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BIHAR : अब उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत, बालू के मूल्य को ऐसे नियंत्रण करेगी सरकार

पहल : उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत, इसके लागू होने पर बालू माफिया पर लगाम लग सकेगा, राज्य सरकार को मिल सकेगा उचित राजस्व पटना : प्रदेश में मकान बनाने वालों के लिए अच्छी खबर है. बहुत जल्द उन्हें बालू खरीदने के लिए अनाप-शनाप पैसे नहीं चुकाने होंगे. यह अब उचित कीमत पर मिल सकेगा. राज्य […]

पहल : उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत, इसके लागू होने पर बालू माफिया पर लगाम लग सकेगा, राज्य सरकार को मिल सकेगा उचित राजस्व
पटना : प्रदेश में मकान बनाने वालों के लिए अच्छी खबर है. बहुत जल्द उन्हें बालू खरीदने के लिए अनाप-शनाप पैसे नहीं चुकाने होंगे. यह अब उचित कीमत पर मिल सकेगा. राज्य सरकार इसके मूल्य नियंत्रण की तैयारी कर रही है. इसके लागू होने पर बालू माफिया पर लगाम लग सकेगा.
साथ ही राज्य सरकार को भी उचित राजस्व मिल सकेगा. हालांकि, अभी तय नहीं हो पाया है कि मूल्य नियंत्रण के लिए किस तरह के प्रारूप पर काम होगा. इसकी मॉनिटरिंग कैसे होगी? उचित मूल्य का निर्धारण
कैसे होगा? उपभोक्ताओं तक इसकी जानकारी कैसे मिल पायेगी? खनन ठेकेदार, बालू स्टॉकिस्ट और बालू दुकानदारों पर कीमत नियंत्रण के लिए कैसे नजर रखी जायेगी? साथ ही इनका मुनाफा कैसे तय होगा?
सरकार द्वारा बनाये गये नये नियमों के उल्लंघन पर उपभोक्ता कहां शिकायत कर सकेंगे? इसमें कितने दिनों में और किस तरह की कार्रवाई होगी? राज्य सरकार का खान एवं भूतत्व विभाग इस बारे में कानूनविदों और अलग-अलग एजेंसियों की राय ले रहा है. इसके जल्द कार्यरूप में परिणत होने की संभावना है.
अभी कीमत तीन गुनी अधिक : खान एवं भूतत्व विभाग की मानें, तो प्रदेश में हर साल एक जुलाई से 30 सितंबर तक बालू के खनन पर प्रतिबंध रहता है.
केवल स्टॉक किये गये बालू की ही बिक्री होती है. वहीं, रोज नये-नये मकान बनने से इसकी मांग कम नहीं होती, लेकिन आपूर्ति में कमी आने से बालू कई गुना ज्यादा कीमत पर बिकता है. इस साल भी इस समय बालू की कीमत एक जुलाई से पहले की कीमत से कम-से-कम तीन गुना अधिक है.
इसका सीधा फायदा बालू माफिया और स्टॉकिस्ट उठाते हैं, सरकार को कोई अतिरिक्त फायदा नहीं होता. वहीं इसे खरीद कर मकान बनाने वाले परेशान होते हैं.
कीमत पर नहीं है कोई सरकारी नियंत्रण
घाटों से बालू की बिक्री होते समय ई-चालान के लिए सरकार ने दर तो निर्धारित की है, लेकिन बाजार में बालू की कीमत पर नियंत्रण के लिए कोई सरकारी नीति नहीं है. बिहार से दूसरे राज्यों में बालू की कीमत ज्यादा है, इसलिए वहां बड़े पैमाने पर बालू भेजा जाता था.
वहीं, प्रदेश में रोज नये मकान बनने के कारण कई इलाकों में इसकी मांग की भरपाई के लिए बालू की कमी हो जाती थी. इसके विक्रेता इसका फायदा उठाते थे और अधिक कीमत पर इसे बेचते थे. इस कारण विभाग ने प्रदेश के बाहर बालू भेजने पर प्रतिबंध लगा दिया है. नये नियम और व्यवस्था बन जाने से माफिया पर अंकुश लगेगा. बालू खनन और इसकी बिक्री की सही जानकारी खान एवं भूतत्व विभाग को मिल सकेगी.

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