पटना : पुलिस ने पटना के साथ ही उत्तर प्रदेश के हरदोई व ऐटा इलाके में छापेमारी कर युवतियों की बिक्री करनेवाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. साथ ही तीन लड़कियों को उनके चंगुल से मुक्त करा गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया. मुक्त करायी गयीं दो लड़कियां नाबालिग हैं.
पकड़े गये गिरोह के सदस्यों में चंदेश्वर यादव (सनपसुरी, ऐटा, उत्तर प्रदेश), नारायण तिवारी (खनुआ शंकरपुर, पाली, हरदोई, उत्तर प्रदेश), सुधीर कुमार (रेयद, जयसरा, ऐटा, उतर प्रदेश), मालती देवी (जमुआपुर, मालसलामी, पटना) व कोमल कुमारी (मकरौता, चिकसौरा, नालंदा) शामिल हैं. मालती देवी व कोमल कुमारी गिरोह की एजेंट हैं और बाकी तीनों इन दोनों महिलाओं के माध्यम से लड़कियों की खरीद-फरोख्त करते हैं. मालती व कोमल गरीब घर की लड़कियों को नौकरी या पैसे का प्रलोभन या फिर घुमाने-फिराने के नाम पर उत्तरप्रदेश ले जाती हैं और सक्रिय गिरोह के हवाले कर कमीशन लेकर वापस लौट जाती हैं.
इधर, परिजनों को यह लगता है कि वह लापता हो गयी है, थाना में सनहा दर्ज कर दौड़ते रह जाते हैं. जबकि, लड़कियों की खरीद-फरोख्त करनेवाले ये तस्कर उन्हें मोटी रकम लेकर बेच देते हैं या फिर सेक्स रैकेट में उतार देते हैं. यहां तक की शादियों के लिए भी उत्तर प्रदेश, हरियाणा व अन्य राज्यों में बेच देते हैं. अभी तक पूछताछ में जो जानकारी पुलिस को मिली है, उसके अनुसार एक लड़की के बदले यह गिरोह दो से तीन लाख रुपये तक वसूलता है और इसमें 50-60 हजार प्रति लड़की मालती देवी व कोमल कुमारी को कमीशन मिलता है.
कैसे पकड़े गये
पुलिस आमतौर पर लड़कियों की गुमशुदगी के मामले में यह मान कर चलती है कि वह प्रेम-प्रसंग में घर से भाग गयी है. हालांकि, ऐसे मामलों में ढंग से अनुसंधान नहीं होने से लड़की बरामद नहीं हो पाती है. 13 सितंबर को फतुहा थाने के परसा निवासी बाबू लाल पासवान ने पुलिस को जानकारी दी कि बाइपास थाना इलाके की महिला मालती देवी ने उसकी दोनों बेटियों को बेच दिया है. उसके बाद एसएसपी मनु महाराज ने विशेष टीम का गठन कर मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी. इसके बाद मालती देवी को पकड़ा गया और फिर उसकी निशानदेही पर कोमल देवी को गिरफ्तार किया गया.
एजेंटों के पकड़े जाने के बाद हुआ खुलासा
दोनों एजेंटों मालती और कोमल के पकड़े जाने के बाद इस मामले का पूरी तरह खुलासा हो गया. पुलिस को जानकारी मिली कि मालती देवीकी जान-पहचान उत्तर प्रदेश के कृपाल यादव से है और वह लड़कियों की खरीद-बिक्री का धंधा करता है. पुलिस टीम ने जब कृपाल यादव के घर पर छापेमारी की तो वह फरार हो गया. लेकिन, उसकी पत्नी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. उसने रघुवीर यादव व उसके दामाद सुधीर कुमार के भी इस धंधे में शामिल होने की जानकारी दी. मामले में आगे पुलिस ने रघुवीर के घर दबिश दी, जहां से सुधीर को गिरफ्तार किया गया. जांच के क्रम में चंदेश्वर यादव को गिरफ्तार कर बाबूलाल की एक बेटी को बरामद कर लिया गया. इसके बाद बरामद बेटी की निशानदेही पर पुलिस ने उत्तरप्रदेश के हरदोई के पाली में नारायण तिवारी के घर पर छापेमारी कर दूसरी बेटी को भी बरामद कर लिया. यहां एक और महिला इस गिरोह के चंगुल में थी, जिसे भी पुलिस ने मुक्त करा लिया.
बंधक बना करते थे यौन शोषण
बरामद लड़की ने पुलिस को बताया कि उन लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर मालती देवी वहां ले गयी और फिर उन्हें उन लोगों के हाथों में सौंप दिया गया. इस दौरान उन्हें हमेशा कमरे में बंधक बना कर रखा जाता और काम कराने के साथ ही जबरन शारीरिक संबंध भी बनाया जाता था. उन्हें यह भी बताया जाता था कि अमुक से उनकी शादी हो गयी है और अब वह उसकी पत्नी है. इसलिए पत्नी का सारा काम उन लोगों को करना है.
तत्पर रहें अधिकारी, करें त्वरित कार्रवाई
पटना के एसएसपी मनु महाराज ने पुलिस पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि लड़कियों के गायब होने की सूचना पर त्वरित कार्रवाई करें. इस तरह के संवेदनशील मामले में किसी प्रकार की कोताही बरदाश्त नहीं की जायेगी. इस मामले में गिरोह के अन्य सदस्यों के संबंध में भी जानकारी मिली है, अन्य आरोपितों को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी की जा रही है.