Advertisement
फुलवारीशरीफ : ‘अंधेर नगरी, चौपट राजा’ में दिखा निरंकुश व्यवस्था का सच
फुलवारीशरीफ : सर्वमंगला सांस्कृतिक मंच के साप्ताहिक नुक्कड़ नाटक शृंखला में रविवार को प्रसिद्ध साहित्यकार भारतेंदु हरिश्चंद्र की कृति ‘अंधेर नगरी, चौपट राजा ’नाट्य रूपांतरण किया गया. महेश चौधरी द्वारा लिखित एवं निर्देशित नुक्कड़ नाटक ‘अंधेर नगरी, चौपट राजा ’ की प्रस्तुति वाल्मी के एक मार्केट परिसर में की गयी. नाटक की शुरुआत सौरव राज […]
फुलवारीशरीफ : सर्वमंगला सांस्कृतिक मंच के साप्ताहिक नुक्कड़ नाटक शृंखला में रविवार को प्रसिद्ध साहित्यकार भारतेंदु हरिश्चंद्र की कृति ‘अंधेर नगरी, चौपट राजा ’नाट्य रूपांतरण किया गया.
महेश चौधरी द्वारा लिखित एवं निर्देशित नुक्कड़ नाटक ‘अंधेर नगरी, चौपट राजा ’ की प्रस्तुति वाल्मी के एक मार्केट परिसर में की गयी. नाटक की शुरुआत सौरव राज के गीत जहां न धर्म न बुद्धि ना ही नीति से की गयी. इस नाटक में विवेकहीन और निरंकुश शासन व्यवस्था पर करारा व्यंग करते हुए उसे अपने ही कर्मों द्वारा नष्ट होते दिखाया गया है. नाटक में अंधेर नगरी के चौपट राजा के दरबार और न्याय का चित्रण है.
शराब में डूबा राजा फरियादी के बकरी दबने की शिकायत पर बनिया से शुरू होकर कारीगर, चूने वाले, भिश्ती, कसाई और गड़रिया से होते हुए कोतवाल तक जा पहुंचता है और उसे फांसी की सजा सुना देता है.
जब दुबले कोतवाल के गले से फांसी का फंदा बड़ा निकला तो राजा ने किसी मोटे को फांसी देने का हुक्म दे दिया. श्मशान में गोवर्धन दास को फांसी देने की तैयारी पूरी हो गयी है. तभी उसके गुरु महंत आकर उसके कान में कुछ मंत्र देते हैं. इसके बाद गुरु शिष्य दोनों फांसी पर चढ़ने को उतावले दिखाते हैं. राजा यह सुनकर कि इस शुभ समय में फांसी चढ़ने वाला सीधा बैकुंठ जायेगा स्वयं को ही फांसी पर चढ़ाने की आज्ञा देता है. इस तरह अन्यायी और मूर्ख राजा स्वतः ही नष्ट हो जाता है.नाटक में महेश चौधरी, सौरभ राज, छोटू, अंजनी, प्रियंका, पूजा, रंजीत, सुनील, संजय, हरिकांत, धैर्य प्रियांशु, अमन आदि ने अभिनय किया.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement