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कई बार हवा में बंद हो चुका है फ्लाइट का इंजन, करनी पड़ी हैं इमरजेंसी लैंडिंग, लेकिन अब भी उड़ रहे

पटना : रविवार को इंडिगो एयरलाइंस की दिल्ली से रांची आ रही फ्लाइट का एक इंजन उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद खराब हो गया. मजबूरन पायलट को हवा में ही खराब इंजन को बंद कर एक इंजन के सहारे इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट वापस लौट इमरजेंसी लैंडिंग लेनी पड़ी और एक बड़ी दुर्घटना […]

पटना : रविवार को इंडिगो एयरलाइंस की दिल्ली से रांची आ रही फ्लाइट का एक इंजन उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद खराब हो गया. मजबूरन पायलट को हवा में ही खराब इंजन को बंद कर एक इंजन के सहारे इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट वापस लौट इमरजेंसी लैंडिंग लेनी पड़ी और एक बड़ी दुर्घटना की आशंका टली. ऐसा नहीं है कि यह पहली बार हुआ. इससे पहले भी अहमदाबाद और कोलकाता एयरपोर्ट पर हवा में इंजन बंद हो जाने से दो नियो इंजन लगे एयरबस को उतारा जा चुका है. पिछले पांच-छह महीने में अब तक 71 बार एयरबस ए 320 नियो में खराबी आ चुकी है. यह खराबी अमेरिकी कंपनी प्रेट और वेनिटी के इंजन लगे एयरबस में ही आयी है.
अहमदाबाद वाली घटना के बाद डीजीसीए के आदेश पर ऐसे 11 एयरबस ग्राउंडेड कर दिये गये, जिनमें दोेनों इंजन प्रेट और वैनिटी के लगे थे. लेकिन 21 ऐसे एयरबस ए 320 नियो, जिसमें दो में से केवल एक इंजन प्रेट और वैनिटी का है, अब भी उड़ान भर रहे हैं. इनको भी ग्राउंडेड करने की जरूरत है.
PW1100 JM इंजन नहीं झेल पा रहा भारतीय जलवायु की गर्मी
एयरबस ए 320 नियो में दो तरह के इंजन लगे हैं. एयर इंडिया और विस्तारा एयरलाइंस एयरबस ए 320
नियो के जिस मॉडल का इस्तेमाल कर रही हैं, उनमें CFM LEAP-1A इंजन लगा है. उसमें किसी तरह की समस्या नहीं है. समस्या PW1100 JM इंजन में है, जो भारतीय जलवायु की गर्मी को झेल नहीं पा रहा है और ओवर हीटिंग से इंजन सीज करने या शॉर्ट सर्किट जैसी समस्याएं बार-बार आ रही हैं. इंडिगो और गो एयरलाइंस एयरबस ए 320 नियो के जिस मॉडल का इस्तेमाल कर रही हैं, उनमें यह इंजन लगा है.
एयरबस 320 के अन्य मॉडलों में समस्या नहीं
भारत में इस समय 266 एयरबस 320 का इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन उसके अन्य मॉडलों में कोई समस्या नहीं है. इंडिगो एयरलाइन इसका सबसे बड़ा ग्राहक है.
वह न केवल बड़ी संख्या में इनका इस्तेमाल कर रहा है, बल्कि विस्तार की योजनाओं के लिए 430 ऐसे विमानों के ऑर्डर भी दे रखा है. गो एयर, एयर इंडिया और विस्तारा एयरलाइंस भी इनका इस्तेमाल कर रही है. अंतर केेेवल इतना है कि इंडिगो और गो एयरलाइंस केवल एयरबस का इस्तेमाल कर रही हैं जबकि एयर इंडिया और विस्तारा एयरलाइंस के पास बोईंग विमानों की भी बड़ी फ्लीट है.
रेक्टिफिकेशन के बिना नहीं हो इस्तेमाल
कुछ महीने पहले तक पूरी दुनिया में ऐसे 111 एयरबस इस्तेमाल हो रहे थे, जिनमें नियो PW1100 JM इंजन लगे थे. पिछले दिनों यूरोप में इस पर रोक लगा दी गयी और अहमदाबाद की घटना के बाद भारत में भी डीजीसीए ने 11 विमानों को ग्राउंडेड कर दिया. कहा गया कि एयरलाइंस इन विमानों को इंजन रेक्टिफिकेशन के लिए उत्पादक कंपनी भेजेगी. लेकिन ऐसे 21 विमान देश में उड़ रहे हैं.
16% ईंधन की बचत से आकर्षित हुईं कंपनियां
वर्ष 2016 में अमेरिका में नियो इंजन PW1100 JM का आविष्कार हुआ. प्रेट एंड वैनिटी ने इसका निर्माण किया था, जो अमेरिकी वायुसेना के लिए भी विमानों का इंजन बनाती है. यह इंजन गियर्ड टर्बो फैन तकनीक पर आधारित है, जो सामान्य इंजन की तुलना में 16 फीसदी कम एटीएफ (एविएशन टर्बाइन फ्यूल) खपत करती है. साथ ही, उड़ान और लैंडिंग व टेकऑफ के दौरान यह 75 फीसदी तक कम शोर करता है.

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