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मंत्रिपरिषद विस्तार और फेरबदल को लेकर बिहार में सियासी बयानबाजी तेज, जदयू को मिलेगी एंट्री!

नयी दिल्ली/पटना : भाजपा की सहयोगी जदयू समेत अन्य पार्टियों के किसी नेता कोनरेंद्र मोदी कैबिनेट में मंत्रीनहींबनाये जाने को लेकर बिहार में सियासी बयानबाजीतेजहो गयी है. दरअसल, नरेंद्र मोदी मंत्रिपरिषद में तीसरी बार हुए विस्तार और फेरबदल में सिर्फ भाजपा के नेताओं को जगह मिली. भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए के घटक दलों के […]

नयी दिल्ली/पटना : भाजपा की सहयोगी जदयू समेत अन्य पार्टियों के किसी नेता कोनरेंद्र मोदी कैबिनेट में मंत्रीनहींबनाये जाने को लेकर बिहार में सियासी बयानबाजीतेजहो गयी है. दरअसल, नरेंद्र मोदी मंत्रिपरिषद में तीसरी बार हुए विस्तार और फेरबदल में सिर्फ भाजपा के नेताओं को जगह मिली. भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए के घटक दलों के किसी नेता को इस बारमंत्रिपरिषद में शामिल नहीं किया गया. ऐसी अटकलें लगायी जा रही थी कि भाजपा के नये सहयोगी दल जदयू को केंद्र में प्रतिनिधित्व मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जिसको लेकरबिहारमें मुख्य विपक्षी दलराजद नेनीतीश कुमार पर हमला तेज कर दिया है. हालांकि, मोदी मंत्रिमंडल में इस समय 75 मंत्री हैं. संवैधानिक सीमा कुल 81 मंत्री रखने की इजाजत देती है. ऐसे में मोदी कैबिनेट में जदयू और एआइएडीएमके को एंट्री मिलने की चर्चा सियासी गलियारों में जोर पकड़ रही है.

जदयू और एआइएडीएमके को जगह नहीं मिलने पर सवाल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में जदयू और एआइएडीएमके को जगह नहीं मिलने पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. राजनीतिक गलियारों में इस बात चर्चा जोर पकड़ रही है कि 2019 लोकसभा चुनाव से पहले कैबिनेट में हुए इतने बड़े फेरबदल के बाद भी सहयोगी दलों पर क्यों नहीं दिया गया. इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर लोग कुछ नेताओं का नाम लेकर उन्हें मोदी कैबिनेट का हिस्सा बनाने की मांग कर रहे हैं.चर्चा है कि प्रधानमंत्री मोदी अपने मंत्रिमंडल में एक बार फिर विस्तार कर सकते हैं, क्योंकि छह और मंत्रियों को शामिल किए जाने की गुंजाइश अभी बाकी है.

दरसअल, मोदी मंत्रिमंडल में इस समय 75 मंत्री हैं. जिनमें 27 कैबिनेट मंत्री, 11 स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्री और 37 राज्यमंत्रीहै.जबकि संवैधानिक सीमा कुल 81 मंत्री रखने की इजाजत देती है. चर्चा है कि संवैधानिक सीमा लोकसभा में सत्ताधारी गठबंधन की घटक पार्टियों की कुल शक्ति का 15 फीसदी तय है, इस हिसाब से भी एक और विस्तारकीसंभावना जतायी जा रही है.

जदयू कोभी मिल सकता हैप्रतिनिधित्व
राजनीतिक गलियारों में अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले मंत्रिमंडल विस्तार में हाल ही में फिर से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हुए नीतीश कुमार के जदयू और तमिलनाडु में सत्तारूढ़ एआइएडीएमके को प्रतिनिधित्व मिल सकता है. इस तरह मोदी मंत्रिमंडल 81 का आंकड़ा छू सकता है.

केंद्र से सकारात्मक संदेश मिलने पर जदयू करेगा स्वागत : जदयू
केंद्रीय कैबिनेट के विस्तार के बाद जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता सह प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने मंत्रियों को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि यह भाजपा के अंदर का कैबिनेट विस्तार है. इसमें कुछ लोगों को कैबिनेट से हटाया गया, कुछ नये लोगों को जोड़ा गया और कुछ का पद बढ़ाया (प्रोमोशन किया) गया. बिहार में एनडीए की सरकार है और जदयू के साथ-साथ भाजपा कोटे के भी मंत्री हैं. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने जदयू को एनडीए में शामिल होने के लिए निमंत्रण दिया था. इसके बाद जदयू ने 19 अगस्त को ही एनडीए में शामिल हुई है.

उन्होंने कहा, बिहार में जिस प्रकार एनडीए सुगमता से चल रहा है, उसी प्रकार राष्ट्रीय स्तर पर भी चले यही पार्टी चाहती है. उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं ने केंद्रीय कैबिनेट में एनडीए के विस्तार की बात कही है. जदयू उसका स्वागत करती है. अगर केंद्र से सरकार में शामिल होने का सकारात्मक संदेश मिलेगा तो उसका स्वागत करेंगे.

लालू के निशाने पर नीतीश
वहीं, केंद्र सरकार में जदयू को शामिल नहीं किये जाने पर राजद सुप्रीमो ने कहा कि नीतीश कुमार की हालत झुंड से भटके हुए जैसी हो गयी. गाछ (पेड़) से गिरने के बाद जिस तरह से बंदर को कोई नहीं पूछता, उसी तरह की स्थिति जदयू की हो गयी है. अब नीतीश कुमार रूम बंद कर दोनों हाथ माथा पर रखकर रोएं और प्रायश्चित करें. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा कि नीतीश कुमार का अभी और बुरा हाल होने वाला है. मोदी और शाह की जोड़ी ने नीतीश से भोज कैंसिल करने का बदला ले लिया है. हमारे साथ थे तो मनमाफिक काम करते थे. लालू ने कहा कि नीतीश की पार्टी को अगर केंद्र में एक मंत्री पद मिल रहा था तो उनको सरकार में साथ जाना चाहिए था. नीतीश ने ऐसा नहीं किया. नीतीश का गुजारा पूरे देश में कहीं भी नहीं होने वाला है.

मोदी जी अपमान नहीं भूलतेहैं : शिवानंद

नरेंद्र मोदी कैबिनेट में जदयू को शामिल नहीं किये जाने पर राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा है कि नीतीश कुमार की स्थिति माया मिली न राम जैसी हो गयी है. मंत्रिमंडल विस्ता र में उनकी पार्टी को जगह नहीं मिली. इसके पहले प्रधानमंत्री बाढ़ निरीक्षण के लिए आये थे. चर्चा थी कि पहले पटना में मुख्यमंत्री आवास में जूठन गिरायेंगे. तब पीएम और सीएम बाढ़ निरीक्षण के लिए उड़ान भरेंगे. खबर छपी थी कि नीतीश कुमार ने पीएम के पसंद का गुजराती व्यंजन बनाने के लिए बढ़िया गुजराती रोसोईया भी बुला लिया था. शायद नरेंद्र मोदी उस घर में पैर नहीं रखना चाहते थे जिस घर में भोजन के लिए तमाम भाजपा नेताओं को न्योता दिया गया था. सिर्फ उनकी वजह सभी का न्योता लौटा लिया गया. यह भाजपा नेतृत्व का सामूहिक अपमान था. इस अपमान का कारण वे स्वयं थे. मोदी जी को जानने वाले कहते हैं वे अपमान नहीं भूलते हैं.

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