पटना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. पीएम नरेंद्र मोदी शनिवार को बिहार के दौरे पर आ रहे हैं. उनका मिनट टू मिनट कार्यक्रम तय हो चुका है. उनके आगमन को लेकर सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. प्रधानमंत्री पटना विवि के 14 अक्तूबर को आयोजित शताब्दी वर्ष समारोह को संबोधित करेंगे और इसमें भाग लेंगे. गेस्ट के बैठने की व्यवस्था से लेकर उनके सिटिंग अरेंजमेंट की लिस्ट तैयार हो चुकी है. चर्चा इस बात की शुरू हो गयी है कि पटना विवि के एलमुनाई रहे बिहार के सबसे बड़े सियासी परिवार के मुखिया राजद सुप्रीमो लालू यादव को भी समारोह में आमंत्रित करने की चर्चा है. हालांकि, इसकी अभी पुष्टि नहीं हुई है. राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तो प्रोटोकॉल के तहत प्रधानमंत्री के साथ मंच पर मौजूद रहेंगे, लेकिन राजद सुप्रीमो लालू यादव को यदि आमंत्रण मिलता है, तो वह कहां बैठेंगे. पिछली बार जब प्रकाश उत्सव में पीएम पटना आये थे, तो लालू यादव को जमीन पर बैठना पड़ा था. चूकी उस वक्त लालू यादव कि पार्टी बिहार सरकार में शामिल थी, इसलिए इसकी चर्चा जोर-शोर से हुई थी. राजद नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने नीतीश पर बड़ा हमला बोला था, वहीं कांग्रेस ने लालू के मंच पर नहीं बैठने को लेकर अफसोस जाहिर किया था.
लालू को पटना विवि के पूरवर्ती छात्र होने की हैसियत से आमंत्रण देने की चर्चा चल रही है. वहीं दूसरी ओरं, अभी तक राजद या लालू यादव की ओर से ऐसा कोई बयान नहीं आया है कि आखिर वह कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे या नहीं. राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि आखिर लालू को बैठने के लिए कहां जगह दी जायेगी. कई नेताओं का कहना है कि लालू यादव दर्शक दीर्घा में बैठेंगे. जदयू प्रवक्ता सह विधान पार्षद नीरज कुमार का कहना है कि लालू यादव पटना विवि केपरवर्ती छात्र और छात्र संघ के निर्वाचित अध्यक्ष रहे हैं, कालचक्र के दौर में सजायाफ्ता हो गये हैं, हमारी उम्मीद है कि राजनैतिक रूप से असहज रहने के बावजूद परवर्ती छात्र होने के नाते, उच्च रक्तचाप और ब्लड सुगर की दवा अथवा सीबीआइ के विशेष न्यायालय के अनुरोध करके छुट्टी मांगकर शताब्दी समारोह में शामिल होना चाहिए. नीरज कुमार ने कहा कि विवि के निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत उन्हें स्थान मिलेगा.
सियासी गलियारे में चर्चा है कि विवि के प्रोटोकॉल के तहत लालू यादव को यदि बुलाया जाता है, तो वह दर्शन दीर्घा में बैठ सकते हैं, लेकिन कुछ लोगों का कहना है कि लालू वहां बैठना पसंद नहीं करेंगे और फिलहाल इस कार्यक्रम से अपने को दूर रखने की कोशिश करेंगे. अब खबर आ रही है कि उन्हें निमंत्रण नहीं दिया गया है. फिलहाल, जो भी हो, इस मसले को लेकर बिहार की सियासत तेज हो गयी है.
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