि इसमें से दक्षिणी क्षेत्र के 711 विधायकों की आसत सालाना आय सबसे ज्यादा 51.99 लाख रुपये आंकी गयी है. वहीं, पूर्वी क्षेत्र के 614 विधायकों की औसत सालाना आय सबसे कम 8.53 लाख रुपये रही है.
कर्नाटक के विधायकों की सालाना आय 111.4 लाख रुपये तो छत्तीसगढ़ के विधायकों की सालाना आय महज 5.4 लाख रुपये
राज्यवार अध्ययन के मुताबिक, कर्नाटक के 203 विधायकों की औसत सालाना आय सबसे ज्यादा 111.4 लाख रुपये है. इसके बाद महाराष्ट्र के विधायकों की औसत आय 43.4 लाख रुपये रही है. इसमें महाराष्ट्र के 256 विधायकों का विश्लेषण किया गया. छत्तीसगढ़ के जिन 63 विधायकों की खुद की आय का विश्लेषण किया गया, वह देशभर में सबसे कम 5.4 लाख रुपये रही है. इसके बाद झारखंड के विधायकों की आय इससे कुछ ज्यादा 7.4 लाख रुपये दर्ज की गयी है. अध्ययन में शामिल 771 विधायकों यानी 25 प्रतिशत ने अपना पेशा कारोबार, व्यवसाय बताया है, जबकि 758 यानी 24 प्रतिशत ने खेती किसानी को अपना पेशा बताया है. रीयल एस्टेट और फिल्म निर्माण अथवा अभिनय के क्षेत्र को केवल एक प्रतिशत विधायकों ने ही अपना पेशा बताया है. हालांकि, कमाई के मामले में यह सबसे ऊंची श्रेणी में हैं.
आठवीं पास नेताओं की सालाना आय ज्यादा पढ़े-लिखे नेताओं से ज्यादा
अध्ययन का सबसे दिलचस्प आंकड़ा है कि आठवीं पास नेताओं की औसत सालाना आय करीब 90 लाख रुपये है. आठवीं तक पास 139 विधायकों की औसत सलाना आय 89.88 लाख रुपये है. जबकि, स्नातक उत्तीर्ण 1997 विधायकों की सलाना आय मात्र 20.87 लाख रुपये है.
आम आदमी की सालाना आय मात्र 1.13 लाख रुपये
मार्च 2018 के आंकड़ों के मुताबिक, देश में आम लोगों की सलाना आय 1.13 लाख रुपये है. वहीं, देश की 7.3 करोड़ की आबादी गरीबी में जी रही है. इनकी सालाना आय 50 हजार रुपये से भी कम है.
उम्र के साथ बढ़ती जा रही है विधायकों की कमाई
अध्ययन की खास बात है कि विधायकों की उम्र जैसे-जैसे बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे उनकी कमाई भी गाढ़ी होती जाती है. आंकड़ें बताते हैं कि 25 से 50 साल तक की उम्र के विधायक की औसतन 18.25 लाख रुपये सालाना कमाते हैं, जबकि 51 से 80 साल के विधायक 29.32 लाख रुपये कमाते हैं. वहीं, 81 से 90 साल के विधायक सालाना 87.71 लाख रुपये कमाते हैं.