पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उन्हें विवाह समारोह में शामिल होने के लिए निमंत्रित करने वालों को यह कहना होगा कि कोई दहेज नहीं लिया गया है. पटना के एक अणे मार्ग स्थित अपने आवास पर लोक संवाद कार्यक्रम के बाद सोमवार को पत्रकारों द्वारा दहेज प्रथा एवं बाल विवाह को लेकर प्रदेश में छेड़े गये अभियान के बारे में पूछे जाने पर नीतीश कुमार ने कहा कि उन्हें विवाह समारोह में आमंत्रित करने पर कोई शपथपत्र नहीं मांगा जायेगा, लेकिन लोग यदि स्वयं यह कहेंगे कि मैंने बिना दहेज के शादी की है तो इसका समाज पर बहुत अच्छा प्रभाव पड़ेगा.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समाज सुधार की दिशा में इसे बड़ा अभियान बताते हुए कहा कि इसमें आप मीडिया वाले भी इस अभियान को आगे बढ़ाने में हमारी मदद करें. नीतीश ने कहा कि बिहार में बाल विवाह 39 प्रतिशत है. महिला अपराध में बिहार का 26वां स्थान है. यदि दहेज प्रथा एवं बाल विवाह बंद हो जायं तो कितना बड़ा बदलाव आयेगा. इसके लिए जागरूकता बहुत बड़ा माध्यम बनेगा. अगले साल 21 जनवरी को मानव श्रृंखला बनेगी, जो जन समर्थन का प्रतीक होगी. लोग यदि खुद ही यह कहेंगे कि मैंने बिना दहेज के शादी की है तो इसका समाज पर बहुत अच्छा प्रभाव पड़ेगा.
सीएमनीतीश ने मीडिया को समाज में बदलाव का बड़ा शक्तिशाली माध्यम बताया और उससे इस अभियान के सकारात्मक पहलू से लोगों को जागरूक करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि गत 12 वर्षों में विकास के अनेक काम हुए हैं. यह काम चलता रहेगा. समाज सुधार से इस राज्य को एक नयी दिशा मिलेगी.
विवाह के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि उनका विवाह 1973 में हुआ था जिसमें दहेज नहीं लिया गया था और शादी समारोह में आने वाले लोगों के समक्ष उन्होंने और अन्य सामाजवादी नेताओं ने दहेज के खिलाफ भाषण दिया था जिसमें दहेज को समाज के लिए कैंसर बताया गया था. उन्होंने अपनी पत्नी के दस साल पहले हुए निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि पटना के लाला लाजपत राय हाल में संपन्न हुए मेरे विवाह समारोह में शामिल हुए पटना विश्वविद्यालय के कुलपति सहित कई समाजवादी नेताओं ने दहेज के खिलाफ बोला था.