मैथ्यूज ने कबूल किया था कि उसने शेरीन को रात करीब तीन बजे घर से बाहर निकाल दिया था और उसे एक बड़े पेड़ के पास खड़े होने को कहा था. 15 मिनट बाद वह शेरीन को देखने गया तो वह वहां नहीं मिली. उसे इस बात की जानकारी थी कि इलाके में जंगली जानवर हैं. उसने घटना की जानकारी पुलिस को पांच घंटे बाद दी थी. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 19 अक्तूबर को ट्वीट किया था कि हम लापता बच्ची को लेकर बहुत चिंतित हैं. इसके बाद अमेरिका में भारत के दूतावास व महावाणिज्य दूत ने सरस्वती (शेरिन मैथ्यूज) की खोज में अपनी हरकत तेज कर दी थी,
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नालंदा के अनाथालय से गोद ली गयी बच्ची का मिला अमेरिका में शव!
ह्यूस्टन\िबहारशरीफ . अमेरिका में पुलिस को सोमवार को सड़क के नीचे सुरंग से एक बच्ची का शव मिला़ आशंका जतायी जा रही है कि यह शव दो सप्ताह पहले लापता हुई तीन वर्षीया भारतीय बच्ची शेरीन (मूल नाम सरस्वती)का है. शेरीन को वेस्ले मैथ्यूज (37) ने बिहार के बिहारशरीफ स्थित नालंदा मदर टेरेसा अनाथ आश्रम […]
ह्यूस्टन\िबहारशरीफ . अमेरिका में पुलिस को सोमवार को सड़क के नीचे सुरंग से एक बच्ची का शव मिला़ आशंका जतायी जा रही है कि यह शव दो सप्ताह पहले लापता हुई तीन वर्षीया भारतीय बच्ची शेरीन (मूल नाम सरस्वती)का है. शेरीन को वेस्ले मैथ्यूज (37) ने बिहार के बिहारशरीफ स्थित नालंदा मदर टेरेसा अनाथ आश्रम से दो साल पहले गोद लिया था. मैथ्यूज मूलत: केरल का रहने वाला है. शेरीन सात अक्तूबर की रात उस वक्त लापता हो गयी थी, जब उसके पिता वेस्ले मैथ्यूज ने दूध पूरा नहीं पीने पर उसे सजा के तौर पर देर रात घर से निकाल दिया था. मैथ्यूज को बच्ची को छोड़ने और उसकी जान खतरे में डालने के आरोप में आठ अक्तूबर को गिरफ्तार किया गया था. उसे बाद में 2,50,000 डॉलर की जमानत पर रिहा कर दिया गया.
मैथ्यूज ने कबूल किया था कि उसने शेरीन को रात करीब तीन बजे घर से बाहर निकाल दिया था और उसे एक बड़े पेड़ के पास खड़े होने को कहा था. 15 मिनट बाद वह शेरीन को देखने गया तो वह वहां नहीं मिली. उसे इस बात की जानकारी थी कि इलाके में जंगली जानवर हैं. उसने घटना की जानकारी पुलिस को पांच घंटे बाद दी थी. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 19 अक्तूबर को ट्वीट किया था कि हम लापता बच्ची को लेकर बहुत चिंतित हैं. इसके बाद अमेरिका में भारत के दूतावास व महावाणिज्य दूत ने सरस्वती (शेरिन मैथ्यूज) की खोज में अपनी हरकत तेज कर दी थी,
गया में सड़क के किनारे से मिली थी सरस्वती
नालंदा मदर टेरेसा अनाथ अश्राम की संचालिका बबीता कुमारी ने बताया कि डेढ़ वर्ष की उम्र में गया से सरस्वती यहां आयी थी. गया में सड़क के किनारे से वह छह माह की उम्र में मिली थी. गया अनाथालय से उसे यहां शिफ्ट किया गया था. सरस्वती काफी हंसमुख मिजाज की थी और अनाथालय में आने वाले लोगों को अंकल कह कर संबोधित करती थी. उन्होंने बताया कि गोद लेने वाले अमेरिकी दंपति वेस्ले मैथ्यूज को पूर्व से भी एक बच्ची थी, जिसके कारण उन्हें सरस्वती को गोद देने के मूड में नहीं थी. ऑथोराइज्ड फॉरनर एडॉप्शन एजेंसी के आग्रह के बाद सरस्वती को वेस्ले मैथ्यूज को गोद दिया गया था.
भारतीय कानून के अनुसार सजा देने की मांग
बबीता कुमारी ने दूध नहीं पीने की सजा के रूप में रात्रि के तीन बजे घर से बाहर निकाले जाने की सूचना पर हैरानी जताते हुए कहा कि सोने के पूर्व दूध पीने की परंपरा है, मगर रात्रि के तीन बजे दूध पीने के लिए सरस्वती को कहना और नहीं पीने पर सजा के रूप में घर से बाहर निकाल देना समझ के बाहर की बात है. बबीता कुमारी ने अमेरिकी दंपति पर भारतीय कानून के अनुसार सजा देने की मांग की है.
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