पटना :बिहारके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आजपटनाके गांधी मैदान से दहेज प्रथा एवं बाल विवाह उन्मूलन के लिये बनायी गयी ऐतिहासिक मानव श्रृंखला की शुरुआत की. मुख्यमंत्री ने गुब्बारा उड़ाकर इसकी शुरुआत की. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि विकास हम जितना भी कर दें, लेकिन अगर सामाजिक कुरीतियों का ही बोलबाला रहेगा तो विकास का लाभ जन-जन को प्राप्त नहीं हो सकेगा. ये चीजें समाज सुधार की हैं, राजनीतिक नहीं है. पार्टी से इसका कोई रिश्ता नहीं होना चाहिए.उन्होंने कहा, आप जानते हैं कि लोकतंत्र में सबको आजादी है. लोग अपनी जो भी भावना प्रकट करे, हमें कोई ऐतराज नहीं होता है. ये समाज सुधार की चीजें हैं, जो भी इसका विरोध करेगा, मजाक उड़ायेगा, वह अपने पैरों पर खुद कुल्हाड़ी मारेगा.
इस अवसर पर बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव, कृषि मंत्री प्रेम कुमार, विधायक अरुण कुमार सिन्हा, मेयर पटना नगर निगम सीता साहू, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक पीके ठाकुर, महाधिववक्ता ललित किशोर, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, विभिन्न विभागों के प्रधान सचिव/सचिव, पटना प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर, आईजी नैय्यर हसनैन खां, डीआईजी राजेश कुमार, जिलाधिकारी कुमार रवि, वरीय पुलिस अधीक्षक मनु महाराज सहित राज्य सरकार के अन्य वरीय अधिकारी, गणमान्य व्यक्ति एवं बड़ी संख्या में आमलोगों ने मानव श्रृंखला में हिस्सा लिया.
पूरे बिहार में लाेगों ने अपनी भावना का किया प्रकटीकरण : नीतीश कुमार
मीडियाकर्मियों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि आज बाल विवाह और दहेज प्रथा जैसी सामाजिक कुप्रथा के खिलाफ पूरे बिहार में लोगों ने एक दूसरे का हाथ पकड़कर अपनी भावना का प्रकटीकरण किया है. उन्होंने कहा कि 18 साल से कम उम्र की लड़की और 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के की शादी नहीं होनी चाहिए. इसके लिए देश में कानून बना हुआ है, बावजूद इसके बड़े पैमाने पर बाल विवाह का प्रचलन है. उसी तरह से दहेज लेना कानूनन गुनाह है, उसके लिए भी कानून बना हुआ है. पहले संपन्न परिवारों के बीच में दहेज प्रथा प्रचलित थी, अब धीरे-धीरे आमलोगों के बीच भी यह प्रथा फैल गयी है. ये दोनों सामाजिक कुरीतियां हैं इसलिए हमलोगों ने बापू के जन्मदिवस 2 अक्टूबर 2017 से बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ लोगों का मन बनाने के लिए, उनमें जागृति पैदा करने के लिए निरंतर अभियान चलाया.
अभियान जारी रहेगा : सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभियान जारी रहेगा. दो-ढ़ाई महीने से जबसे यह कैंपेन चल रहा है, लोगों के संकल्प का प्रकटीकरण सार्वजिनक तौर पर होना चाहिए इसलिए इस बार भी 21 जनवरी को मानव श्रृंखला बनाने को लेकर अपील की गयी और लोगों ने इसमें बढ़-चढ़कर भाग लिया.सीएम ने कहा कि जिस प्रकार से पिछली बार लोगों ने शराबबंदी और नशामुक्ति के पक्ष में अपनी भावना का प्रकटीकरण मानव श्रृंखला में शामिल होकर किया था, उसी तरह से इस बार भी पूरे बिहार में सभी धर्म और मजहब को मानने वाले लोग, सभी समाज की जाति-बिरादरी के लोग, स्त्री-पुरुष, युवा, सब लोगों ने इसके पक्ष में जमकर अपना मत प्रकट किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने अपनी भावना लोगों के सामने प्रकट की थी और हमने देखा था कि लोगों में कितना उल्लास और उत्साह था, फिर 2 अक्टूबर के बाद जो लगातार अभियान चला है, उसमे भी लोगों की भावना प्रकट हुई थी. आज उसी का एक सांकेतिक स्वरूप था कि मानव श्रृंखला में सबलोग शामिल हुए.
