पटना : बिहार सरकार से पटना हाइकोर्ट ने सख्त सवाल पूछा है. जानकारी के मुताबिक सूबे के स्कूली बच्चों को समय से पाठ्य पुस्तकें नहीं मिलने पर नाराजगी जाहिर की है. बताया जा रहा है कोर्ट ने सरकार से साफ पूछा है कि अगर बच्चों को समय पर किताबें नहीं मिलेगी, तो वह क्या पढ़ाई करेंगे ? कोर्ट ने यह भी कहा है कि किसी भी हाल में स्कूली बच्चों को पंद्रह दिन के भीतर पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध करायी जायें.
स्कूली बच्चों को किताबें मुहैया कराने के एक मामले पर सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए सरकार से यह बातें पूछी हैं. सूबे के चर्चित आरटीआइ कार्यकर्ता शिव प्रकाश राय द्वारा कोर्ट में दाखिल की गयी, जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन की खंडपीठ ने इस मसले पर सुनवाई की और बिहार राज्य टेक्स्ट बुक कमेटी के जवाब पर असंतोष जाहिर करते हुए सख्त निर्देश जारी किया.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि विभाग के मुख्य सचिव और शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव पाठ्य पुस्तकें देने में होने विलंब के लिए एक कमेटी गठित करें. साथ ही कोर्ट ने सभी मामलों से संबंधित सूचना को कोर्ट को भी सूचना दे. यह कमेटी सभी समस्याओं की जांच कर रिपोर्ट देगी जिसे कोर्ट में पेश करना होगा. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि किसी भी हालत में बच्चों को समय पर पुस्तकें मिलनी चाहिये. इस मामले में एक माह बाद फिर से सुनवाई की जायेगी.
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