मोकामा से पटना तक कराया गया सर्च, कुछ भी नहीं पता चला
पटना सिटी : पांच दिन पहले गंगा में गिरी स्काॅर्पियो की तलाशी का कामअब उत्तराखंड से आये पांच सदस्यीय गोताखोरों की एक्सपर्ट की टीम करेगी. शनिवार को टीम पटना पहुंची और घटनास्थल का निरीक्षण भी किया.
सोनार सिस्टम का उपयोग कर उत्तराखंड की टीम रविवार से गंगा में सर्च आॅपरेशन चलायेगी. ऐसे में उम्मीद है कि एक्सपर्ट को कामयाबी मिल सकती है. दूसरी ओर शनिवार को भी गंगा में सर्च आॅपरेशन किया गया. इस दौरान एनडीआरएफ की आठ टीमाें ने मोकामा से पटना के बीच गंगा में सर्च आॅपरेशन चलाया. दूसरी ओर एसडीआरएफ ने भी सर्च अभियान चलाया. एसडीआरएफ की टीम रविवार को भी सर्च आपरेशन चलायेगी.
उम्मीद लगाये बैठे हैं भाई, परिचित व रिश्तेदार की भीड़ : पटना सिटी. गंगा में गिरे स्काॅर्पियो व कंकड़बाग से लापता आदर्श के बड़ा भाई आयुष, परिचितों व रिश्तेदारों के साथ सुबह से एनडीआरएफ की ओर से चलायी गयी सर्च आॅपरेशन के दरम्यान डटे है. भाई व पिता को विश्वास है कि लापता स्कॉर्पियो उनकी नहीं हो सकती है.
आदर्श सुरक्षित है. इसी उम्मीद में हर सुबह बेटा व पिता डॉ विपिन कुमार सिंह परिचित व रिश्तेदारों के साथ गायघाट गंगा तट पहुंचते हैं, जहां दिनभर चलने वाले सर्च ऑपरेशन को करीब से देखते है. पिता का कहना है कि पुलिस से आग्रह है कि लड़की व उनके परिजनों से पुलिस सख्ती से पूछताछ करे.
जल स्तर में वृद्धि से हो रही परेशानी
इधर गोताखोर राजेंद्र सहनी के नेतृत्व में गोताखोरों का दल नाव लेकर गंगा में दीदारगंज से आगे तक सर्च ऑपरेशन चलाया. सर्च आपरेशन के दरम्यान महाजाल, चंबुक व झग्गर के साथ एंगल का उपयोग किया गया.
सर्च आपरेशन में शामिल लोगों का कहना है कि पानी में अंदर करेंट होने व हर रोज गंगा के जल स्तर में वृद्धि हो रही है. इस कारण कार्य करने में परेशानी है. बताते चले कि बीते 31 जुलाई की सुबह लगभग सवा पांच बजे हाजीपुर की तरफ से आ रही तेज रफ्तार स्काॅर्पिय सेतु की पाया संख्या 38 के पास कट प्वाइंट के समीप लोहे की रेलिंग को तोड़ता हुआ उफनती गंगा में गिर गयी. जिसमें सवार लोगों के जल समाधि की आशंका है.
36 से अधिक जवान छान रहे पानी की खाक
पटना : गाय घाट के किनारे उमड़ी हुजूम और गांधी सेतु के नीचे मोटर बोट की गूंजती आवाज. घड़ी दोपहर के 12 बजा रही है. सबकी निगाहें सामने पानी में हिचकोले खा रही मोटर बोटों पर टिकी हैं. गांधी सेतु के नीचे एक-एक कर छह बोट गंगा में समाई स्कॉर्पियों की तलाश में जुटी हैं.
एसडीआरएफ के 36 से अधिक जवान पानी की खाक छान रहे हैं. 120 घंटे बाद भी सफलता नहीं मिल पायी है. मगर, जवानों के चेहरे देखकर नहीं लग रहा है कि वह हिम्मत हार गये हैं. बस, तकनीक के मामले में मार खा जा रहे हैं.
इनके पास कुछ ऐसा नहीं है, जो पानी के अंदर की स्थिति बता सके. उफनती गंगा में एक स्कॉर्पियों को तलाशना आसान भी तो नहीं है. मोटर बोट भी अगर उस धार की चपेट में आये तो कई फीट नीचे पानी में समा जाये. शनिवार को प्रभात खबर की टीम गांधी सेतु के नीचे उफनती गंगा में उस जगह पहुंची, जहां स्कॉर्पियो गिरी थी.
40 फुट गहराई तक खोज : एसडीआरएफ के सेकेंड कमांड इन अशोक कुमार झा ने बताया कि 40 फुट गहराई तक देखा जा रहा है. घटना स्थल से 500 मीटर की दूरी तक लगातार बोट से सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है.
पुल के पाया से करीब सौ मीटर की दूरी पर कुछ टकराने का अहसास तो हो रहा है, पर ठीक से पकड़ में नहीं आ रहा कि है क्या. रस्सी में चुंबक के बड़े-बड़े टुकड़े बांध कर पानी में डाल कर बोट इस ओर से उस ओर आ-जा रहे हैं. कई बार चुंबक में कुछ फंसने सा एहसास भी होता है, लेकिन मायूसी हाथ लग रही थी.
