पटना : राजनीति में रिश्तों की महता इतनी महत्वपूर्ण होती है कि सियासी मेल जोल के बाद वह सत्ता के करीब ले जाने में काफी मदद करती है. इतना ही नहीं यह रिश्ते भले ही राजनीतिक मंच पर एक दूसरे के विरोध में स्वर बुलंद करें, लेकिन जब मौका मिलने-जुलने का होता है, तो चेहरे पर एक सियासी हंसी देखने को मिलती है. बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के बेटे की शादी हो गयी. इस शादी के दौरान ली गयी कुछ तस्वीरें अब चर्चा में है. उन तस्वीरों में भाजपा के दो बड़े नेताओं के साथ बिहार के सबसे बड़े सियासी परिवार के मुखिया लालू यादव का साथ होना, बिहार की सियासत में एक नये राजनीतिक बहस को जन्म दे गया. इन तस्वीरों को देखने के बाद, सबसे ज्यादा आम लोगों की प्रतिक्रिया तल्ख है. शिक्षक पूर्णानंद मिश्र बताते हैं कि इन नेताओं का बाहरी विरोध सिर्फ दिखावा है, जब अपनी बात सामने आती है, तो यह गलबहियां डाल लेते हैं.
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के बेटे की शादी अपनी सादगी को लेकर काफी चर्चा में थी. बेटे की सादगी भरी शादी तब और ज्यादा चर्चा में आ गई जब राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप यादव ने विवाह में हंगामा मचाने की धमकी दी थी. शादी के दिन इस चर्चित शादी में एक चर्चा और जुड़ गई जब राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह एक साथ बैठे नजर आए. दोनों की जुगलबंदी भी खूब देखने को मिली. दोनों एक साथ बैठे ही नहीं दिखे, बल्कि उन्होंने खूब बातें भी की. गिरिराज कभी लालू के कान में कुछ कहते नजर आये तो लालू भी गौर से उनकी बातें सुनते हुए कैमरे में कैद हुए. इतना ही नहीं गिरिराज सिंह राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को मोबाइल पर कुछ दिखाते भी नजर आये. जिस वक्त गिरिराज और लालू के बीच संवाद चल रहा था उस वक्त पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन भी दोनों नेताओं को कुछ कहते हुए दिखे.
लालू शादी में शामिल होने आये और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से ऐसे मुस्कुराते हुए मिले, लगा जैसे दो बिछड़े हुए दोस्त वर्षों बाद मिल रहे हैं. इससे पूर्व भी उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े सियासी परिवार से संबंध जोड़ चुके लालू कई बार यूपी में जाकर अखिलेश के लिए सार्वजनिक मंच से चुनाव प्रचार कर चुके हैं. गिरिराज सिंह और भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन हमेशा लालू पर हमलावर रहे, लेकिन सुशील मोदी के बेटे की शादी में जिस तरह का रिश्ता इन नेताओं में देखने मिला, उसके राजनीतिक मतलब, तो राजनीतिक पंडित निकालेंगे. फिलहाल सूबे के सियासी माहौल में इस जुगलबंदी की चर्चा जोरों पर है. सुशील कुमार मोदी के बेटे उत्कर्ष की शादी वैसे तो पहले से ही काफी चर्चा में थी लेकिन जब गिरिराज सिंह और लालू प्रसाद यादव मीडिया के कैमरे में बातें करते हुए कैद हुए तो दोनों को लेकर चर्चाएं तेज हो गयी. लोग एक दूसरे से पूछते नजर आये कि आखिर दोनों में क्या बात हुई और गिरिराज ने लालू के कान में आखिर क्या कहा ?
बिहार की राजनीति के दो माहिर खिलाड़ी लालू यादव और गिरिराज सिंह के रिश्ते किसी से छिपे नहीं हैं. गिरिराज सिंह मौका पाते ही लालू पर हमला बोल देते हैं, वहीं लालू भी गिरिराज क्या भाजपा को आड़े हाथों लेने का एक भी मौका नहीं छोड़ते. सुशील मोदी के बेटे की शादी में दोनों नेताओं के बीच की आत्मीयता को लोगों ने नजरें गड़ाकर देखा. मौका शादी का था, इसलिए लोगों का कहना है कि दोनों के बीच सियासी कटुता ने राजनीतिक मधुरता का रूप ले लिया, इसमें कौन सी बड़ी बात है. हालांकि, लालू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कुर्सियों के बीच 20 कुर्सी का फासला था. सुशील मोदी के मनाही के बीच भी लालू अपनी परंपरा को निभाते दिखे और दुल्हन को शगून का लिफाफा थमा दिया. जदयू ने कहा कि लालू मीडिया के डार्लिंग हैं, इसलिए उन्होंने खबरों में बने रहने के लिए लिफाफा दिया. उधर, राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि लालू के लिफाफे पर राजद का बयान यह केवल लिफाफा नहीं बल्कि परंपरा है जो सदियों से चलती आ रही है और लालू जी जहां होते हैं वहीं खबर होती है. लोग अपनी चिंता करें.
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