पटना : बिहार की सियासत में अपने कदम को मजबूती के साथ रखने के लिए प्रदेश कांग्रेस नेताओं ने कमर कसनी शुरू कर दी है. हाल में बिहार प्रभारी नियुक्त हुए शक्ति सिंह गोहिल सदाकत आश्रम में डेरा डाल चुके हैं और लगातार पार्टी की गतिविधियों की मॉनेटरिंग कर रहे हैं. प्रभारी गोहिल कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी को समझ चुके हैं और प्रभारी अध्यक्ष कौकब कादरी के साथ रोजाना कुछ देर सलाह-मशविरा करने के बाद कुछ न कुछ आवश्यक निर्देश जारी कर रहे हैं. इसी क्रम में बुधवार को हुई पार्टी नेताओं के साथ बैठक में उन्होंने जिलाध्यक्षों को जरूरी निर्देश दिये.
शक्ति सिंह गोहिलकी मीडिया से बातचीत में यह संदेश साफ था कि वह बिहार की राजनीति को देखते हुए पार्टी को एक्शन मोड में देखना चाहते हैं. पार्टी की मजबूती और आम लोगों में पार्टी के प्रति विश्वास पैदा करने के लिए कुछ कदम उठाने जरूरी हैं. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि बिहार को तीन जोन में बांटकर वह एक-एक सचिव स्तर के पदाधिकारियों को नियुक्त करेंगे. उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों की समस्याओं को मजबूत तरीके से उठायेंगे और सदन में भी विपक्ष की भूमिका को बेहतर तरीके से निर्वाह करेंगे. जिलाध्यक्षों और पार्टी नेताओं के साथ हुई बैठक में उन्होंने अंदरूनी गुटबाजी को भी खत्म करने की सलाह दी.
गोहिल का साफ कहना था कि बिहार में पार्टी की मजबूती के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से उनकी बात हो चुकी है और पार्टी की ओर से तीन सचिव मिलेंगे. यह पार्टी अध्यक्ष ने उनसे वायदा किया था. उन्होंने कहा कि बिहार बहुत बड़ा प्रदेश है. तीन जोनों में सेक्रेटरी बनाकर पार्टी को मजबूत किया जायेगा. गोहिल ने साफ कहा कि कांग्रेस के जिलाध्यक्ष और प्रखंड अध्यक्ष लोगों की आवाज बनेंगे और पार्टी को मजबूत करेंगे. इससे पहले गोहिल ने मंगलवार को यह साफ किया था कि पार्टी में हर स्तर पर अनुशासन कायम रखना है. जो प्रखंड एवं जिला कांग्रेस अध्यक्ष कार्यक्रम चलाने में सक्षम नहीं होंगे तो उनकी जगह दूसरे लोगों को मौका दिया जाएगा.
गोहिल ने पार्टी को उस नियम और एक्शन में ले जाने का स्पष्ट संकेत दिया है, जिसमें पार्टी के लिए काम करने वाले लोगों को तरजीह दी जायेगी. उन्होंने साफ कहा कि पार्टी उन्हें जरूर प्रोत्साहित करेगी, जो पार्टी में बेहतर काम कर रहे हैं. गोहिल ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि केंद्र और राज्य की सरकार से जनता का भरोसा उठ गया है और जनता उब चुकी है.
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