नीतीश बोले, पिछली बार से इस बार थोड़ी भिन्नता रखी गयी
मुख्यमंत्री ने कहा कि इतनी ठंड के बावजूद पिछले कई सप्ताह से कुहासे और ठंड का जो वातावरण है, इन सब चीजों के होते हुए भी जिस तरह से लोग आम सभा में शामिल हो रहे थे और इसके पक्ष में अपना उत्साह प्रकट कर रहे थे, वो प्रशंसनीय है. आज भी सब जगह लोगों ने मानव श्रृंखला बनायी. पिछली बार से इस बार थोड़ी भिन्नता रखी गयी. पिछली बार सिर्फ मुख्य सड़कों पर ही मानव श्रृंखला करने का एक आह्वान किया गया था और उसी प्रकार से उसको रेगुलेट करने की कोशिश की गयी थी. इस बार उस तरह की कोई बात नहीं रखी गयी और इस बार लोगों के ऊपर छोड़ा गया और कहा गया कि गांव में और गांव के बाहर गांव की सड़क हो या सार्वजनिक स्थल हो, लोग मानव श्रृंखला बनाएं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों की भागीदारी हो सके.
हर परिवार तक सभी बुनियादी सुविधाएं भी पहुंचाने के लिए हम प्रतिबद्ध
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि मुख्य सड़कों पर मानव श्रृंखला में शामिल होने के लिये लोगों को चलकर आना पड़ता है इसलिए इस बार हमलोगों ने थोड़ा परिवर्तन किया था, लोगों से अपील की थी कि वे अपने गांव, अपने कस्बे, अपने मुहल्ले जहां पर भी चाहें मानव श्रृंखला बना सकते हैं. मानव श्रृंखला बनाकर आपने अपनी भावना को प्रकट किया. मुझे इस बात से संतोष की अनुभूति हुई है कि इन तरह की सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ लोगों के मन में जागृति आ रही है, यह मामूली बात नहीं है. हमारी प्रतिबद्धता है न्याय के साथ विकास की, विकास के जितने काम हैं, वे पूरी मजबूती से चल रहें हैं. हर परिवार तक सभी बुनियादी सुविधाएं भी पहुंचाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं. सब काम द्रुत गति से चलता रहेगा.
नशामुक्ति के पक्ष में भी चलता रहेगा अभियान
नीतीश कुमार ने कहा कि कृषि के क्षेत्र के विकास के लिए, इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए, हर क्षेत्र में काम चलता रहेगा. इसके साथ-साथ सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ भी हमलोगों का सशक्त अभियान चलता रहेगा. आज के इस कार्यक्रम के बाद भी शराबबंदी से नशामुक्ति के पक्ष में अभियान चलता रहेगा. साथ ही बाल विवाह और दहेज प्रथा से भी मुक्ति पानी है और इसके लिए हमलोगों का जनजागृति का अभियान साथ-साथ चलता रहेगा. सामाजिक अभियान तो निरंतर चलने वाली चीज है और वह निरंतर चलती रहेगी. आज की इस मानव श्रृंखला में लोगों की भागीदारी से हमें संतोष है और मैं समस्त बिहारवासियों को इसके लिए बधाई देता हूं.
असर क्या पड़ा, इसका भी आकलन करेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी और नशामुक्ति का निरंतर अध्ययन चलता रहता है. इस काम को न सिर्फ सरकारी एजेंसी बल्कि स्वतंत्र एजेंसियां भी करती रही हैं. बिहार के ही नहीं बाहर के लोग भी आकर इसका आकलन और अध्ययन कर रहे हैं और उनकी रिपोर्ट भी देखने को मिलती है. उसी तरह से बाल विवाह और दहेज प्रथा जैसी सामाजिक कुरीति के विरुद्ध सशक्त अभियान चल रहा है. इसका क्या असर पड़ा, इसका भी आकलन हमलोग निरंतर करेंगे. हम तो एक ही आह्वान लोगों से करते हैं कि दहेज प्रथा जैसी भयंकर सामाजिक कुरीति से छुटकारा मिल सकता है अगर सबलोग यह मन बना लें कि जो दहेज लेगा उसकी शादी में नहीं जायेंगे. इसी संकल्प के आधार पर दहेज प्रथा से छुटकारा पाया जा सकता है. लोगों को बताया जा रहा है और लोग इसको ग्रहण कर रहे हैं. इसका क्या असर पड़ रहा है, इसका भी हम अध्ययन करेंगे.
