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बीपीएससी में मारी बाजी : उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने बताये सफलता के राज, मेहनत और जज्बे से रची सफलता की कहानी
उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने बताये सफलता के राज, युवाओं को दिया संदेश बिहार लोक सेवा आयोग की 56-59वीं परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की सफलता की कहानी अपने आप में रोचक है. कोई पहले से किसी अन्य प्रदेश में नौकरी कर रहा था, लेकिन अपने प्रदेश में आने की चाह थी, तो कोई तमाम परेशानियों को उठाते […]
उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने बताये सफलता के राज, युवाओं को दिया संदेश
बिहार लोक सेवा आयोग की 56-59वीं परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की सफलता की कहानी अपने आप में रोचक है. कोई पहले से किसी अन्य प्रदेश में नौकरी कर रहा था, लेकिन अपने प्रदेश में आने की चाह थी, तो कोई तमाम परेशानियों को उठाते हुए संघर्ष करते हुए अपने लक्ष्य को पाने के लिए जी-जान से जुटा रहा और आखिरकार सफलता ने उनके कदम चूमे. इनकी सफलता की कहानियां प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले परीक्षार्थियों के लिए प्रेरक हो सकती हैं.
उत्तरप्रदेश में डीएसपी के पद पर कार्यरत हैं संजीव
मधेपुरा जिले के मुरलीगंज निवासी व उत्तर प्रदेश में डीएसपी के पद पर कार्यरत संजीव कुमार सज्जन ने बिहार लोक सेवा आयोग की 56-59वीं परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है.
संजीव अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीएम) के रुप में अपनी सेवा प्रारंभ करेंगे. सज्जन कुमार उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग इलाहाबाद द्वारा वर्ष 2015 में चयनित होकर वर्तमान में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के पद पर यूपी पुलिस में रामपुर जनपद में पदस्थापित हैं. सज्जन ने बताया कि प्रथम व द्वितीय प्रयास में अनुत्तीर्ण कर गये. तृतीय प्रयास में प्रथम स्थान प्राप्त किया.
मछुआरे के पुत्र को बीपीएससी में 75वां रैंक
मछुआरे के पुत्र ने बीपीएससी की संयुक्त प्रवेश परीक्षा में 75वां रैंक हासिल किया है. यह उपलब्धि कुढ़नी प्रखंड के छाजन निवासी महेश सहनी के सबसे छोटे व तीसरे पुत्र अभिजीत कुमार गोविंदा को मिली है. इनके पिता मछली पालन करते हैं. मां उषा किरण सकरी सरैया स्थित मध्य विद्यालय शिक्षिका हैं.
गोविंदा झारखंड के नेतरहाट आवासीय स्कूल से दसवीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए. मुजफ्फरपुर से इंटर की पढ़ाई पूरी कर दिल्ली चले गये. दिल्ली के इन्द्रप्रस्थ विवि से बीटेक किया. एक कम्पनी में नौकरी करने लगे. लेकिन इरादा बीपीएससी का था. इसलिए की नौकरी छोड़कर सेल्फ स्टडी से बीपीएससी की तैयारी की और प्रथम प्रयास में ही सफलता प्राप्त कर ली.
मधेपुरा : साक्षात्कार में बार-बार असफल, नहीं मानी हार
सिंहेश्वर (मधेपुरा) : प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत गौरीपुर निवासी शत्रुघ्न चौधरी के पुत्र दीपक कुमार को सामान्य श्रेणी में 273वां रैंक मिला है, जबकि सर्विस में 5वां रैंक एक्जीक्यूटिव ऑफिसर का मिला है. वहीं दो अन्य परीक्षा बिहार लोक सेवा आयोग की 60वीं-62वीं और 63वीं परीक्षा का परिणाम आना अभी बाकी है.
पीजी व पीएचडी की बीएन मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा से की है. वर्ष 2014 से यूजीसी नेट जेआरएफ रिसर्च स्कॉलर रहे. बार-बार साक्षात्कार में सफलता नहीं मिलने के बावजूद हिम्मत नहीं हारी और लगातार प्रयास करते रहे. दीपक ने कहा कि अगर सफलता चाहिए तो धैर्य से लगातार प्रयास करते रहें.
एक भाई कार्यपालक पदाधिकारी तो दूसरा बना एसडीएम
विदेशी टोला निवासी सुरेंद्र प्रसाद के दो पुत्रों मुकेश कुमार व आनंद कुमार ने बीपीएससी की परीक्षा में एक साथ सफलता प्राप्त कर थावे प्रखंड सहित जिले का नाम रोशन किया है. मुकेश कुमार को कार्यपालक पदाधिकारी व आनंद कुमार को एसडीएम के रूप में चयनित किया गया है.
