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बिहार बोर्ड के 187 कर्मचारी सेवामुक्त
पटना. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने इंटर संभाग में कार्यरत 187 तदर्थ व दैनिक कर्मचारियों को सेवा से मुक्त कर दिया है. समिति के सचिव अनूप कुमार सिन्हा के हस्ताक्षर से शुक्रवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया. इनकी नियुक्ति 1993 से लेकर 1996 के बीच सहायक, दिनचर्या लिपिक, चतुर्थवर्गीय पदों पर […]
पटना. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने इंटर संभाग में कार्यरत 187 तदर्थ व दैनिक कर्मचारियों को सेवा से मुक्त कर दिया है. समिति के सचिव अनूप कुमार सिन्हा के हस्ताक्षर से शुक्रवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया.
इनकी नियुक्ति 1993 से लेकर 1996 के बीच सहायक, दिनचर्या लिपिक, चतुर्थवर्गीय पदों पर हुई थी. इनमें 2005 में बहाल हुए 52 कंप्यूटर कर्मी भी शामिल हैं. इन सभी को एक-एक माह का अतिरिक्त वेतन दिया गया है. वहीं, बिहार बोर्ड के इस निर्णय पर सेवामुक्त हुए तमाम कर्मी हतप्रभ हैं. बिहार बोर्ड तदर्थ कर्मचारी संघ के संयोजक अरुण कुमार सिंह ने बताया कि इसके खिलाफ हमलोग कोर्ट का दरवाजा खटखटायेंगे. उन्होंने कहा कि दक्ष कर्मचारियों को हटा कर नये कर्मियों को लाया जाना उचित नहीं है. सरकार को इस पर विचार करना चाहिए.
विकास आयुक्त की कमेटी ने माना था अवैध
मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष 2007 में इंटर काउंसिल को भंग कर उसका बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में विलय कर दिया गया. इसके बाद इन कर्मचारियों के सेवा संयोजन को लेकर विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी बनायी गयी. कमेटी ने 591 कर्मचारियों की सेवा को अनियमित माना.
इसके तहत राज्य कैबिनेट ने वर्ष 2012 में इनमें से 379 कर्मियों का सेवा संयोजन कर लिया. शेष 248 कर्मियों के सेवा संयोजन के संबंध में तत्कालीन शिक्षा मंत्री पीके शाही ने यथास्थिति बनाये रखते हुए कैबिनेट में संलेख प्रस्तुत करने का आदेश दिया. वर्ष 2014 में 248 कर्मचारी के सेवा संयोजन को लेकर संलेख पेश किया गया. कैबिनेट ने यह निर्णय लिया कि 248 कर्मचारियों का सेवा संयोजन के संबंध में निर्णय लिया जाना है. लेकिन, उसके बाद अचानक इन कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी गयी.
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