पटना : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हिंदुस्तान अवाम माेरचा (हम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने उपचुनावमें एनडीए के पक्षमें प्रचार करने के लिए भाजपा के सामने बड़ी शर्त रखी है. जीतन राम मांझी ने कहा किराज्यसभा चुनावमें अगर हमें एक सीट नहीं मिली तोबिहार में तीन सीटों पर होने उपचुनावकेदौरान चुनावी प्रचार का हम विरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि मैं किसी के प्रचार में शामिल नहीं होउंगा.
बतादें कि विधानसभा की दो और लोकसभा की एक सीट के लिये 11 मार्च को उपचुनाव होना है. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवानकेमुताबिक, बिहार में तीन सीटों पर हो रहें उपचुनाव में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सेक्यूलर एनडीए उम्मीदवार का मदद नहीं करेगा. यह फैसला पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने लिया है. रिजवान ने कहा कि हम लगातार बिना किसी मांग के एनडीए गठबंधन के साथ बना हुआ है. गठबंधन धर्म का पालन कर रहा है. इसके बावजूद गठबंधन के शीर्ष नेतृत्व द्वारा अभी तक हमारी पार्टी तव्वजो नहीं दी जा रही है, इस वजह से कार्यकर्ताओं में नाराजगी है.
दानिश रिजवान केमुताबिक जहानाबाद के हमारे कार्यकर्ताओ की मांग थी कि उक्त सीट पर हम के प्रत्याशी चुनाव लड़े. इसे लेकर गठबंधन के नेताओं को इसकी सूचना भी दी थी. बावजूद नेतृत्व ने उस ओर कोई ध्यान नहीं दियाऔर यह सीट सीट जदयू को दी गयी. आखिर हमारा एक तरफा प्यार कब तक चलेगा. हमारे नेता कार्यकर्ता गठबंधन के लिए अपनी कुर्बानी दें और हमें उसके बदले कुछ नहीं मिले, तो असंतोष होगा ही. एनडीए नेतृत्व के पास मौका है. राज्यसभा चुनाव में हमारे दल के किसी नेता को प्रत्याशी बनाए, जिससे हमारे कार्यकर्ताओं को संतुष्टि मिले. यदि ऐसा नहीं होता है तो हम विवश होकर कोई ठोस निर्णय लेना.
बिहार से राज्यसभा में खाली हो रही 6 सीटें
बता दें कि चुनाव आयोग ने शुक्रवार को बिहार से राज्यसभा में खाली हो रही छह सीटों पर चुनाव का एलान कर दिया. 23 मार्च वोटिंग और मतगणना होगी.5 मार्च को अधिसूचना जारी होगी. उम्मीदवारों के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 12 मार्च रखी गयी है. 13 को नामांकन पत्रों की जांच होगी. नाम वापसी की आखिरी तारीख 15 मार्च है.
इनका कार्यकाल हो रहा है पूरा
जदयू के राज्यसभा सांसद महेंद्र प्रसाद ऊर्फ किंग महेंद्र, अनिल सहनी, अली अनवर और वशिष्ठ नारायण सिंह का कार्यकाल दो अप्रैल को पूरा हो रहा है. इसी भाजपा के केंद्रीय मंत्री धर्मेद्र प्रधान और रविशंकर प्रसाद का मौजूदा भी कार्यकाल दो अप्रैल को पूरा हो रहा है.