कपड़ा व्यवसायी पिता ने बताया कि 10वीं के बाद दोनों भाइयों का नामांकन साइंस कॉलेज पटना में हुआ. इसके बाद पटना कॉलेज से आनंद कुमार इकोनॉमिक्स में एमए किया, जबकि बड़े भाई मुकेश ने दिल्ली से एमए करने के बाद पीएचडी किया. दोनों भाइयों ने दूसरे प्रयास में सफलता प्राप्त की.
सफलता के लिए लेखन क्षमता का विकास जरूरी
बीपीएससी की सम्मिलित संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में अनंत कुमार को 27वां रैंक मिला है. वह बिहार प्रशासनिक सेवा के लिए चुने गये हैं. मूलत: सहरसा शहर निवासी अनंत कुमार नेट जेआरएफ क्वालिफाई करने के बाद पटना विवि के भूगोल विभाग से पीएचडी कर रहे हैं. बीपीएससी की परीक्षा में ऑप्शनल विषय भूगोल व हिंदी साहित्य था.
उन्होंने बताया कि मुख्य परीक्षा में सफलता के लिए लेखन क्षमता का विकास करना जरूरी है. एनसीईआरटी की किताबों का अध्ययन किया. उत्तर को सही तरीके से लिखना सीखा. मुख्य परीक्षा में सफलता के बाद शिक्षकों व दोस्तों का ग्रुप बना कर मॉक इंटरव्यू के माध्यम से इंटरव्यू की तैयारी की. समसामयिकी के लिए समाचार पत्रों का अध्ययन भी जरूरी है.
मनिहारी विधायकपुत्र बने शिक्षा पदाधिकारी
मनिहारी विधायक मनोहर प्रसाद सिंह के छोटे पुत्र निशीथ प्रनीत सिंह बीपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण होकर शिक्षा पदाधिकारी बने हैं. उनका चयन बिहार एजुकेशन सर्विस में हुआ है. इस सफलता से निशीथ के पिता विधायक मनोहर प्रसाद सिंह, मां गिरिजा सिंह, भाई चिन्मय अतीत सिंह काफी प्रसन्न हैं.
निशीथ प्रनीत सिंह ने इस सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया है. उन्होंने कहा कि पूर्व में यूपीएससी की परीक्षा और साक्षात्कार दे चुके हैं. यूपीएससी की तैयारी जारी रहेगी. अनुमंडल अनुश्रवण समिति सदस्य प्रमोद झा, गोपाल कृष्ण यादव, डॉ कफिल अंसारी, अधिवक्ता प्रदुमण ओझा, सुरेंद्र राय, मुन्ना सिंह आदि ने बधाई दी है.
पिता थे ज्वाइंट सेक्रेटरी, पुत्र ने भी पायी सफलता
बीपीएससी 56वीं से 59वीं संयुक्त प्रवेश परीक्षा में मुंगेर के विनीत कुमार ने 70 वां रैंक हासिल किया. वैसे 20 वर्षों से पटना में ही परिवार के साथ रहने वाले विनीत 2013 से ही यूपीएससी की तैयारी में लगे हुए हैं.
अब तक दो बार यूपीएससी मेंस परीक्षा में बैठ चुके विनीत 2018 में तीसरी बार यूपीएससी मेंस परीक्षा में बैठेंगे, लेकिन मेंस परीक्षा में बैठने से पहले ही इनका बीपीएससी क्लियर हो गया. इनको बिहार एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस मिला है.
विनीत ने कहा कि मेरे पिता नरेश प्रसाद यादव बिहार राज्य पावर होल्डिंग कंपनी में ज्वाइंट सेक्रेटरी थे. 2014 में वह रिटायर्ड हुए. मेरी शुरू से ही इच्छा थी कि मैं सिविल सर्विसेज में जाऊं. इसके लिए 2013 से ही की तैयारी में लगा था. पहली बार बीपीएससी दिया और सफलता हाथ लग गयी. इसके लिए मैं अपने भाई आर्यन राज को धन्यवाद देता हूं. उन्होंने बचपन से ही काफी सपोर्ट किया.
बीपीएससी में पौआखाली रसिया के प्रकाश को 28वां रैंक, गांव में जश्न
ठाकुरगंज प्रखंड के सुदूर इलाके में स्थित ग्राम रसिया निवासी प्रकाश कुमार जिन्होंने 56 वीं से लेकर 59 वीं बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन की परीक्षा में 28 वां रैंक लाकर अपने गांव और जिले का नाम पूरे सूबे में रोशन किया है.