शराबबंदी के बाद परिवार में शांति का माहौल
मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी के बाद परिवार में शांति का माहौल है और जो लोग अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा शराब में गंवा देते थे, उसे आज परिवार के भरण पोषण में लगा रहे हैं. इसका असर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है. हर जगह शाम में शांति का माहौल है, पहले कोलाहल का माहौल बना रहता था. इसके अलावे अंदरुनी तौर पर आप जानते ही है कि किस चीज की बिक्री बढ़ रही है. जो उपयोगी चीजें हैं, जो उपभोक्ता के लिए वैसी चीजों की बिक्री बढ़ी है. चाहे कपड़े का हो, या रेडिमेड गारमेंट्स का हो, या घर की जरूरत की चीजें हैं. इन सब चीजों की मांग बढ़ी है, जो इस बात को दर्शाता है कि शराब में जो पैसा बर्बाद करते थे, अब वे पैसे अच्छे कामों में खर्च हो रहे हैं. पहले महिलाओं को कई प्रकार की उत्पीड़न का शिकार होना पड़ता था, इन सभी चीजों में बहुत बड़ी कमी आयी है. आप जान लीजिए कि दो नंबर का कारोबार एक ऐसी चुनौती है जिससे लगातार सामना होता रहेगा.
शराबबंदी को लेकर एक नया तंत्र विकसित
नीतीश कुमार ने ने कहा कि हम आपलोगों को बता दें कि एक नया तंत्र विकसित कर रहे हैं. पुलिस में एक महानिरीक्षक या अपर पुलिस महानिदेशक दोनों में से जो व्यक्ति हों, उनके नेतृत्व में एक तंत्र विकसित किया जा रहा है, जिसमें आधुनिक तकनीक का सहारा लिया जायेगा. एक फोन नंबर होगा और ये फोन नंबर गांव-गांव में प्रचारित होगा. जो एक्साईज का फोन है और जो पुलिस का फोन है उसको प्रचारित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि महीना डेढ़ महीने के अंदर नयी टेक्नोलॉजी के लिये पूरा इंतजाम हो जायेगा. इसकी जिम्मेदारी आईटी विभाग को दी जा चुकी है. आईटी विभाग इस काम में तेजी से लगा हुआ है. इस नये तकनीक अच्छी तरह से स्टैब्लिश किया जायेगा. कोई भी फोन करेगा तो उनकी सारी बातें रिकॉर्ड होंगी और उस पर क्या एक्शन होगा, यह भी एक-एक चीजें रिकॉर्ड होंगी. कोई भी एक्शन, कहीं से कोई खबर आयी तो एक समय सीमा के अंदर पुलिस बल को वहां पहुंचना है. उन्होंने कहा कि इन चीजों के अलावा सबसे बड़ी चीज है कैम्पेन.
सावधानी हटी, दुर्घटना घटी
मुख्यमंत्री ने कहा कि सावधानी हटी, दुर्घटना घटी. आपकी सजगता में अगर कमी आयेगी तो कोई भी धंधेबाज इधर-उधर करने लगेगा. उन्होंने कहा कि गांव देहात में जो इसी तरह के काम पर निर्भर थे, ऐसे लोगों के बीच में प्रयास कर के उनको वैकल्पिक रोजगार दी जायेगी. पूर्णिया जिले का उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हम पूर्णिया जिले में गए थे, कुछ लोग जो पहले शराब के कारोबार करते थे, उनलोगों को प्रेरित करके उनको गाय दिलायीगयी. वे अब दूध के कारोबार में लगे हैं और बहुत ही प्रसन्न हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह के वैकल्पिक रोजगार से लोगों को जोड़ना है. यह भी हमलोगों के कैम्पेन का हिस्सा है.
दहेज और बाल विवाह के खिलाफ सजगता की कमी
मुख्यमंत्री ने कहा कि दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ तो कानून बना हुआ है. फिर भी जारी है, सजगता की कमी है. इस अभियान का मकसद है लोगों को निरंतर सजग रखना ताकि वे इससे बचें. यही हमलोगों का उद्देश्य है. विकास के सारे कामों को पूरी मजबूती से करते हुए समाज सुधार के लिए भी हमलोग प्रयास करते हैं. हम मानते हैं कि सामाजिक कुरीतियों से छुटकारा दिलाना भी हमलोगों का दायित्व है. जहां तक संभव हो, लोगों को जागरुक करने की कोशिश करनी चाहिए.