पटना : बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर 2019 में भाजपा को जीत हासिल करने का लक्ष्य नयी दिल्ली से दे दिया गया है. पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बिहार के नेताओं को स्पष्ट निर्देश दे दिया गया है कि नवरात्र के बाद वह इस काम में जुट जायें. सूत्रों की मानें तो अब आने वाले दिनों में बिहार में जो पार्टी की बैठक होगी, उसमें नयी दिल्ली से मिले टॉस्क की चर्चा की जायेगी. बिहार के भाजपा नेताओं के साथ जमीन से जुड़े कार्यकर्ताओं को भी कई मुद्दों पर फोकस करने के लिए कहा गया है और केंद्र सरकार की योजनाओं के साथ नीचे दिये गये मुद्दों को लोगों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गयी है.
– बिहार के नेताओं को उस छह सूत्री एजेंडे पर काम करने को कहा गया है, जिसे राष्ट्रीय कार्यकारिणी में मंजूरी मिली है. गंदगी, गरीबी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, जातिवाद, सांप्रदायिकता एवं तुष्टीकरण की राजनीति को समाप्त करने की 2022 की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की न्यू इंडिया संबंधी सोच पर प्रतिबद्धता के साथ अमल करने पर जोर दिया गया है.
– राज्य में नेताओं को कहा गया है कि व्यापारियों के बीच यह जिक्र करने का निर्देश दिया गया है जिसमें केंद्र सरकार ने देश में वन नेशन, वन टैक्स की लंबे समय से चल रही मांग को पूरा किया है. विमुद्रीकरण के बाद अप्रत्यक्ष करों को लेकर आर्थिक सुधारों की दिशा में यह दूसरा ऐतिहासिक कदम सरकार द्वारा उठाया गया है. जीएसटी लागू होने से व्यापार में सुगमता को लाकर व्यापारी वर्ग को होने वाली समस्याओं को समाप्त किया गया है.
– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकासोन्मुख नीतियों की वजह से उनके प्रति देश में समर्थन और विश्वास में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई है साथ ही वैश्विक स्तर पर भारत की साख आतंकवाद व अलगाववाद पर सख्ती, कुशल विदेश नीति, महिलाओं के गरिमापूर्ण जीवन के अवसर में बढ़ोतरी एवं गरीब कल्याणकारी नीति तथा वित्तीय समावेशन जैसे विषयों पर सरकार के प्रति जनमानस में विश्वास मजबूत हुआ है. इस बात को भी लोगों तक पहुंचाना है.
– अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की मजबूत उपस्थिति, डोकलाम पर शांतिपूर्ण समाधान, अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में संवेदनशीलता को प्राथमिकता, आधारभूत संरचनाओं को मजबूती, पिछड़े वर्ग को संवैधानिक अधिकार हेतु संकल्प और न्यू इंडिया के संकल्प पर कार्य करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गयी है. इस पर भी बिहार भाजपा नेता काम करेंगे.
-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने साल 2022 में स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने तक न्यू इंडिया का संकल्प प्रस्तुत किया है. संकल्प से सिद्धि कार्यक्रम के अंतर्गत देश को 2022 तक न्यू इंडिया के लक्ष्यों को संकल्प के रुप में देश के समक्ष रखा है. प्रस्ताव में कहा गया है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी का यह स्पष्ट मत है कि 125 करोड़ देशवासी इस संकल्प को अपना व्यक्तिगत संकल्प बनायेंगे तो न्यू इंडिया बनने से कोई रोक नहीं सकता. इस बात को भी बिहार में जन-जन तक पहुंचाना है.
– बिहार के नेताओं को नोटबंदी से होने वाले लाभ को लोगों तक सकारात्मक रूप से पहुंचाने का निर्देश दिया गया है, जिसमें भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ केंद्र सरकार ने जनता को दिये अपने वचन को सिद्ध किया है. नोटबंदी को लेकर मिला जनसमर्थन इस संदर्भ में उल्लेखनीय है. इस एक निर्णय ने कालाबाजारी और कालाधन रखने वालों की कमर तोड़ दी है. इस निर्णय से देश में पारदर्शी अर्थतंत्र की बुनियाद मजबूत करने की दिशा में अभूतपूर्व सफलता मिली है, ईमानदारी से कारोबार करने वालों के लिए अवसर सुगम हुए हैं.
-केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा, गैस सब्सिडी, पेंशन, स्कॉलरशिप इत्यादि का सीधे डिजिटल माध्यम से नकद हस्तांतरण करके करोड़ों लाभार्थियों के जीवन में पारदर्शी व्यवस्था से सुगमता लाई गयी है. इस व्यवस्थागत परिवर्तन का परिणाम है कि देश में व्यक्तिगत टैक्स देने वालों की संख्या में पर्याप्त बढोत्तरी हुई है, डिजिटल लेनदेन दोगुना हुआ है एवं बड़े नोटों के नकद प्रचलन में भी पर्याप्त कमी आयी है.
– दैनिक उपयोग की तमाम वस्तुओं पर लगने वाले करों का बोझ भी कम हुआ है. इस टैक्स के लागू होने के प्राम्भिक दौर में जनता और व्यापारियों को होने वाली दिक्कतों का समाधान सरकार लगातार कर रही है.
-बिहार के नेताओं को यह स्पष्ट कहा गया है कि लोगों में इस बात का भी संदेश जाना चाहिए कि केंद्र सरकार की आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस ठोस नीति रही है. सरकार इसी नीति पर चलते हुए आतंकवादी तत्वों एवं उनके सहयोगियों के खिलाफ सख्ती से निबट रही है. सुरक्षा बलों ने इस पूरे मामले में जिस संवेदनशीलता का परिचय दिया है और इसके सकारात्मक परिणाम सामने आये हैं.
– महिलाओं के जीवन में समानता एवं गरिमापूर्ण जीवन के अवसरों में सुचारु रूप से बढ़ाने की बेटी बचाओ-बेटी पढाओ, सुकन्या समृद्धि योजना एवं उज्जवला योजना के माध्यम से तीन करोड़ से अधिक महिलाओं को लाभार्थी बनाने की सराहना की गयी है.
– तीन तलाक जैसी कु-प्रथा की वजह से लैंगिक असमानता और संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हो रहा था. इस संदर्भ में केंद्र सरकार का पक्ष स्पष्ट था कि समानता संविधान की मूल संरचना का हिस्सा है और बदला नहीं जा सकता है. इस फैसले का समाज के हर वर्ग की महिलाओं सहित मुस्लिम महिलाओं ने भी स्वागत किया है. इस संदेश को भी लोगों तक पहुंचाना है.
-पार्टी की ओर से भाजपा नेताओं को किसानों के बीच इस बात को रखने के लिए कहा गया है कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड एवं किसान फसल बीमा योजना से खेती में उत्पादन वृद्धि एवं अनिश्चतताओं को दूर करने में सफलता मिली है. प्रधानमंत्री फसल बीमा में प्रीमियम बहुत कम रखा गया है एवं आपदा क्षेत्रों को भी विस्तृत किया गया है जिससे अधिकाधिक क्षतिपूर्ति हो सके.
-सरकार ने स्वरोजगार के अवसरों की भी उपलब्धता करायी है. युवाओं के समन्वित विकास के लिए राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन, कौशल विकास एवं उधामिता की राष्ट्रीय नीति, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना को शुरु किया गया और इनमें दलित, आदिवासी व महिला उद्यमी को जोड़ा गया है.
– लोगों के बीच डोकलाम पर शांतिपूर्ण समाधान को राजनीतिक परिपक्वता और कूटनीति की विजय का परिचायक बताते हुए कहा गया है कि इस मामले पर देश के नेतृत्व ने जिस कुशलता तथा धैर्य संयम और दृढ़ता का परिचय दिया उनसे राष्ट्र के हितों की रक्षा तो हुई हीसाथ ही विश्व में भारत का सम्मान और भी बढ़ा है.
-सरकार ने पिछड़े वर्ग को संवैधानिक अधिकार हेतु संकल्प व्यक्त करते हुए कहाहै कि भाजपा की सरकार का लक्ष्य सबका साथ, सबका विकास के उद्देश्यों को प्राप्त करना है. इस क्रम में सामाजिक एवं शैक्षिक रूप से पिछड़ा वर्ग की संवैधानिक मान्यता का प्रश्न दशकों से लंबित था, इस बारे में मोदी सरकार ने पहल की लेकिन राज्यसभा में कांग्रेस के विरोध की वजह से यह प्रस्ताव लागू नहीं हो सका है. भाजपा पूरी प्रतिबद्धता के साथ इसे लागू कराने का संकल्प लेती है.
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