पटना: राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद ने प्रदेश में सत्तारूढ़ जदयू के दो नेताओं द्वारा दलितों और महादलितों की ओर प्रति पार्टी के रवैये पर असंतोष जताये जाने का समर्थन करते हुए आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आरक्षण विरोधी रहे हैं.
-बिहार में एक बार फिर आरक्षण के मुद्दों को लेकर सियासत तेज हो गयी है.
-लालू यादव इस मसले को लेकर नीतीश कुमार की मंशा पर बड़ा सवाल उठा रहे हैं.
-पटना में आज पत्रकारों को संबोधित करते हुए राजद सुप्रीमो कहा, उदय नारायण चौधरी और श्याम रजक जो कुछ (दलितों के आरक्षण को लेकर) कह रहे हैं, वह सही है.
-दलितों को मिले आरक्षण पर कई ओर से हमला हो रहा है. मुझे आश्चर्य है कि उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार इस मुद्दे पर चुप हैं. हम जानते हैं कि वह हमेशा आरक्षण विरोधी रहे हैं.
-उल्लेखनीय है कि गत सोमवार को जदयू के इन दोनों नेताओं ने वंचित वर्ग मोर्चौ की ओर से आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पदोन्नति में आरक्षण को खत्म किए जाने तथा क्रिमी लेयर को शामिल किए जाने के प्रस्ताव की निंदा की.
-जदयू के दोनों नेताओं ने केंद्र और राज्य सरकार के पास इसको लेकर राजनीतिक इच्छा शक्ति का अभाव होने का आरोप लगाया था.
-हालांकि बाद में श्याम रजक ने स्पष्ट किया था कि वह इसको लेकर बिहार की नीतीश सरकार की मंशा पर सवाल नहीं उठा रहे हैं.
-लेकिन जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कटाक्ष करते हुए कहा कि जब कोई व्यक्ति किसी पद पर नहीं होता है, तब वह चिंता जताना शुरू कर देता है.
-वशिष्ठ की बातों से सहमति जताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने चौधरी और रजक पर दलितों के नाम पर घडियाली आंसू बहाने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीब थे तब उन्होंने दलितों को लेकर कुछ भी नहीं किया.
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