वें ट्रेनिंग के उपरांत बिहार पुलिस सेवा में बतौर डीएसपी के पद पर सेवा प्रदान करेंगे. प्रकाश कुमार के पिता किरण लाल एवं माता गुवा देवी की आंखों में बेटे की सफलता को लेकर खुशी के मारे आंसू छलक आये. गांव और घर में उत्सव जैसा माहौल था. प्रकाश कुमार से दूरभाष पर जब बातचीत हुई तब उन्होंने बताया कि उनकी प्राथमिक शिक्षा गांव के ही विद्यालय में हुई थी.
प्रकाश कुमार वर्ष 1999 में 66.5% प्राप्तांक के साथ बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा में प्रथम स्थान में उत्तीर्ण करते हुए पौआखाली हाईस्कूल टॉपर रहा था. इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने मारवाड़ी कॉलेज किशनगंज में अपना दाखिला करवाया. बीपीएससी उनकी पहली सफलता नहीं है. बल्कि, इनसे पूर्व वे चार अलग अलग विभागों में प्रतियोगिता परीक्षाएं पास कर विभिन्न पदों पर योगदान दे चुके हैं. उनका सर्वप्रथम निम्न वर्गीय लिपिक पद में चयन हुआ था.
पिता ने मजदूरी कर पढ़ाया अब बेटा बनेगा अफसर
बीपीएससी में सफलता से मैं बहुत खुश हूं. मेरे माता-पिता अनपढ़ रहते हुए भी शिक्षा के महत्व को समझा और इस सफलता का बहुत बड़ा कारण रहा. मेरे पिता जी हरदेव राम एक मजदूर थे और पढ़ाई के महत्व को समझते थे. मेरे मार्गदर्शक मेरे बड़े भइया मिश्री राम व अक्षय कुमार जी का बहुत बड़ा योगदान है.
जीवन संघर्षशील रहा. अभी मैं बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर से शोध कार्य में लगा हूं. नेट-जेआरएफ उतीर्ण हूं. इलाहाबाद विवि से स्नातक एवं स्नातकोत्तर भूगोल से किया. मैं काफी छोट से से गांव से हूं. कैमुर के भभुआ में महुआरी गांव का हूं. गांव में मेरी उपलब्धि से सभी काफी खुश हैं. मेहनत करने से सफलता एक दिन जरूर मिलती है. निरंतर प्रयास जरूरी है.
संघर्षों से आगे बढ़ा कभी निराश नहीं हुआ
मैं मिडिल क्लास फैमिली से हूं और काफी संघर्षों के साथ आगे बढ़ा हूं. मैं इन सब से कभी निराश नहीं हुआ. मेरा मानना है कि लक्ष्य सामने हो तो और चीजें नजर ही नहीं आतीं. पिता हरिहर पाल ने हमेशा प्रोत्साहित किया.
पढ़ाई के लिए जमीन तक बेचनी पड़ी, लेकिन उन्होंने इसकी परवाह नहीं की. इस सफलता में मेरे परिवार का बहुत बड़ा योगदान रहा. मेरे छोटे भाई एडवोकेट प्रकाश पाल कभी मार्ग से विचलित नहीं होने दिया. आलोचनाओं को मैंने ढाल बनाया. मैं बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर से शोध कर रहा हूं. मुझे डीएसपी मिला है और डीएसपी बनकर मैं समाज के लिए कुछ करना चाहता हूं.
असिस्टेंट प्रोफेसर हुई सफल
मधेपुरा जिले के मुरलीगंज प्रखंड अंतर्गत गंगापुर निवासी सेवानिवृत्त अपर सचिव जयशंकर प्रसाद यादव की बेटी मीनाक्षी ने बीपीएससी के वित्तीय सेवा में सफलता हासिल कर जिले का नाम रोशन किया है.
मीनाक्षी की प्रारंभिक शिक्षा कृष्णा निकेतन पटना एवं माध्यमिक शिक्षा पटना सेंट्रल स्कूल पटना हुई. उच्च शिक्षा किरोड़ीमल कॉलेज दिल्ली से प्राप्त की. भूगोल विषय में स्नातक के बाद एमए भूगोल की पढ़ाई प्रतिष्ठित जेएनयू से की. यूजीसी नेट निकालने के उपरांत बीपीएससी से असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में पाटलिपुत्रा विवि में प्रतिनियुक्त की गयीं. बीपीएससी से 56-59वीं परीक्षा में सीटीओ पद के लिए चयनित हुई हैं.
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