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बिहार: शिक्षकों की बढ़ सकती है सेवानिवृत्ति की उम्रसीमा
60 साल की जगह 62 में हो सकता है रिटायरमेंट पटना : राज्य के सरकारी स्कूलों में काम कर रहे शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा बढ़ सकती है. प्रदेश के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की सेवानिवृत्ति फिलहाल 60 साल में होती है, लेकिन इसमें दो साल और बढ़ोतरी की तैयारी चल रही है. यह […]
60 साल की जगह 62 में हो सकता है रिटायरमेंट
पटना : राज्य के सरकारी स्कूलों में काम कर रहे शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा बढ़ सकती है. प्रदेश के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की सेवानिवृत्ति फिलहाल 60 साल में होती है, लेकिन इसमें दो साल और बढ़ोतरी की तैयारी चल रही है.
यह प्रक्रिया लागू होने से बिहार में शिक्षक 62 साल में सेवानिवृत्त होंगे. बिहार से पहले उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में स्कूलों के शिक्षकों की सेवानिवृत्ति उम्र सीमा 62 साल है. बिहार में फिलहाल डॉक्टर्स की 67 साल और विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर की 65 साल सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा है. शिक्षकों की ओर से लगातार इसकी मांग उठती रही है, लेकिन उसे पूरा नहीं किया गया. राज्य सरकार यह निर्णय विषयवार शिक्षकों के खाली होते पदों को देखते हुए भी ले सकती है.
स्कूलों में विज्ञान, गणित समेत भाषा (हिंदी-अंग्रेजी) के शिक्षकों की कमी है. सरकारी स्कूलों की स्थिति ऐसी है कि पुराने वेतनमान वाले विषयवार सभी शिक्षक अगले दो से तीन साल में सेवानिवृत्त हो जायेंगे. वहीं वर्तमान में नियोजित शिक्षकों के भी पद अभ्यर्थियों के अभाव में नहीं भर पा रहे हैं.
सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा बढ़ने से सरकारी स्कूलों के पुराने और अनुभवी शिक्षक ज्यादा समय दे सकेंगे. साथ ही नियोजित शिक्षकों को भी इसका लाभ मिलेगा. नियोजित शिक्षकों के लिए सरकार सेवाशर्त निर्धारण कर रही है. इसमें भी सेवानिवृत्ति की उम्र
सीमा बढ़ाये जाने का प्रस्ताव दिया जा सकता है.
लाख नियोजित शिक्षक प्रारंभिक स्कूलों में
सुप्रीम कोर्ट पर नजर: सरकार उम्र सीमा बढ़ाने से पहले सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी इंतजार कर सकती है. हाईकोर्ट फैसले के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट गयी है.
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