उच्च शिक्षा के लिए विद्यार्थियों को किया जायेगा जागरूक
पटना : बेहतर शिक्षा के लिए पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को छात्रावास अनुदान मिलेगा. यह सहायता मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग और अत्यंत पिछड़ा वर्ग छात्रावास अनुदान योजना के तहत दी जायेगी. इसके तहत ऐसे छात्रावासों में रहने वाले प्रत्येक छात्र और छात्रा को 1000 रुपये प्रतिमाह की दर से सहायता राशि का लाभ मिलेगा.
पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा विभाग के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि इस समय राज्य में ऐसे छात्रावासों की कुल संख्या 33 है. इसमें 14 अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण छात्रावास और 19 जननायक कर्पूरी ठाकुर छात्रावास शामिल हैं. इन सभी छात्रावासों में इस समय करीब 3200 विद्यार्थी रह रहे हैं. वहीं, ऐसे ही 10 छात्रावासों की निर्माण प्रक्रिया अंतिम चरण में है. इसके बाद इन सभी में कुल 1000 विद्यार्थियों की बढ़ोतरी की जायेगी. इस तरह कुछ समय बाद प्रदेश में ऐसे छात्रावासों की कुल संख्या 43 हो जायेगी और इनमें रहने वाले विद्यार्थियों की कुल संख्या करीब 4200 हो जायेगी.
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कमजोर बच्चों को मध्याह्न भोजन के बाद अलग से पढ़ाने की तैयारी
पटना. राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में पठन-पाठन का स्तर सुधारने के साथ ही शिक्षा में गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए व्यापक स्तर पर कवायद की जा रही है. स्कूलों में स्थिति को सुधारने के लिए कई अहम बातों को लागू करने की तैयारी विभागीय स्तर पर शुरू कर दी गयी है. हाल में मुख्यमंत्री के परामर्शी अंजनी कुमार सिंह की अध्यक्षता में उच्च अधिकारियों के साथ शिक्षा की स्थिति को सुधारने के लिए विशेष समीक्षा बैठक हुई. इस मंथन के दौरान शिक्षा में गुणवत्ता स्थापित करने के लिए कई अहम बातें सामने आयीं, जिन्हें स्कूलों में लागू करने की तैयारी चल रही है. इसमें कमजोर बच्चों को मध्याह्न भोजन के बाद अलग से पढ़ाने की व्यवस्था करने से लेकर सुबह से शाम तक की पूरी रूटीन भी निर्धारित की गयी है.
मिलती हैं कई सरकारी सुविधाएं
इस समय छात्रावासों में रहकर अध्ययन करने वाले पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को कॉट, मैट्रेस, चादर, टेबुल-कुर्सी, खाना बनाने के लिए बर्तन और रसोइया की सुविधा दी जाती है. आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि इसी क्रम में छात्र-छात्राओं की सुविधाओं में बढ़ोतरी करने, उन्हें उच्च शिक्षा के लिए जागरूक करने और उच्च शिक्षा दर में बढ़ोतरी करने के लिए छात्रावास संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उन्हें छात्रावास अनुदान दिया जायेगा. इसके लिए जो प्रक्रिया निर्धारित की गयी है, उसके अनुसार छात्रावास अधीक्षक की अनुशंसा और जिला कल्याण पदाधिकारी के अनुमोदन के बाद लाभान्वित छात्र-छात्राओं के बैंक अकाउंट में अनुदान राशि भेज दी जायेगी.
स्कूलों में इन बातों को लागू करने की योजना
रोजाना सभी स्कूलों में प्रार्थना हो, जिसमें प्रधानाध्यापक समेत सभी शिक्षक मौजूद रहें.
प्रार्थना सत्र से संबंधित वीडियो क्लीपिंग को वाट्सएप या अन्य माध्यमों से अपलोड करने की व्यवस्था हो.
स्कूलों में रूटीन की अंतिम घंटी खेलकूद के लिए निर्धारित की जाये. इसमें कोई बदलाव नहीं हो.