पटना : बिहार में आयी बाढ़ से 514 लोग काल के गाल में समा गये. साथ ही 19 जिलों में कुल 1.17 करोड़ लोग बाढ़ से प्रभावित हुए. अभी भी बाढ़ राहत शिविरों में 57 हजार 109 लोग शरण लिए हुए हैं. आपको मालूम है बिहार में मची इतनी बड़ी तबाही का कसूरवार कौन है ? यदि नहीं, तो हम आपको बताते हैं. बाढ़ के कसूरवार चूहे हैं. जी हां, यह हम नहीं कह रहे हैं. यह विभाग से संबंधित के मंत्री जी कह रहे हैं. बिहार में चूहे इतने बलशाली हैं कि उन्होंने बिहार के कई तटबंधों को ध्वस्त कर दिया है. महज एक तीस रुपये की चूहेदानी में फंस जाने वाले चूहे बिहार सरकार के लिए सिरदर्द बन गये हैं. अभी ज्यादा दिन नहीं हुआ, जब चूहों पर आरोप लगा कि उन्होंने बिहार के थानों के मालखाने में रखी शराब गटक ली और अब बिहार में बाढ़ लाने का अपराध कर चुके हैं. विभागीय मंत्री की मानें, तो यह चूहे लाइलाज हैं जिनके आगे सरकार ने हथियार डाल दिया है.
एक न्यूज चैनल से बातचीत में बिहार के जल संसाधन मंत्री ललन सिंह ने इसका कारण बताया है कि चूहों ने कैसे तटबंधों को कमजोर कर बिहार में बाढ़ लाने का काम किया है. बिहार में आयी बाढ़ का एक मुख्य कारण पता चला है,नेपाल की बारिश और बिहार की भौगोलिक स्थिति या फिर सरकार की कम तैयारी इसकी वजह नहीं,इसकी मुख्य वजह हैं,चूहे. 19 जिलों की 1 करोड़ 71 लाख की आबादी जिस बाढ़ से प्रभावित हुई है, उसमें सबसे बड़ी भूमिका चूहों की रही. नदी के तटबंधों को तो इन्होंनेतोड़ दिया. यानी विभागीय मंत्री की मानें तो चूहों ने बड़े-बड़े तटबंधों को पूरी तरह पहले ही ध्वस्त कर दिया था और थोड़ा सा पानी आया तो पूरा का पूरा तटबंध बह गया और बाढ़ आ गयी. जानकारी के मुताबिक बांध और तटबंधों के भीतर भारी संख्या में चूहे अपने घर बना लेते हैं और उसमें छेद कर पूरा का पूरा बांध ही कुतर डालते हैं, जिस वजह से बांध कमजोर हो जाता है.
अगर आप यह सोच रहे की मंत्री जी की यह अपनी दलील है तो ऐसा नहीं बाढ़ में सरकार के एक और महकमे कीबड़ी भूमिका होती है,आपदा प्रबंधन विभाग. चैनल ने इस संबंध में आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री दिनेश चंद्र यादव से भी बातचीत की. उन्होंने जो कारण बताया, वह सुनकर आप चौंक जायेंगे. उनका कहना है कि बिहार में बाढ़ का सबसे बड़े कारण चूहे, तो है हीं, साथ ही इनका और मच्छरों का कोई इलाज भी नहीं है. बिहार के मंत्रियों ने तो चूहों के आगे हथियार डाल दिया है. इन चूहों के कारण आ गयी बाढ़. ऐसे यह पहला मौका नहीं है इससे पहले भी जब बिहार में थानों से शराब गायब होने की खबर आयी थी, तो ठीकरा चूहों के माथे फोड़ा गया था. अब विपक्ष पूछ रहा सवाल की अगर बिहार के चूहे इतने ताकतवरहैं, तो इन्हें ही गद्दी क्यों न सौंप दी जाये.
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